जालंधर में बिन मां-बाप की लड़की से बुआ करा रही थी देह व्यापार, पुलिस ने नहीं की कार्रवाई

चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम के मुताबिक उन्होंने स्टिंग में पता लगाया था कि लड़की के साथ गलत व्यवहार हो रहा है। वहीं पुलिस ने लड़की के बयान के आधार पर कार्रवाई की बात कही है।

By Edited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 05:05 AM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 09:30 AM (IST)
जालंधर में बिन मां-बाप की लड़की से बुआ करा रही थी देह व्यापार, पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
जालंधर में बिन मां-बाप की लड़की से बुआ करा रही थी देह व्यापार, पुलिस ने नहीं की कार्रवाई

जालंधर, जेएनएन। बुआ के बिन मां-बाप की लड़की से देह व्यापार कराने के संगीन इल्जाम के मामले को कमिश्नरेट पुलिस ने रफा-दफा कर दिया। थाना डिवीजन छह की पुलिस ने बुआ पर केस दर्ज करने की जगह साधारण रिपोर्ट दर्ज कर दी। फिर लड़की को किसी सरकारी होम में भेजने की बजाय एनजीओ को सौंप दिया। यह मामला तब खुला, जब इसे छुड़ाने वाली चाइल्ड हेल्पलाइन के कोआर्डिनेटर ने पूरा मामला सार्वजनिक किया। हालांकि पुलिस कानूनी दांव-पेंच की आड़ लेकर खुद को सही ठहरा रही है, लेकिन इससे उनके अपराध को दबाने की कोशिश स्पष्ट जाहिर होती है। कोई अधिकारी इस मामले पर जुबान नहीं खोल रहा है।

चाइल्ड हेल्पलाइन कोआर्डिनेटर के मुताबिक 13 सितंबर को उनके पास 1098 नंबर पर कॉल आई थी। इसमें बताया गया कि उजाला नगर, घास मंडी में एक 17 साल की लड़की के मां-बाप मर चुके हैं। वह अपनी बुआ के पास रहती है और बुआ ही उससे गलत काम करवाती है। इसके लिए उसकी बुआ ने किराये पर कोठी भी ले रखी है। 14 सितंबर को चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने पुलिस कमिश्नर को इसकी लिखित शिकायत दी। फिर चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम व थाना छह की पुलिस ने कोठी में छापा मारा। मौके से पुलिस को लड़की समेत दो अन्य औरतें व चार लड़के मिले। टीम लड़की को छुड़ा लाई।

उस वक्त पता चला कि लड़की की उम्र 9 सितंबर को 18 साल की हो चुकी है, इसलिए चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम वहां से लौट आई, क्योंकि वह 18 साल तक की लड़कियों के मामले में ही कार्रवाई करवाते हैं। उसके बाद पुलिस पर कार्रवाई की जिम्मेदारी थी, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

चाइल्ड हेल्पलाइन टीम ने किया था स्टिंग

यहां कार्रवाई करने से पहले चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने स्टिंग किया था। टीम के दो सदस्य वहां गए थे और बुआ से देह व्यापार को लेकर सौदा भी किया था। वो तैयार भी हो गई, लेकिन फिर पैसे न होने की बात कहकर वो लौट आए। इसके बाद वहां पुलिस के साथ मिलकर छापामारी की गई। नारी निकेतन इंचार्ज नवीता जोशी ने भी इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्होंने एसएचओ से बात भी की कि लड़की के मामले में उचित कार्रवाई हो, इसका वो फॉलोअप करेंगे।

पुलिस ने दिखाई लापरवाही

इस मामले में पुलिस ने लड़की के बयान पर बुआ के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया। देह व्यापार के आरोपों के बावजूद लड़की का मेडिकल भी नहीं कराया गया। लड़की को किसी मजिस्ट्रेट या एसडीएम के समक्ष पेश कर 66 फुटी रोड स्थित स्टेट प्रोटेक्टिव होम में भेजा जाना चाहिए था, जहां वो सुरक्षित रहती, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। पुलिस ने वहां से पकड़ी गई दो अन्य औरतों व चार लड़कों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की और न ही यह स्पष्ट किया कि वो लोग वहां क्या करने के लिए आए हुए थे?

लड़की ने जैसे बयान दिए, वैसी कार्रवाई की : एसएचओ

थाना छह के एसएचओ सुरजीत सिंह ने कहा कि लड़की बालिग है और उसने अपने बयानों में देह व्यापार की बात नहीं लिखवाई। लड़की बुआ के पास नहीं रहना चाहती थी और उसका कोई दूसरा वारिस नहीं मिला, इसलिए रिपोर्ट दर्ज कर उसे एनजीओ के आश्रम में भेज दिया गया है। आगे कोई वारिस आएगा तो उसे हेंडओवर कर दिया जाएगा। चाइल्ड हेल्पलाइन के आधिकारिक तौर पर लड़की के देह व्यापार के आरोपों पर एसएचओ सुरजीत ने कहा कि कोई क्या कहता है, उन्हें नहीं पता। लड़की ने जो बयान दिए, उसके हिसाब से कार्रवाई की गई है।

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