यूं तोड़ी जा रही हैं शहर में ट्रैफिक नियमों की धज्जियां, ट्रॉली पर 50 टन गन्ना लेकर गुजर रहे लोग

हाईवे पर चीनी मिल की तरफ जा रहीं ओवरलोडेड ये ट्रॉलियां धुंध में वाहन चालकों को नजर नहीं आती हैं और हादसों का कारण बनती हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 03:00 PM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 03:00 PM (IST)
यूं तोड़ी जा रही हैं शहर में ट्रैफिक नियमों की धज्जियां, ट्रॉली पर 50 टन गन्ना लेकर गुजर रहे लोग
यूं तोड़ी जा रही हैं शहर में ट्रैफिक नियमों की धज्जियां, ट्रॉली पर 50 टन गन्ना लेकर गुजर रहे लोग

जासं, जालंधर: ज्यादा भार होने के कारण पलट रही उक्त ट्रॉलियां मालिकों के लाखों रुपये तो बचा रही हैं, लेकिन मोटर व्हीकल एक्ट का भी सरेआम उल्लंघन कर रही हैं। 30 से 50 टन तक गन्ना लोड कर हाईवे पर जा रही ट्रॉलियां जिंदगी पर भारी पड़ती दिखाई देने लगी हैं। इनमें कोई अतिरिक्त टायर नहीं होता है, ब्रेक तो है ही नहीं, बैक लाइट लगवाते नहीं और अगर लगवाई हो तो लोड की वजह से नजर नहीं आतीं। इनकी वजह से गन्ने के सीजन में पंजाब भर में हादसे होते हैं और कई लोगों की जान भी चली जाती है। सड़क पर बिखरा गन्ना भी बेहद घातक है। अगर इसे सड़क से न हटाया जाए तो कई बार दोपहिया वाहन इन पर फिसल जाते हैं।

धुंध में नजर नहीं आती ट्रॉलियां, टकराते हैं वाहन

हाईवे पर चीनी मिल की तरफ जा रहीं ओवरलोडेड ये ट्रॉलियां धुंध में वाहन चालकों को नजर नहीं आती हैं और हादसों का कारण बनती हैं। इसके अलावा फ्लाईओवर से उतरते समय लोड ज्यादा होने की वजह से ट्रैक्टर अपना संतुलन खो देते हैं और पलट जाते हैं। सोमवार को चौगिट्टी चौक फ्लाईओवर के ऊपर ट्रॉली पलटी और जाम खुलवाने में छह घंटे लग गए।

कोई टोल टैक्स नहीं, न ही परमिट की जरूरत

खेती से जुड़ा होने की वजह से ट्रैक्टर ट्रॉली को किसी परमिट की जरूरत नहीं पड़ती और न ही टोल टैक्स देना पड़ता है। अधिकतर लोगों ने ट्रॉली की तो इंश्योरेंस भी नहीं करवाई है।

ट्रॉली को जट्ट दा गड्डा बोलने वाले गंभीर हों : संधू

ऑल पंजाब ट्रक ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष हैप्पी संधू ने कहा कि इस समस्या को लेकर अफसरशाही आंखें मूंदे हुए है। ट्रॉली को जट्ट का गड्डा बताने वाले अफसर इस गंभीर समस्या की तरफ ध्यान दें ताकि लोगों की जान बच सके। ट्रक ओवरलोड हो तो हजारों रुपये जुर्माना लगा दिया जाता है लेकिन ओवरलोड ट्रॉली देखकर आंखें मूंद ली जाती हैं।

कॉमर्शियल इस्तेमाल के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी

नियमों के तहत ट्रैक्टर-ट्रॉली को खेत के काम के लिए उपयोग किया जा सकता है। अगर इनका कॉमर्शियल उपयोग करना है तो रजिस्टर करवाना होता है। इसके बावजूद बहुत कम लोग ही इनकी रजिस्ट्रेशन करवाते हैं। नियमों की धज्जियां उड़ाकर शहर के अधिकतर क्षेत्रों में इनका प्रयोग व्यवसायिक तौर पर हो रहा है। कहीं ट्रॉली रेत तो कहीं बजरी लाद कर खड़ी दिखाई देती हैं लेकिन इनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होती।

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