चेसी घोटाला : पुलिस ने निगम से मांगा रिकार्ड

अशोक लेलैंड कंपनी के साथ करीब दो साल पहले हुई नगर निगम की दस ट्रकों की चेसी खरीदने की डील में हुआ कथित घोटाला निगम प्रशासन ने लिए सिर दर्द बन सकता है।

By Edited By: Publish:Mon, 12 Mar 2018 11:09 AM (IST) Updated:Mon, 12 Mar 2018 01:50 PM (IST)
चेसी घोटाला : पुलिस ने निगम से मांगा रिकार्ड
चेसी घोटाला : पुलिस ने निगम से मांगा रिकार्ड
जागरण संवाददाता, जालंधर : अशोक लेलैंड कंपनी के साथ करीब दो साल पहले हुई नगर निगम की दस ट्रकों की चेसी खरीदने की डील में हुआ कथित घोटाला निगम प्रशासन के लिए फिर सरदर्द बन सकता है। इस डील में गड़बड़ी की आशंका के चलते एफआइआर करवाई गई थी। सूत्रों के मुताबिक अब पुलिस की ओर से निगम से मामले में संबंधित रिकार्ड मांगा गया है। निगम ने दो साल पहले स्वच्छ भारत अभियान के तहत दस वाहनों की चेसी खरीदी थीं। पर दो साल बीत जाने के बावजूद निगम की ओर से अभी तक इन चेसी की फेब्रिकेशन नहीं कराई जा सकी है। न ही निगम की ओर से इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन ही करवाया गया है। और तो और इन चेसी का इंश्योरेंस भी नहीं करवाया गया है। उल्लेखनीय है कि परचेज कमेटी की मंजूरी से करीब सवा करोड़ रुपये की लागत से खरीदी गई चेसी अब वर्कशॉप में पड़ी-पड़ी कबाड़ हो रही है। नगर निगम प्रशासन के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक खरीदे गए इन वाहनों से शहर से कचरा लिफ्ट किया जाना था। पर चेसी की खरीद में कंपनी की ओर से तीन पुराने वाहन दे दिए गए थे। खरीद में घोटाला होने की आशंका के चलते इस मामले में दो लोगों को सस्पेंड कर दिया गया था। दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। तत्कालीन वर्कशॉप मैनेजर संजीव कालिया की ओर से चेसी खरीदने में घोटाला होने की आशंका जताई गई थी। इसके बाद तीन पुरानी चेसी में से दो को बदल दिया गया था। पर एक पुरानी चेसी नहीं बदली गई थी। घोटाले का खुलासा होने के बाद निगम के तत्कालीन कमिश्नर गुरप्रीत ¨सह खैहरा ने तत्कालीन संयुक्त कमिश्नर डॉ. जयइंद्र ¨सह को मामले की जांच सैंपी थी। उन्होंने संजीव कालिया व सुशील कुमार को इसमें दोषी पाया। दोनों को सस्पैंड कर दिया गया। इसकी जांच पुलिस को भी सौंप दी गई। इसी केस में अशोका लेलैंड कंपनी ने अपने दो मुलाजिमों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया और उनके खिलाफ एफआइआर भी करवाई। अब करीब डेढ़ साल से मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। चेसी की फेब्रिकेशन के लिए दो बार टेंडर जारी किए गए, पर किसी ने भी दिलचस्पी नहीं दिखाई। अब तीसरी बार टेंडर लगाए गए हैं। गौरतलब है कि चेसी फैब्रिकेट होने के बाद ही इनकी रजिस्ट्रेशन हो सकती है। इसके लिए नगर निगम कमिश्नर ने करीब सवा लाख रुपये रजिस्ट्रेशन के लिए मंजूर किए हैं। पुलिस की ओर से रिकार्ड मांगे जाने की उनको जानकारी नहीं है। करीब बीस लाख रुपये की लागत से चेसी को फैब्रिकेट किया जाना है। फैब्रिकेशन के बाद ही इंश्योरेंस और रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। लखविंदर सिंह, एसई, नगर निगम।
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