हवा में उड़ा सरकार का ब्लड बैंक से मुफ्त खून देने का वादा, एक-एक बूंद को तरसे सिविल के मरीज
नए साल पर सरकारी अस्पतालों की ब्लड बैंक से मुफ्त ब्लड देने का आदेश पर अमल होते नहीं दिख रहा है। वर्तमान में सिविल अस्पताल के मरीज खून की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं।
जालंधर [जगदीश कुमार]। नववर्ष से सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंकों से फ्री ब्लड देने के आदेशों के बावजूद सिविल अस्पताल के मरीजों को खून की एक-एक बूंद के लिए भटकना पड़ रहा है। ब्लड डोनर्स की कमी से पैदा हुई खून की किल्लत दूर करने में अस्पताल प्रशासन विफल साबित हुआ है। हालात यह हैं कि ब्लड बैंक में प्रत्येक ग्रुप के तीन-तीन यूनिट ही आपातकालीन स्थिति के लिए बचे हैं। जरूरतमंद लोगों को निजी अस्पतालों के ब्लड बैंकों से महंगा खून खरीदना पड़ रहा है।
वहीं, थैलेसीमिया के बच्चों के परिजनों को भी खून के लिए स्वयंसेवी संगठनों से संपर्क करना पड़ रहा है। पिछले 17 दिन में खून फ्री होने के बावजूद 160 मरीजों को खून के बदले खून दिया चुका है, जो स्वैच्छिक रक्तदान के दावों को ठेंगा दिखा रहा है। बता दें कि सरकारी ब्लड बैंक में ब्लड लेने वालों में 40 फीसद निजी तथा 60 फीसद मामले सिविल अस्पताल के होते हैं।
खून के लिए दो दिन से भटक रहे
सिविल अस्पताल में दाखिल मोहम्मद आरिफ को खून की उल्टियां आ रहीं थीं। उसे लोहड़ी वाले दिन सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया। डॉक्टरों ने उसे पांच यूनिट खून चढ़ाने की बात कही। एक यूनिट तो तुरंत चढ़ा दिया गया, लेकिन उसके बाद से परिजनों को खून के लिए ब्लड बैंक और लोगों की मिन्नतें करनी पड़ रहीं हैं। आरिफ के चचेरे भाई मोनू और विनोद ने बताया कि ब्लड बैंक के मुलाजिम ओ पॉजिटिव ब्लड ग्रुप का डोनर मांग रहे हैं। मंगलवार को एक डोनर मिला, फिर भी अस्पताल प्रशासन उसके बदले खून देने से आनाकानी कर रहा है। उन्होंने कई साथियों से बातचीत की, लेकिन बात नहीं बन रही। ब्लड बैंक में तैनात स्टाफ अपनी जिद पर अड़ा है।
माह के अंत तक तीन रक्तदान कैंप
ब्लड बैंक के बीटीओ डॉ. गगनदीप सिंह ने बताया कि इस माह के अंत तक सरकारी ब्लड बैंक में खून की कमी रोकने के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से रेरू चौक, केएमवी तथा एलपीयू में रक्तदान कैंप लगाए जाएंगे।
स्कूल-कॉलेज में छुट्टियां होने से नहीं लगे कैंप
सिविल अस्पताल की मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. जसमीत कौर वालिया ने बताया कि अस्पताल में दाखिल मरीजों को मुफ्त खून दिया जा रहा है। स्कूलों-कॉलेजों में छुट्टियां होने के कारण खूनदान कैंप नहीं लग सके। इसी कारण खून की उपलब्धता में अचानक कमी आई है। इसके बावजूद थैलेसीमिया व इमरजेंसी मरीजों के लिए डोनर्स से संपर्क किया गया है। इस माह में कैंप लगा कर खून की कमी को पूरा किया जाएगा।
कब कितना ब्लड डोनेट
दिसंबर 2018 जनवरी 2019 (17 जनवरी तक)
कुल यूनिट 824 360
कैंप लगे 11 4
कैंपों से मिला खून 577 यूनिट 200
खून के बदले खून 247 160