बारिश में सिविल अस्पताल में मरीज हुए परेशान

बारिश और डाक्टरों की हड़ताल मरीजों के लिए बड़ी परेशानी बनी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 08:06 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 08:06 PM (IST)
बारिश में सिविल अस्पताल में मरीज हुए परेशान
बारिश में सिविल अस्पताल में मरीज हुए परेशान

जागरण संवाददाता, जालंधर

बारिश और डाक्टरों की हड़ताल मरीजों के लिए बड़ी परेशानी बन चुकी है। बुधवार को बारिश की वजह से हड़ताल पर बैठे डाक्टर और इलाज करवाने के लिए आए लोगों को खासी परेशानियों से जूझना पड़ा। ओपीडी बंद होने की वजह से इमरजेंसी वार्ड में लंबी लाइनें लगी। हालांकि नई सरकारी सर्विस ज्वाइन करने वालों को मेडिकल करवाने में राहत मिली है। डाक्टरों ने ईएसआइ अस्पताल में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात डाक्टरों के एनपीए में पांच फीसदी कटौती करने बाद गुस्साए डाक्टरों की हड़ताल बुधवार को भी जारी ही। ओपीडी सेवाएं बंद होने की वजह से सिविल अस्पताल, ईएसआइ अस्पताल तथा वेटरनरी पोलीक्लीनिकों में केवल इमरजेंसी सेवाएं चली। बरसात के चलते प्रदर्शन में भाग लेने के लिए आने वाले डाक्टरों की संख्या में तेजी से गिरावट आने लगी है। धरने में ईएसआइ व सिविल अस्पताल के करीब 25-30 डाक्टर ही भाग लेने के लिए पहुंचे। धरना प्रदर्शन वाली जगह पर भी मरीज पहुंचने लगे हैं। धरना खत्म होने के बाद मरीज डाक्टरों को जांच कर दवा देने की गुहार लगाते दिखे। हालांकि डाक्टरों ने रोष ओपीडी भी बंद कर दी, बावजूद गंभीर मरीजों को दवा लिख कर दी। सिविल अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में दोपहर को सभी बेड फुल हो गए थे। डाक्टर के कमरे के बाहर लंबी लाइनें लग गई थी। दाखिल मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा। अस्पताल में बीमार मरीज को लेकर कौशल्या का कहना है कि मरीज को पहले दाखिल करवाने के लिए 35 मिनट का समय लगा और और दाखिल होने के बाद बीस मिनट बाद डाक्टर देखने के लिए पहुंचा। इस दौरान मरीज को काफी बेचैनी हो रही थी। वहीं इमरजेंसी में जांच और आरोपितों को मेडिकल करवाने के लिए खांसी मशक्कत का सामना करना पड़ा। सिविल अस्पताल में 208 लोगों ने पर्ची बनवा कर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लिया। इनमें जच्चा-बच्चा, कुत्ता काटने तथा अन्य इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाएं लेने वाले मरीज शामिल हैं। इस मौके पर डा. अरुण वर्मा, डा. कामराज, डा. हरप्रीत सिंह, डा. साहिल विकास, डा. हरकीरत सिंह, डा. वीरइंद्र सिंह, डा. गुरमीत लाल, डा. अशोक थापर, डा. अभिषेक सच्चर, डा. सतिदर कौर, डा. गुरमीत लाल, डा. नरेश बाठला, डा. ममता, डा. जसमिदर कौर, डा. बिदु, डा. वजिदर सिंह, डा. मुकेश वर्मा, डा. दलजीत सिंह, डा. भूपिदर सिंह आदि मौजूद थे।

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