Petrol Diesel Smuggling: हिमाचल प्रदेश से पंजाब के रास्ते राजस्थान तक हो रही तेल की तस्करी, कीमतों में भारी अंतर बना कारण

हिमाचल प्रदेश से पंजाब के रास्ते राजस्थान तक पेट्रोल की तस्करी चरम पर है। हिमाचल प्रदेश में पड़ोसी चंडीगढ़ पंजाब राजस्थान आदि राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमत वैट की दरें कम होने की वजह से सस्ती है। कीमत में अंतर इतना ज्यादा है कि तस्करी ही करवाने लगा है।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Mon, 01 Nov 2021 02:44 PM (IST) Updated:Mon, 01 Nov 2021 07:13 PM (IST)
Petrol Diesel Smuggling: हिमाचल प्रदेश से पंजाब के रास्ते राजस्थान तक हो रही तेल की तस्करी, कीमतों में भारी अंतर बना कारण
हिमाचल प्रदेश से राजस्थान तक हो रही तेल की तस्करी।

जालंधर [मनुपाल शर्मा]। हिमाचल के पहाड़ों से उतर कर राजस्थान के रेगिस्तान की तरफ बहता हुआ पेट्रोल सोना उगल रहा है। कथन कुछ अटपटा सा लग रहा है, लेकिन यह सच्चाई है। हिमाचल से पंजाब के रास्ते राजस्थान के सीमांत जिलों तक पेट्रोल की तस्करी चरम पर है। वजह यह है कि हिमाचल प्रदेश में पड़ोसी चंडीगढ़, पंजाब, राजस्थान आदि राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमत वैट की दरें कम होने की वजह से सस्ती है। कीमत में अंतर इतना ज्यादा है कि तस्करी ही करवाने लगा है। अगर मौजूदा कीमतों की ही बात कर ली जाए तो सोमवार यानी एक नवंबर को हिमाचल प्रदेश के पंजाब के साथ लगते सीमांत जिला ऊना में पेट्रोल की कीमत 105.06 रुपए और डीजल की कीमत 95.96 रुपए प्रति लीटर है। सोमवार को ही राजस्थान के सीमांत जिला गंगानगर में पेट्रोल की कीमत 121.78 रुपए और डीजल की कीमत 112.7 रुपए प्रति लीटर है।

सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में राजस्थान के गंगानगर की तुलना में लगभग 16 रुपए प्रति लीटर और डीजल 17 रुपए प्रति लीटर सस्ता है। कीमतों में भारी अंतर ही पेट्रोल डीजल की तस्करी करवाने लगा है। ऐसा नहीं है कि हिमाचल से पेट्रोल डीजल की तस्करी मात्र राजस्थान के लिए हो रही है, बल्कि पंजाब में भी तस्करी कर लाए गए पेट्रोल-डीजल की खपत हो रही है और इसी में से ही तेल को राजस्थान तक भी पहुंचाया जा रहा है। जालंधर में सोमवार को पेट्रोल की कीमत 110.22 रुपए एवं डीजल की कीमत 100.59 रुपए प्रति लीटर है। जो ऊना की कीमतों से लगभग 5 रुपए लीटर ज्यादा है, लेकिन गंगानगर की कीमतों से क्रमशः 11 और 12 रुपए प्रति लीटर कम है।

एक तरफ जहां हिमाचल और चंडीगढ़ की सीमा के साथ लगते पंजाब के पेट्रोल पंप तालाबंदी के शिकार हो रहे हैं तो दूसरी तरफ राजस्थान की सीमा के साथ लगते पेट्रोल पंप चांदी भी कूट रहे हैं। राजस्थान के जो लोग हिमाचल तक नहीं पहुंच पाते हैं वह पंजाब सीमा के भीतर से पेट्रोल पंपों से ही खरीद कर रहे हैं। राजस्थान की सीमा के साथ लगते कुछ पेट्रोल पंप राजनीतिज्ञों के भी हैं, जो पंजाब में वैट की कीमतें ज्यादा होने के बावजूद भी चुप्पी साधे हुए हैं।

तेल कंपनियां तस्करी को लेकर आंखें मूंदे हुए हैं: मोंटी सहगल

पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन पंजाब (पीपीडीएपी) के प्रवक्ता मोंटी गुरमीत सहगल ने स्वीकार किया है कि हिमाचल और पंजाब से राजस्थान के लिए तेल की तस्करी हो रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सीमा से हिमाचल प्रदेश का जिला ऊना 300 किलोमीटर के लगभग दूरी पर है। टैंकर में तेल भरकर एक ही रात में एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुंचाया जा रहा है, लेकिन तेल कंपनियां तस्करी को लेकर आंखें मूंदे हुए हैं। उन्होंने कहा कि शायद तस्करी ही हिमाचल प्रदेश के पेट्रोल डीजल की बिक्री से मिलने वाले राजस्व में वृद्धि होने की एक मुख्य वजह है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल डीजल की बिक्री को जीएसटी के तहत नहीं ला रही है। एसोसिएशन बीते लंबे अरसे से वन नेशन वन रेट की मांग कर रही है। राज्य सरकार ने अपना खजाना भरने के लिए वैट की विभिन्न दरें लागू किए हुए हैं, जिस वजह से तेल की तस्करी हो रही है।

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