ट्यूशन से लौट रहे बच्चे को पिटबुल ने दबोचा, 15 मिनट तक जूझने के बाद बची जान

ट्यूशन से घर लौट रहा लक्ष्य अपनी साइकिल पर पुरिया मोहल्ले की गली से गुजर रहा था। इसी बीच गली में एक घर से अचानक बाहर निकले काले रंग के पिटबुल ने उसकी टांग पकड़ ली।

By Edited By: Publish:Wed, 29 Jan 2020 02:01 AM (IST) Updated:Wed, 29 Jan 2020 03:33 PM (IST)
ट्यूशन से लौट रहे बच्चे को पिटबुल ने दबोचा, 15 मिनट तक जूझने के बाद बची जान
ट्यूशन से लौट रहे बच्चे को पिटबुल ने दबोचा, 15 मिनट तक जूझने के बाद बची जान

जालंधर, जेएनएन। थाना तीन के पुरिया मोहल्ले में पिटबुल कुत्ते ने ट्यूशन से लौट रहे 12 वर्षीय बच्चे पर हमला करते हुए उसे दबोच लिया। आसपास के लोग तुरंत बच्चे को बचाने के लिए पिटबुल पर वार करते रहे लेकिन उसने बच्चे को नहीं छोड़ा। करीब 15 मिनट की जद्दोजहद के बाद बच्चे को बचाया जा सका। बच्चा रेलवे रोड निवासी लक्ष्य उप्पल पुत्र बोहित उप्पल है। मंगलवार शाम छह बजे के करीब हुई यह घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। घटना के बाद बच्चे को ग्लोबल अस्पताल में दाखिल कराया गया।

फुटेज के मुताबिक ट्यूशन से घर लौट रहा लक्ष्य अपनी साइकिल पर पुरिया मोहल्ले की गली से गुजर रहा था। इसी बीच गली में एक घर से अचानक बाहर निकले काले रंग के पिटबुल ने उसकी टांग पकड़ ली। लक्ष्य ने अपनी टांग से जोर से कुत्ते को धकेल अपने आप को उसके शिकंजे से बचाया। इसी बीच कुत्ते ने साइकिल की दूसरी तरफ आकर लक्ष्य की दाहिनी टांग को दबोच लिया। लक्ष्य की चीखें सुनकर राहगीर तुरंत उसे बचाने के लिए पहुंचे। लोगों को जो मिला उससे उन्होंने पिटबुल पर वार करने शुरू कर दिए, लेकिन वह अपना जबड़ा खोलने के लिए तैयार नहीं था। लोग जितना वार कर रहे थे पिटबुल की जबड़े की पकड़ लक्ष्य की टांग पर उतनी बढ़ती जा रही थी। इस बीच लक्ष्य ने हिम्मत दिखाते हुए अपने दोनों हाथ पिटबुल के मुंह पर डाल कर उसका जबड़ा खोला और उससे अपने आप को बचाया।

जालंधरः पिटबुल के हमले के बाद लक्ष्य का उपचार ग्लोबल अस्पताल में करवाया गया। बच्चे की हालत स्थिर बनी हुई है।

ग्लोबल अस्पताल के डॉ. राजीव सूद ने बताया कि बच्चे की दोनों टांगों पर कुत्ते के काटने के घाव हैं। दाहिनी टांग जो पिटबुल ने करीब 15 मिनट तक दबोच कर रखी थी उसके जख्म काफी गहरे हैं। फिलहाल बच्चे की हालत में सुधार है और हादसे के बाद बच्चे को जो डर पैदा हुआ था वह भी खत्म हो चुका है।

पिटबुल मालिक के खिलाफ शिकायत

पीड़ित बच्चे के चाचा रमन ने बताया कि कुत्ते के मालिक ने तीन पिटबुल रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि गनीमत रही कि बच्चे के गले पर पिटबुल ने वार नहीं किया। उन्होंने मामले में पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई है। थाना तीन के एसएचओ रशमिंदर सिंह ने बताया कि मामले की जांच कर बनती कार्रवाई की जाएगी।

