Petrol-Diesel Price : 48 रुपए प्रति लीटर के पेट्रोल पर 60 रुपए टैक्स, केंद्र व पंजाब सरकार मिलकर निकाल रही उपभोक्ताओं का तेल
केंद्र और पंजाब सरकार पेट्रोल-डीजल की बिक्री से ही अपना खजाना भरने की होड़ में उपभोक्ताओं का तेल निकालती नजर आ रही है। पेट्रोल की कीमत 110 रुपए और डीजल की कीमत 100 रुपए के बेहद करीब जा पहुंची है।
जालंधर [मनुपाल शर्मा]। केंद्र और राज्य सरकार पेट्रोल-डीजल की बिक्री से ही अपना खजाना भरने की होड़ में उपभोक्ताओं का तेल निकालती नजर आ रही है। पेट्रोल-डीजल की असल कीमत से ज्यादा टैक्स वसूला जा रहा है। यही वजह है कि पेट्रोल की कीमत 110 रुपए और डीजल की कीमत 100 रुपए के बेहद करीब जा पहुंची है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के मुताबिक अक्टूबर महीने में पेट्रोल की असल कीमत 47.90 रुपए प्रति लीटर है और इसमें रिफाइनरी का मार्जिन भी शामिल है। बावजूद इसके उपभोक्ताओं को अब 100 रुपए में भी एक लीटर पेट्रोल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। पेट्रोल की प्रति लीटर बिक्री के ऊपर 32.98 रुपए एक्साइज ड्यूटी वसूली जा रही है। राज्य की तरफ से पेट्रोल की प्रति लीटर बिक्री के ऊपर 25.87 रुपए वैट वसूला जा रहा है। इसके अलावा 2. 85 रुपए प्रति लीटर डीलर मार्जिन भी उपभोक्ता की कीमत में जोड़ा जा रहा है। इस तरह से केंद्र और राज्य की टैक्स वसूली के अलावा डीलर मार्जन जोड़कर उपभोक्ता को 109. 60 रुपए प्रति लीटर की दर पर पेट्रोल उपलब्ध हो पा रहा है।
ऐसा ही कुछ तेल डीजल खरीदने वाले उपभोक्ताओं का भी निकाला जा रहा है। पेट्रोल की असल कीमत 49.53 रुपए प्रति लीटर है और इसमें भी रिफाइनरी का मार्जिन भी शामिल है। डीजल की प्रति लीटर बिक्री के ऊपर 31.83 रुपए एक्साइज ड्यूटी वसूली जा रही है। राज्य की तरफ से डीजल की प्रति लीटर बिक्री के ऊपर 16.23 रुपए वैट वसूला जा रहा है। इसके अलावा 1.83 रुपए प्रति लीटर डीलर मार्जिन भी उपभोक्ता की कीमत में जोड़ा जा रहा है। इस तरह से केंद्र और राज्य की टैक्स वसूली के अलावा डीलर मार्जन जोड़कर उपभोक्ता को 99.42 रुपए प्रति लीटर की दर पर डीजल उपलब्ध हो पा रहा है।
पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन पंजाब के प्रवक्ता मोंटी कुर्मी सहगल ने कहा है कि भारी भरकम टैक्स वसूली की वजह से पंजाब में अन्य राज्यों से अब पेट्रोल डीजल की तस्करी हो रही है। उन्होंने कहा कि तेल कंपनियां भी इसमें बराबर की भागीदार हैं, जो तस्करी को बंद कराने के लिए आंखें मूंदकर बैठी हुई हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को कई बार इस बारे में ताकीद की गई कि प्रदेश की जनता को राहत दिलाने के लिए वैट वसूली को कम किया जाए। आश्वासन के बावजूद कई बरस बीत चुके हैं, लेकिन पेट्रोल डीजल की बिक्री के ऊपर लगाई गई वैट की दरों को कम नहीं किया जा रहा।
उन्होंने कहा कि पेट्रोल डीजल की बिक्री को जीएसटी के तहत लाया ही नहीं जा रहा है। जो देश की सरकार की नीयत को दर्शाता है कि उपभोक्ताओं पर चाबुक चलाकर खजाने भरे जा रहे हैं। उन्होंने कहा जब तक वन नेशन वन रेट का सिद्धांत पेट्रोलियम व्यवसाय में लागू नहीं होगा उपभोक्ताओं के अलावा पैट्रोलियम डीलर भी नाइंसाफी का शिकार होते रहेंगे। मोटी गुरमीत सहगल तेल की बिक्री में आई 30 फीसद तक की गिरावट के चलते अपना पेट्रोल पंप बंद कर चुके हैं।