अमृतसर में हड़ताली जूनियर डाक्टरों की मनमानी, गेट पर ताला लगाकर मरीजों को OPD में जाने से रोका
जीएनडीएच के जूनियर डाक्टर ओपीडी का प्रवेश द्वार बंद करके बाहर धरने पर बैठ गए। इस दौरान 400 से अधिक मरीज ओपीडी में जाने के लिए डाक्टरों से गुहार लगाते रहे पर मनमानी पर उतरे जूनियर डाक्टरों ने उन्हें प्रवेश द्वार पर ही रोके रखा।
जागरण संवाददाता, अमृतसर। पीजी नीट की काउंसलिंग न होने के विरोध में पिछले 5 दिन से सांकेतिक हड़ताल कर रहे जूनियर गुरु नानक देव अस्पताल के रेजिडेंट डाक्टरों ने शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवाएं ठप कर दी। जूनियर डाक्टर ओपीडी का प्रवेश द्वार बंद करके बाहर धरने पर बैठ गए। इस दौरान 400 से अधिक मरीज ओपीडी में जाने के लिए डाक्टरों से गुहार लगाते रहे पर मनमानी पर उतरे जूनियर डाक्टरों ने उन्हें प्रवेश द्वार पर ही रोके रखा। मरीजों ने कहा कि हड़ताल का यह तरीका कतई उचित नहीं। जूनियर डाक्टर अपने स्तर पर धरना लगाएं, प्रदर्शन करें यह उनका संवैधानिक अधिकार है पर मरीजों को ओपीडी में जाने से रोकना उद्दंडता है।
इतना ही नहीं, जूूनियर डाक्टरों ने आपरेशन थिएटर में भी काम करने से इंकार कर दिया। शुक्रवार को दस मरीजों के आपरेशन किए जाने थे पर जूनियर डाक्टरों ने साफ कहा कि वह आपरेशन थिएटर में सीनियर डाक्टर को असिस्ट नहीं करेंगे। हालांकि, सीनियर डाक्टरों ने अपने स्तर पर 7 मरीजों के आपरेशन किए।
बेबसी की पीड़ा
सतपाल नामक बुुजुर्ग शुक्रवार को अस्पताल पहुंचे। डाक्टरों ने उन्हें आज आपरेशन का समय दिया था। जैसे ही वह ओपीडी के रास्ते आपरेशन थिएटर जाने लगे, डाक्टरों ने उन्हें बाहर ही रोक लिया। उनसे कहा कि आज कुुछ नहीं होगा, यहां से चले जाओ। बुजुर्ग ने अपनी पीड़ा और उम्र की दुहाई दी पर संवेदना शून्य हो चुके जूनियर डाक्टरों ने उनकी नहीं मानी। राजिंदर नगर की मधु क्रोनिक डिजीज का सर्टिफिकेट बनवाने के लिए अस्पताल पहुंची। उन्हें भी भीतर प्रवेश करने नहीं दिया गया। मधु के अनुसार वह पिछले चार दिनों से यहां आ रही है। जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के कारण उनका काम नहीं हो रहा।
रीढ़ में दर्द, डाक्टर बेदर्द
राजदीप कौर नामक महिला की रीढ़ की हड्डी में दर्द है। वह दर्द से कराह रही थी पर ओपीडी का द्वार बंद कर दिया गया। अंतत: वह तकरीबन तीन सौ मीटर दूूर इमरजेंसी से किसी तरह सीनियर डाक्टर की ओपीडी तक पहुंची लेकिन वहां डाक्टर नहीं मिला।
जूनियर रेजिडेंट्स से कर रहे हैं बात : एमएस
जीएनडीएच के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. केडी सिंह का कहना है वे जूनियर रेजिडेंट्स से बात कर रहे हैं। उन्हें समझा रहे हैं ताकि स्वास्थ्य सेवाएं निरंतर जारी रहें। वैसे जूनियर रेजिडेंट्स ने ओपीडी का मुख्य गेट बंद किया है। ओपीडी में जाने के और भी कई रास्ते हैं। मरीज वहां से ओपीडी तक पहुंच सकते हैं। डा. केडी ने माना कि हड़ताल की वजह से ओपीडी सेवाएं प्रभावित तो हुई हैं, वहीं आपरेशन थिएटर में भी डाक्टरों को खासी मशक्कत का सामना करना पड़ा है।
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