श्री सिद्ध बाबा सोढल मेले में 40 वर्षों में 40 गुणा बढ़ गई श्रद्धालुओं की संख्या Jalandhar News

विश्व विख्यात श्री सिद्ध बाबा सोढल मंदिर 26 कनाल सात मरले में बसा है। इसमें गुरुद्वारा छावनी निहंग सिंह भी है। भक्तों की आस्था ही थी कि मंदिर की जमीन कम पड़ गई।

By Sat PaulEdited By: Publish:Fri, 13 Sep 2019 11:06 AM (IST) Updated:Fri, 13 Sep 2019 06:07 PM (IST)
श्री सिद्ध बाबा सोढल मेले में 40 वर्षों में 40 गुणा बढ़ गई श्रद्धालुओं की संख्या Jalandhar News
श्री सिद्ध बाबा सोढल मेले में 40 वर्षों में 40 गुणा बढ़ गई श्रद्धालुओं की संख्या Jalandhar News

जालंधर, [शाम सहगल]। चार वर्ष की बच्ची जो अपना नाम प्रीति बता रही है, जिसकी भी है वह मंदिर के प्रवेश द्वार के साथ लगे मंच से इसे ले सकता है (निरंतर हो रही अनाउंसमेंट), लिपिस्टिक हो या फिर नेल पॉलिश हर आइटम 20 रुपये-20 रुपये (स्टाल लगाने वालों की गूंज), भाईयों-बहनों लंगर प्रसाद जरूर लेकर जाएं (लंगर लगाने वाले प्रबंधकों का आग्रह), चोरों व जेबकतरों से सावधान रहें, छेडख़ानी करने वालों की शिकायत हमें दें (पुलिस कंट्रोल रूम से की जा रही अनाउंसमेंट) यह नजारा श्री सिद्ध बाबा सोढल मंदिर के अंदर व बाहर का था।

अनंत चौदस को लेकर मनाए गए विश्व विख्यात श्री सिद्ध बाबा मेले में इस बार श्रद्धालुओं काफी भीड़ रही। मंदिर को जाते तमाम मार्गों पर भक्तों की भीड़, कदम-कदम पर लगे लंगर, हर तरफ सजा बाजार, बैंड-बाजों के साथ मंदिर में पहुंच रहे श्रद्धालुओं के झुंड भव्य मेले का एहसास करवा रहा थे। चड्ढा बिरादरी के वरिष्ठ सदस्य अविनाश चड्ढा बताते है कि 40 वर्ष पूर्व दस हजार के करीब ही श्रद्धालु मेले में पहुंचते थे। जबकि समय के साथ भक्तों की अपार आस्था के चलते लाखों की संख्या में श्रद्धालु नतमस्तक होने पहुंचे हैं। 

26 कनाल सात मरले जगह भी पड़ी कम

विश्व विख्यात श्री सिद्ध बाबा सोढल मंदिर 26 कनाल सात मरले में बसा है। इसमें गुरुद्वारा छावनी निहंग सिंह भी है। भक्तों की आस्था ही थी कि मंदिर की जमीन कम पड़ गई। उमस व गर्मी के चलते पसीने से तरबतर हुए श्रद्धालुओं की भीड़ आस्था को प्रमाणित कर रही थी।

280 जगहों पर लगे लंगर

श्री सिद्ध बाबा सोढल मेले को लेकर लोगों की आस्था का अंदाजा यहां से लगाया जा सकता है कि मिट्ठा बाजार, माई हिरां गेट, चंदन नगर, विक्रमपुरा, मां ङ्क्षचतपूर्णी मंदिर रोड, जैन कॉलोनी, दीन दयाल उपाध्याय नगर, इंडस्ट्रीयल एरिया, राम नगर, गाजी गुल्ला, प्रीत नगर, दोआबा चौक, सोढल रोड, वर्कशाप चौक, चरणजीतपुरा, सईपुर रोड सहित मंदिर को जाते तमाम मार्गों पर 280 लंगर लगाए गए। खास बात यह है कि मंदिर के अंदर भी करीब 12 जगहों पर लंगर लगाए गए थे।

16 प्रकार के व्यंजनों का लगाया लंगर

सबसे पुरानी संस्था श्री सिद्ध बाबा सोढल मंदिर तालाब कारसेवा कमेटी की तरफ से मेले को लेकर मंदिर प्रांगण में कचौरी, जलेबी, आलू-पुरी, पकौड़े, शीतल पेयजल, चिप्स, कड़ी-चावल सहित 16 प्रकार के व्यंजनों का लंगर लगाया गया। इस बारे में संस्था के प्रधान विनय जालंधरी, चेयरमैन यशपाल ठाकुर, महासचिव रवि मरवाहा, कैशियर महिंदर प्रभाकर तथा दीपक कंबोज बताते हैं कि मेले का प्रबंध करने से लेकर लगातार दो दिनों तक चलने वाला लंगर पिछले कई वर्षों से निरंतर चलाया जा रहा है।

