कोरोना ने पुलिस कमिश्नरेट में अपने ही कर्मचारी किए बेगाने

पुलिस कमिश्नरेट में कोरोना वायरस का खौफ फैल गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Aug 2020 07:18 AM (IST) Updated:Wed, 19 Aug 2020 07:18 AM (IST)
कोरोना ने पुलिस कमिश्नरेट में 
अपने ही कर्मचारी किए बेगाने
कोरोना ने पुलिस कमिश्नरेट में अपने ही कर्मचारी किए बेगाने

मनीष शर्मा, जालंधर

पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों में कोरोना वायरस का खौफ इस कदर फैल गया है कि अपने ही कर्मचारी बेगाने हो गए हैं। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर के हवाले से आदेश में आम लोगों के साथ अब बाहर काम करने वाले पुलिस कर्मचारियों के भी पुलिस कमिश्नरेट में आने पर पाबंदी लगा दी गई है। बिना जानकारी के पुलिस कमिश्नरेट में अचानक पब्लिक डीलिग बंद करने को दैनिक जागरण ने मंगलवार के अंक में उजागर किया था, जिसके बाद अब पुलिस कमिश्नर के हवाले से कमिश्नरेट के की बिल्डिग की दीवारों पर इस बारे में नोटिस भी लगा दिया गया है।

पुलिस कमिश्नरेट में काम करने वाले कुछ कर्मचारियों के कोरोना वायरस पॉजीटिव होने के बाद अधिकारियों ने यह कदम उठाया है। पुलिस कमिश्नर के हवाले से जारी आदेश में कहा गया है कि 'कोरोना वायरस की महामारी के केस बढ़ने की वजह से पुलिस कमिश्नर दफ्तर में तैनात कर्मचारियों के अलावा किसी भी कर्मचारी को कमिश्नरेट में आने की मनाही है। अगर किसी कर्मचारी को पुलिस कमिश्नर दफ्तर में कोई काम है तो वह कर्मचारी अपने थाना या यूनिट नायब कोर्ट के जरिए इस दफ्तर से अपना काम कर आएगा या फिर फोन से संबंधित ब्रांच से संपर्क करेगा'। इससे उन कर्मचारियों की दिक्कत बढ़ सकती है, जो फील्ड में ड्यूटी के दौरान किसी तरह से परेशान हैं और थाना लेवल पर सुनवाई नहीं हो रही, अब वो सीधे अफसरों से नहीं मिल पाएंगे। इसी नोटिस में यह भी कहा गया है कि आम पब्लिक को पुलिस कमिश्नर दफ्तर में अगले आदेश तक आना मना है।

पुलिस कमिश्नरेट में जिस गेट से अफसर कमिश्नरेट में अंदर आते हैं और ऊपर-नीचे जाते हैं, वहां किसी के भी जाने की मनाही है। पुलिस कर्मचारियों को भी आम जनता वाले रास्ते से ही ऊपर-नीचे जाना पड़ता है। यह इलाका प्राइवेट है, इस बाबत वहां पर नोटिस भी लगा दिया गया है। काली पेटी बनी इंसाफ का जरिया

पुलिस कमिश्नरेट में पब्लिक डीलिग बंद किए जाने के बाद अब इसके गेट पर रखी काली पेटी ही इंसाफ का जरिया बनकर रह गई है। पुलिस कमिश्नरेट में जो भी व्यक्ति अधिकारियों के पास फरियाद लेकर आ रहा है, उसे अंदर नहीं जाने दिया जा रहा, बल्कि उनकी शिकायत लेकर इस पेटी में रखी जा रही है। जिसे अगले दिन खोला जाता है और फिर अधिकारियों से मार्क करवा दिया जाता है। फरियादी की शिकायत किस अधिकारी को भेजी गई है, इस बारे में उन्हें फोन से सूचित कर दिया जाता है। इसके लिए पुलिस कमिश्नरेट के रिसेप्शन काउंटर पर ही रजिस्टर भी लगाया गया है।

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