पिटबुल के काटने के तीन मामले आ चुके हैं सामने

जालंधर में बीते वर्ष पिटबुल के काटने के तीन मामले सामने आ चुके हैं। हर बार उन्हें पालने वालों की लापरवाही के कारण ही हादसा होता था। पिछले साल फरवरी में मिट्ठापुर रोड स्थित गुरु नगर में आठ साल के रितिक को पिटबुल ने काट लिया था। यह मामला पुलिस के पास भी पहुंचा था, जहां कुत्ते के मालिक पीड़ित के परिवार से माफी मांग अपनी जान छुड़ाई थी। इस तरह जेपी नगर और नागरा रोड पर भी पिटबुल के हमले का लोग शिकार हो चुके हैं।

यह देश लगा चुके हैं जानलेवा पिटबुल पर बैन

दुनिया भर के 12 देश पिटबुल के पालने पर बैन लगा चुके हैं। इनमें न्यूजीलैंड, ब्राजील, बेल्जियम, कनाडा, फ्रांस, फिनलैड, डेनमार्क, पोलैंड, नार्वे और यूएसए की टैरीटरी पोर्टो रिको शामिल हैं। यही नहीं दर्जन भर देशों में इन्हें पालने के लिए जरूरी नियम जारी किए हैं, जिन्हें मालिकों को अपनाना पड़ता है।

पशु चिकित्सक डॉ. जीएस बेदी का कहना है कि कुत्तों व बिल्लियों की संख्या तेजी से बढ़ती है। बिना नलबंदी के एक कुतिया व उससे पैदा होने वाली संतान अपनी जिंदगी के दौरान 6 साल में 67000 पिल्ले पैदा करते है। इसी तरह एक बिल्ली सात साल में 420000 बच्चे पैदा करती है।

प्राइज कंट्रोल श्रेणी में आया टीकाकरण

कुत्ता काटने पर टीकाकरण करवाने के लिए दो हजार रुपये तक का खामियाजा भुगतना पड़ता है। एंटी रेबीज बेचने वाले थोक विक्रेता मनजीत सिंह कहते हैं कि पंजाब में छह कंपनियां एंटी रेबीज टीका सप्लाई करती हैं। वर्तमान में दो कंपनियों की सप्लाई मार्किट में आ रही है। केंद्र सरकार की ओर से इस दवा को प्राइज कंट्रोल श्रेणी में रखने के बाद मरीजों को राहत मिली है। इसके बावजूद मरीज को एक टीका 350 रुपये में मिलता है।

कुत्ते पर रखें पूरी निगरानी

सिविल अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. एलफर्ड की मानें तो मेडिकल सिद्धांतों के मुताबिक कुत्ते पर दो सप्ताह तक नजर रखनी जरूरी है। अगर कुत्ता पागल हो जाए या मर जाए तो मरीज की जान पर खतरा मंडराने लगता है। लाईलाज रेबीज होने पर मरीज को हाड्रोफोबिया का शिकार हो जाता है। कुत्ता काटने के तुरंत बाद जख्म को कपड़े धोने वाले सोडे व साबुन से बार-बार धोएं। टिंचर आयोडिन या लाल दवाई लगाकर जख्म को नंगा छोडे़ं। कुत्ता काटने पर 24 घंटे के भीतर टेटनेस का इंजेक्शन लगाने के साथ व एंटी रेबीज टीकाकरण शुरू करवाएं।

...इधर, आवारा कुत्ते ने बच्चे को काटा

जालंधर। बस्ती दानिशमंदा से सटे गांव नाहला के पुल पर आवारा कुत्ते ने एक बच्चे को बुरी तरह से काट लिया। बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 8 साल का शंकर शाह पुत्र छोटू शाह स्कूल से लौट रहा था। वह गांव के पुल के पास मीरा कॉलोनी का रहने वाला है। कुत्ते ने अचानक उसको झपट लिया और पैर बुरी तरह से काट डाला। लोगों ने किसी तरह उसे बचाया।

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