38 साल से चल रही परंपरा की पूरी

श्री सिद्ध बाबा सोढल मेले के दौरान विश्व हिंदू परिषद् तथा बजरंग दल की संस्था श्री सिद्ध बाबा सोढल लंगर सेवा समिति की तरफ से पिछले 37 साल से चली आ रही लंगर की परंपरा को पूरा किया गया। मंदिर प्रांगण में लगाए गए लंगर में विभिन्न प्रकार के व्यंजन वितरित किए गए। इस मौके पर योगेश धीर, पंडित अनिल शर्मा, इन्द्र कपूर व अन्य मौजूद थे।

अपनों से बिछड़े 12 बच्चों को मिलवाया

मेले के दौरान भारी भीड़ के चलते 12 बच्चे अपनों से बिछड़़े। इनमें से आठ पुलिस कंट्रोल रूम तथा चार बच्चे चड्ढा बिरादरी द्वारा लगाए गए मंच पर से अनाउंसमेंट करके अपनों से मिलवाए। वहीं, पुलिस कमिश्नर जीएस भुल्लर व डीसी वरिंदर शर्मा ने गुम हुए बच्चों को परिजनों के हवाले किया। उन्होंने कहा कि मेले में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए है। जिसमें जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात करने के अलावा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पुलिस कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक मेले में 21 लोगों के पर्स चोरी हुए।

स्नेचर की हुई छित्तरपरेड

मेले के दौरान सोढल रेलवे क्राॅसिंग के पास एक महिला की सोने की बालियां छिनने की कोशिश कर रहे एक स्नेचर को काबू किया गया। इसकी मौके पर तैनात महिला पुलिसकर्मी ने छीत्तरपरेड कर दी। इसके बाद उसे पुलिस कंट्रोल रूप में भेज दिया गया।

 20 साल से आस्ट्रेलिया से आकर करते है सेवा

शहर से परिवार सहित आस्ट्रेलिया जाकर बस चुके सुदर्शन ज्योति बताते हैं कि वह पिछले 20 साल से श्री सिद्ध बाबा सोढल मेले में सेवा करने के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि श्री सिद्ध बाबा सोढल मंदिर के साथ भावनात्मक रूप से जुड़े हैं। इसके चलते मेले से कई दिन पूर्व ही वह शहर में आ जाते हैं। इसी तरह मेले में सैकड़ों की संख्यां में एनआरआई भी पहुंचे।

पेयजल का रहा अभाव

मेले के दौरान निगम द्वारा पेयजल का अभाव रहा। इस बारे में श्री सिद्ध बाबा सोढल मंदिर तालाब कारसेवा कमेटी के प्रधान विनय जालंधरी ने कहा कि इलाके में जहां सुबह 9 बजे से ही पानी की सप्लाई बंद कर दी गई। वहीं, निगम द्वारा टैंकर भेजने में भी कंजूसी बरती गई।

मेले में पहली बार निगम की गाडिय़ों ने साथ-साथ उठाया कूड़ा

यह पहला अवसर था जब निगम की गाडिय़ों ने मंदिर के प्रवेश द्वार तक पहुंचकर कूड़ा साथ-साथ ही उठाया। इसके लिए मंदिर के चारों तरफ के मार्गों पर डस्टबिन व कूड़ा उठाने वाली गाडिय़ां तैनात की गई थीं।

दस करोड़ का हुआ कारोबार

मेले के दौरान श्री सिद्ध बाबा सोढल मंदिर से चारों तरफ दो-दो किलोमिटर से बाजार सजे। जहां पर गृहपयोगी सामान से लेकर खिलौने, हैंडलूम, रेडिमेट, क्राकरी, श्रृंगार सामग्री से लेकर हर तरह के सामान की बिक्री की गई। निगम के तहबाजारी विभाग ने कोई पर्ची नहीं काटी। बताया जा रहा है कि मेले के सप्ताह भर में दस करोड़ का कारोबार किया गया है। यहीं नहीं, बुधवार रात को सोढल रोड पर लगे झूले की प्लेटें गिर जाने से हुए हादसे के बाद भी लोगों ने वीरवार को बेखौफ झूलों का आनंद लिया।

हंगामे के चलते नहीं हुई चढ़ावे की गिनती

सोढल मंदिर ट्रस्ट के कैश काउंटिंग रूम में बुधवार को हुए हंगामे के चलते वीरवार को चढ़ावे की गिनती नहीं की गई। ट्रस्ट के कैशियर सुरेश चड्ढा बताते हैं कि दो दिन बाद चढ़ावे की गिनती की जाएगी।

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