कांग्रेसी क्या फ्री बिजली के फार्म ही भरवाते रहेंगे... पढ़ें अमृतसर की और भी रोचक खबरें
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में स्मार्ट फोन और घर-घर रोजगार मुहैया करवाने के फार्म भरवाए गए थे मिला किसी को कुछ नहीं। अब दो किलोवाट तक बिजली फ्री करने की घोषणा के बाद फिर से कांग्रेसियों ने वार्ड अनुसार कैंप लगा फार्म भरने शुरू कर दिए हैं।
विपिन कुमार राणा, अमृतसर। कांग्रेस का फार्म भरवाओ फंडा लोगों की समझ से परे हो गया है। पहले 2017 के विधानसभा चुनाव में स्मार्ट फोन और घर-घर रोजगार मुहैया करवाने के फार्म भरवाए गए थे, मिला किसी को कुछ नहीं। अब दो किलोवाट तक बिजली फ्री करने की घोषणा के बाद फिर से कांग्रेसियों ने वार्ड अनुसार कैंप लगा फार्म भरने शुरू कर दिए हैं। पिछले दिना एक वार्ड में लगे कैंप में जब लोग फार्म भरने पहुंचे तो पास ही खड़े एक बुद्धिजीवी नेता ने चुटकी लेते हुए कहा कि क्या कांग्रेसी फार्म ही भरवाते रहेंगे। जब सरकार ने घोषणा की थी तो पूरा डाटा जानने के बाद की थी। जब डाटा आपके पास है तो बिजली मिल माफ कर दे, उसमें फार्म भरवाने की क्या जरूरत है? वैसे भी चुनाव से पहले भरवाए फार्म का तो कुछ हुआ नहीं। अब भी जब तक फार्म भरे जाने हैं, तब तक चुनाव आचार संहिता लग जानी है।
एक और उम्मीदवार मिल गया
पिछले दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल शहर आईं। महिलाओं को विधानसभा चुनाव 2022 के लिए लामबंद किया। पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी की ओर से महिलाओं के लिए रखी सभा में जब वह पहुंची तो वहां उन्हें जोशी की बहू भी मिलीं। पहली बार सियासी मंच पर आईं जोशी की बहू का विभिन्न मुद्दों पर भाषण सुनकर हरसिमरत ही नहीं जोशी भी हक्के-बक्के रह गए। मंच से ही हरसिमरत ने कहा, वह प्रचार तो जोशी जी के लिए करने आईं थीं, पर हमें पार्टी के लिए एक और उम्मीदवार मिल गया है। विधानसभा चुनाव तो आपने लड़ना है। अमृतसर लोकसभा सीट पर भी हमें प्रत्याशी चाहिए, मैं सुखबीर जी से बहू की सिफारिश करूंगी कि उन्हें भी चुनाव में उतारा जाए। महिलाओं ने भी हरसिमरत की हां में हां मिलाते कहा कि किसी ने भी सोचा नहीं था कि जोशी जी की बहू सभी को प्रभावित कर देंगी।
ट्रांसपोर्ट मंत्री या सेनेटरी इंस्पेक्टर
हाल ही में परिवहन मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के आदेश पर बिना टैक्स दिए सड़कों पर दौड़ रही बसों पर काफी सख्ती की गई। पिछले दिनों मंत्री राजा वड़िंग शहर आए थे। बस अड्डे पर उन्हें कचरा मिला तो खुद उठाया। ऐसा उन्होंने पहली बार नहीं किया। मंत्री बनने के बाद पहले भी वह जिन शहरों में गए, वहां उन्होंने खुद गंदगी उठाओ अभियान चलाया। इस पर अमृतसर के एक सोशल एक्टिविस्ट ने कटाक्ष करते हुए वीडियो जारी की और बोले, वड़िंग जी आपको ट्रांसपोर्ट मंत्री बनाया गया है, सेनेटरी इंस्पेक्टर नहीं। उन्होंने हैरानी व्यक्त करते हुए कहा कि लगता है अभी तक अधिकारी आप से डरते नहीं हैं। यही वजह है कि अभी तक आपके आदेश के बावजूद बस अड्डों की सफाई सुनिश्चित नहीं हुई या फिर आप खुद नहीं चाहते कि सफाई हो क्योंकि अगर सफाई हो गई तो आपकी फोटो कैसे बनेगी।
मन की बात तो समझे
कांग्रेस के केंद्रीय नेता अकसर कहते रहे हैं कि गूंगे की भाषा गूंगे की मां समझती है, पर विडंबना यह है कि नवजोत सिंह सिद्धू की खामोशी और ट्विटर पर उनके मूक संदेश कांग्रेस भी समझ नहीं पा रही। हाल ही में कुछ कांग्रेसी कार्यक्रम में आए तो इसी बात पर चर्चा छिड़ गई। बोले, बार-बार गुस्सा होकर सिद्धू कांग्रेस हाईकमान को क्या संकेत दे रहे हैं? कहीं वह यह तो नहीं चाहते कि कांग्रेस उन्हें खुद ही विदा कर दे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात तो समझ आती है, पर सिद्धू के मन की बात सबकी समझ से परे है। हाईकमान इस्तीफा देने पर सिद्धू को मना नहीं रही और सिद्धू खुद कांग्रेस सरकार के खिलाफ टिप्पणी करने से बाज नहीं आ रहे। ऐसे में सिद्धू अपने मन के इशारे से जो करवाना चाहते हैं, वो हाईकमान करना नहीं चाहती। इसी कारण उनका पेंच फंसा हुआ है।