ऐसी लापरवाही घातक है..

कैंट में आते गांव धन्नोवाली के पास सोमवार सुबह हुई 22 साल की युवती नवजोत कौर की मौत और एक युवती के घायल होने के मामले में घायल ममता की हालत में काफी सुधार है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 07:01 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 07:01 AM (IST)
ऐसी लापरवाही घातक है..
ऐसी लापरवाही घातक है..

जागरण संवाददाता, जालंधर : कैंट में आते गांव धन्नोवाली के पास सोमवार सुबह हुई 22 साल की युवती नवजोत कौर की मौत और एक युवती के घायल होने के मामले में घायल ममता की हालत में काफी सुधार है। उसकी कमर में फ्रैक्चर आया है। मामले में दोनों ही पक्षों के बीच समझौता हो जाने के बाद घायल युवती के परिजनों ने किसी भी तरह की बातचीत करने से मना कर दिया। हादसे के अगले दिन जब दैनिक जागरण की टीम ने पठानकोट-जालंधर हाईवे, मकसूदां बाइपास से हवेली तक हाईवे और रामामंडी से होशियपुर हाईवे की पड़ताल की तो लोग बेफिक्र होकर हाईवे पर लगे डिवाइडर फांदकर जाते दिखाई दिए। इतना ही नहीं सूर्या एनक्लेव के पास तो लोगों ने हाईवे पर चढ़ने के लिए ओवरब्रिज पर सीढि़यां भी लगा ली। इन सीढि़यों की मदद से लोग हाईवे जाते हैं। वहां हाईवे के बीचों-बीच आटो रुकते भी हैं और सवारियों को चढ़ाते हैं। उस कारण कई हादसे भी हो चुके लेकिन लापरवाही जारी है। गलती हाईवे अथारिटी की भी

सिर्फ दो फुटओवर ब्रिज, चाहिए दस

हाईवे की पड़ताल में सामने आया कि एलपीयू के सामने एक फुटओवर ब्रिज है और दूसरा एनआईटी के पास। दोनों के बीच की दूरी 35 किलोमीटर है और इस 35 किलोमीटर में एक भी ओवरब्रिज नहीं है। मकसूदां, भगत सिंह कालोनी, पठानकोट रोड पर रेरू पिड, पठानकोट चौक से फ्लाईओवर शुरू होने से 100 मीटर पहले, लम्मापिंड फ्लाईओवर से पहले, गुरु गोविद सिंह एवेन्यू, सूर्या एनक्लेव रामामंडी होशियारपुर रोड पर बाजार में, तल्हण टी प्वाइंट, कैंट रेलवे स्टेशन के पास फुट ओवरब्रिज की जरूरत है। यहां बड़ी संख्या में आबादी रहती है और बाजार भी हैं। ऐसे में लोगों के गुजरने के लिए ब्रिज की जरूरत है।

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दकोहा फाटक पर सिर्फ कागजों में तैयार हुआ ब्रिज

दकोहा फाटक के पास फुट ओवरब्रिज का ढांचा तो रखा हुआ है। काफी समय से खुले में पड़ा रहने के चलते काफी जर्जर हालत में पहुंच चुका है, लेकिन लोगों के लिए इसे लगाया नहीं गया है। इसके अलावा मकसूदां इलाके में फुटओवर ब्रिज का निर्माण तो शुरू हुआ था लेकिन विभागों की लापरवाही के चलते इस फुटओवर ब्रिज का सिर्फ अप्रोच ही बन सका। परिवहन मंत्री से शिकायत हुई, फिर भी सुनवाई नहीं

शहर के कई समाजसेवियों और एनजीओ संचालकों ने लोगों की समस्याओं और सुरक्षा के मद्देनजर फुट ओवरब्रिज बनाने की मांग की थी लेकिन हाईवे अथारिटी की अनदेखी के चलते आज भी जालंधर के लोग अपनी जान दांव पर लगाने को मजबूर हैं। एनजीओ संचालक पंकज मेहता का कहना है कि उन्होने फुटओवर ब्रिज की मांग को लेकर परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को ईमेल किया था। जिसके बाद मकसूदां में ब्रिज का निर्माण भी शुरू हुआ लेकिन बाद में काम बंद हो गया। दोबारा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को ईमेल की पर कोई सुनवाई नहीं हुई। इन इलाकों में है ज्यादा खतरा..पैदल मत करें हाईवे पार

-दकोहा फाटक के पास शाम के समय लोगों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।

-मकसूदां बाईपास के पास स्थित अर्धनिर्मित फुटओवर ब्रिज का हाल भी दकोहा जैसा ही है। यहां पैदल गुजर रहे लोग हाईवे गुजरते वाहनों की चपेट में आते हैं।

-गुरु गोबिंद सिंह एवेन्यू के पास फुट ओवरब्रिज न होने के चलते लोगों ने हाईवे पर आटो पकड़ने के लिए सीढ़ी लगा ली। आटो एकदम से रुकते हैं जिससे हादसे होते हैं।

-------------------------------------------------------- यह है मामला : सब इंस्पेक्टर ने मारी थी टक्कर, पुलिस ने 16 लाख में करवाया समझौता

दरअसल, सोमवार सुबह साढ़े आठ बजे धन्नोवाली गांव के पास दो युवतियों को एक तेज रफ्तार ब्रीजा कार ने टक्कर मार दी थी। नवजोत कौर की मौत हो गई थी जबकि ममता घायल हो गयी थी। कार को पीएपी की 75 बटालियन में तैनात सब इंस्पेक्टर अमृतपाल चला रहा था। घटना के बाद युवती के परिजनों ने जालंधर-फगवाड़ा हाईवे छह घंटे जाम कर दिया था। धरने के बाद पुलिस ने आरोपित एसआइ अमृतपाल पर केस दर्ज कर लिया था। देर रात दोनों पक्षों में समझौता होने के बाद उसे थाने से ही जमानत दे दी गई। एसआइ अमृतपाल ने मृतका नवजोत कौर के परिजनों को 12.50 लाख व ममता के परिजनों को साढ़े तीन लाख देने की पेशकश कर समझौता कर लिया था।

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