पिटबुल 'बाबर' को जख्मी करने वाला बंदर पकड़ा
दर्जन भर लोगों तथा एक पिटबुल कुत्ते बाबर को घायल करने वाला बंदर शुक्रवार को जंगलात विभाग ने काबू कर लिया।
जागरण संवाददाता, जालंधर : पिछले करीब दस दिन से गुज्जापीर के आसपास के इलाके में उत्पात मचा कर दर्जन भर लोगों और एक पिटबुल कुत्ते बाबर को जख्मी करने वाला बंदर शुक्रवार को जंगलात विभाग ने काबू कर लिया। इस बंदर को पकड़ने के लिए जंगलात विभाग को करीब ढाई घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी।
घायल पिटबुल के मालिक दीपक मेहरा ने बताया कि बंदर पूरा दिन उनके घर के पीछे लोगों के घरों की छत्तों पर कूदता रहा। शाम को चार बजे उनके घर के पीछे ट्रांसपोर्ट नगर चौक व सर्ब मल्टीपलेक्स के निकट बीएस इंडस्ट्री के साथ एक शेड पर बैठा देखा गया। सूचना मिलने पर वह मौके पर पहुंचे। करीब चार बजे बंदर उन्हें देखकर वहां बने क्वार्टर के खाली कमरे में घुस गया। तुरंत कमरे का दरवाजा बंद कर ताला लगा दिया। ताला लगाने के बाद जंगलात विभाग की टीम को सूचित किया। टीम पहुंचने से पहले मोहल्ले में लगा पिजरा उठवाकर क्वार्टर के दरवाजे के आगे लगा दिया। तकरीबव साढ़े पांच बजे जंगलात विभाग के अधिकारी जसवंत सिंह व प्रदीप कुमार बेहोश करने वाली गन व पटाखे चलाने वाली पिस्टल लेकर पहुंचे। टीम ने मौके पर गन से पांच फायर किए। इनमें से तीन खाली गए और दो बंदर को लगे और वह बेहोश हो गया। टीम ने बंदर को उठाकर पिजरे में बंद किया। जंगलात विभाग के अधिकारी जसवंत सिंह ने बताया कि इसे एंटी रेबिज टीका लगा कर होश में लाया जाएगा और होशियारपुर से सटे जंगल में छोड़ा जाएगा। बंदर चोटिल हुआ है और उसकी मरहम पट्टी भी की जाएगी। नहीं चली जंग लगी पिस्टल
उत्पात मचाने वाले बंदर को पकड़ने के लिए जंगलात विभाग की टीम की पटाखे चलाने वाली पिस्टल नकारा साबित हुई। पिस्टम को जंग लगा हुआ था। टीम के सदस्यों ने उसे चलाने का काफी प्रयास किया, लेकिन नतीजे शून्य रहे। टीम के सदस्यों ने पिस्टल को तेल देकर भी ठीक करने का प्रयास किया। पिस्टम न चलने के बाद उन्होंने जानवरों को बेहोश करने वाली गन का इस्तेमाल किया।
बाबर की सेहत में हुआ सुधार
वीरवार को बंदर ने हरी नगर इलाके में एक बच्चे व पिटबुल को घायल किया था। पिटबुल बाबर के मालिक दीपक मेहरा ने बताया कि उसकी तबीयत में सुधार हो रहा है। उसका इलाज अर्बन अस्टेट स्थित डॉ. सन्नी से ईलाज करवाया जा रहा है। उसे दो दिन तक एंटी बायोटिक्स के टीके लगेंगे। वह रुटिन की तरह खाना खा रहा है।
बुजुर्ग महिला रतनो हुई बीमार
गुज्जापीर इलाके में बुजुर्ग महिला रतनो के साथ बंदर काफी दिन तक रहा था। उसके पास बैठा रहता था और बाजार भी उनके साथ जाता था। जंगलात विभाग ने उनके आंगन में बंदर पकड़ने के लिए पिजरा लगाया था। शुक्रवार को रतनो बीमार हो गई और उसने किसी से बात नही की।
खुद के बचाव के लिए हमला करते हैं बंदर
पशु चिकित्सक डॉ. जीएस बेदी ने बताया कि बंदर पहले किसी पर हमला नहीं करता। जब उसे खुद पर हमला होने का अहसास होता है, तभी अपने बचाव के लिए दूसरों पर हमला करते हैं। बंदर को जब कोई बार-बार चिढ़ाता है, तो वो क्रोधित होकर पहले डराता है और फिर हमला करता है। बंदर दूसरे जानवरों के साथ खेल-खेल में भी लड़ पड़ते है। खेल-खेल में जब उन्हें खुद पर हमला होने की आशंका महसूस होती है तो वह अपना बचाव करता हैं।