पुलिस चलाएगी अभियान, चोरी के वाहन खरीदने व बेचने वालों के खिलाफ अहम सुराग मिले

सुक्रांत जालंधर कमिश्नरेट पुलिस एक विशेष अभियान चलाने की तैयारी कर रही है। जल्द ही पुलिस शहर के कई इलाकों में एक साथ ड्राइव चलाकर तलाशी लेगी ताकि शहर में चोरी के वाहन खरीदने और बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 11:06 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 11:06 PM (IST)
पुलिस चलाएगी अभियान, चोरी के वाहन खरीदने व बेचने वालों के खिलाफ अहम सुराग मिले
पुलिस चलाएगी अभियान, चोरी के वाहन खरीदने व बेचने वालों के खिलाफ अहम सुराग मिले

सुक्रांत, जालंधर

कमिश्नरेट पुलिस एक विशेष अभियान चलाने की तैयारी कर रही है। जल्द ही पुलिस शहर के कई इलाकों में एक साथ ड्राइव चलाकर तलाशी लेगी ताकि शहर में चोरी के वाहन खरीदने और बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। पुलिस के हाथ कुछ अहम सुराग लगे हैं जिनमें चोरी के वाहन खरीदने वाले कई बड़े नाम भी है। हालांकि अभी तक पुलिस के हाथ उनके खिलाफ कोई ठोस सुराग नहीं लगा जिस कारण उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। पर कुछ ऐसे अहम तथ्य हाथ लगे है जिसके जरिए पुलिस उन तक पहुंचने की तैयारी कर रही है। थाना बारादरी की पुलिस टीम ने चोरी के वाहन बेचने निकले जिन दो आरोपितों को बीते दिनों गिरफ्तार किया था, उन्होंने कई और वाहन चोरी किए थे जो शहर में अलग अलग जगह पर बेचे गए थे। जांच में सामने आया कि यह एक बहुत बड़ा नेटवर्क है, जिसमें चोरी के वाहन खरीदने और बेचने का काम हो रहा है। दरअसल, थाना बारादरी की पुलिस ने बीते दिनों किशनपुरा निवासी नरेश कुमार और हरदयाल नगर निवासी राहुल सिंह को गिरफ्तार किया था। उनसे चोरी के वाहन बरामद हुए थे। उसी के बाद पुलिस ने नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए अभियान चलाने की ठानी। कई बड़े तस्करों के नाम आ चुके हैं सामने

पुलिस की तफ्तीश में कई बड़े तस्करों के नाम सामने आ चुके हैं लेकिन अभी तक उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस को कोई ऐसा गवाह नहीं मिला है जो उन तक पहुंचा सके। पुलिस ने कई पुराने वाहन तस्करों और अपने गुप्तचरों को भी रडार पर लिया है। अब चोरी के वाहन खरीदने और बेचने के समय ध्यान रखा जा रहा है कि कहीं वो पुलिस का भेजा हुआ गुप्तचर ही न हो।

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चोरी के वाहन खोल कर पार्टस बेचे जाने का धंधा पकड़ रहा है जोर

वाहनों के पा‌र्ट्स निकाल उनको बेचने का धंधा भी जोर पकड़ रहा है। वाहन का चेसी नंबर सहित अन्य कई तरीकों से ट्रेस किए जाने की संभावना रहती है लेकिन यदि पा‌र्ट्स निकाल कर बेचे जाते हैं तो पुलिस का रिस्क कम रहता है। पुलिस अब इस एंगल पर भी काम कर रही है और पा‌र्ट्स खरीदने और बेचने वालों पर भी नजर रख रही है।

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