जालंधर से 15 दिन के मासूम का हुआ था अपहरण, पुलिस ने बठिंडा से किया बरामद Jalandhar News
शिवा का अपहरण चार लाख 25 हजार रुपये में बेचने के लिए हुआ था और उसके अपहरण की साजिश आठ महीने पहले तब ही रच ली गई थी जब वो अपनी मां के गर्भ में था।
जालंधर, जेएनएन। फेयर फार्म के पास रहने वाले दिहाड़ीदार प्रमोद कुमार और उसकी पत्नी चंदा देवी के 15 दिन के बेटे शिवा के अपहरण का मामला जालंधर पुलिस ने 24 घंटे के भीतर ही सुलझा कर बच्चा परिजनों के हवाले कर दिया है। शिवा का अपहरण चार लाख 25 हजार रुपये में बेचने के लिए हुआ था और उसके अपहरण की साजिश आठ महीने पहले तब ही रच ली गई थी जब वो अपनी मां के गर्भ में था।
पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को नामजद कर दो महिलाओं शेखूपुरा निवासी मनजीत कौर उर्फ मंजू पत्नी मंगल दास और गांव चक्क फतेह सिंह वाला, बठिंडा निवासी बलविंदर कौर पत्नी पप्पू सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। मनजीत कौर उर्फ मंजू भूटानी अस्पताल की लैब टेक्नीशियन है। वहीं बच्चा उठाने के इस मामले के मास्टरमाइंड गांव कोट करार खां, कपूरथला निवासी तिलक राज, तिलक राज की पत्नी राजविंदर कौर उर्फ ज्योति, बठिंडा कैंट निवासी सुखराज सिंह, मुक्तसर साहिब निवासी बलजिंदर कौर को नामजद कर उनकी तलाश की जा रही है।
प्रेस कान्फ्रेंस में डीसीपी गुरमीत सिंह ने बताया कि शुक्रवार रात करीब साढ़े नौ बजे फेयर फार्म के पास रहने वाले प्रमोद और उसकी पत्नी चंदा की दस साल की बेटी रेशमी अपने 15 दिन के भाई शिवा को घर के बाहर बिठा कर बैठी हुई थी। तभी बाइक पर दो नकाबपोश युवक आए और बच्चे को जबरदस्ती उठा कर ले गए। रेशमी ने शोर मचाया लेकिन तब तक बाइक सवार फरार हो गए। एडीसीपी सुडरविली और एसीपी जसविंदर सिंह ने थाना डिवीजन नंबर के प्रभारी सुखबीर सिंह और एसआइ जगदीश कुमार को जांच की कमान सौंपी।
जांच में सामने आया कि करीब आठ महीने पहले चंदा को किसी तिलक राज नाम के व्यक्ति का फोन आया था कि वह गर्भवती है और जब बच्चा हो जाए तो उसे बेच दे। इसके बदले में अच्छी खासी रकम दी जाएगी लेकिन चंदा ने मना कर दिया। पुलिस के टेक्निकल सेल ने उक्त मोबाइल नंबर की जांच की तो केस की परतें खुलती गईं। पुलिस ने फोन नंबर खंगाला तो उसमें कुछ ऐसे नंबर थे जो लगातार संपर्क में थे। उनमें दो नंबर मंजू और बलविंदर कौर के भी थे। पुलिस ने नंबर ट्रेस किए तो बठिंडा में चल रहे थे। पुलिस ने बठिंडा में छापेमारी कर दोनों को गिरफ्तार किया और बच्चा भी बरामद कर दिया।
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पकड़ी गई दोनों आरोपितों ने बताया कि रोपड़ के रहने वाली इंदरजीत कौर, जिसका पति करमजीत सिंह बठिंडा में फौजी है, को बच्चा नहीं हो रहा था। करमजीत सिंह के संपर्क में बठिंडा कैंट का रहने वाला सुखराज सिंह आया। सुखराज ने उससे कहा कि उसके रिश्तेदार के बच्चा होने वाला है। उनकी बेटी की शादी है, उनको पैसों की जरूरत है तो वह उन्हें पैसे दे दे तो बच्चा मिल सकता है। करमजीत सिंह ने कानूनन बच्चे को सुपुर्द करने की बात कही और सौदा चार लाख पच्चीस हजार में तय हो गया। सुखराज सिंह, तिलक राज और ज्योति का जानकार था, जिसने उनसे बात की। इसके बाद ज्योति ने मंजू से बच्चा लेकर देने के लिए कहा। मंजू चंदा को जानती थी और उसे पता था कि वो गर्भवती हो गई है। मंजू ने ज्योति को चंदा के बारे में बताया जिसने फोन पर उससे पैसों के बदले बच्चा मांगा। चंदा ने मना किया तो सभी ने मिल कर उसका अपहरण करवा लिया। मंजू और बलविंदर को बच्चा तिलक राज ने पकड़ाया जिसे वो अपने साथ लेकर बस में बैठ बठिंडा पहुंच गई थी। डीसीपी ने बताया कि मंजू और बलविंदर कौर से फिलहाल और जानकारी नहीं मिल पाई है। मास्टरमाइंड तिलक राज और ज्योति की गिरफ्तारी के बाद ही इस मामले में और खुलासे होने की उम्मीद है।