पटियाला में बैरिकेड तोड़ CM Residence तक पहुंचे वोकेशनल टीचर्स, पुलिस के साथ धक्का-मुक्की

पटियाला में गुरुद्वारा मोती बाग की तरफ कम पुलिस बल तैनात होने के कारण प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़कर बिल्कुल सीएम निवास के गेट के सामने पहुंच गए और करीब आधा घंटा तक वहां नारेबाजी की। उनकी पुलिस के साथ तीखी झड़प हुई।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 03:53 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 06:53 PM (IST)
पटियाला में बैरिकेड तोड़ CM Residence तक पहुंचे वोकेशनल टीचर्स, पुलिस के साथ धक्का-मुक्की
पटियाला में प्रदर्शनकारी वोकेशनल टीचर्स को रोकते हुए पुलिस। जागरण

जासं, पटियाला। यहां रेगुलर करने की मांग को लेकर वोकेशनल अध्यापकों ने शुक्रवार को अचानक सीएम आवास के समक्ष धरना प्रदर्शन करने पहुंच गए।। गुरुद्वारा मोती बाग की तरफ कम पुलिस बल तैनात होने के कारण प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़कर बिल्कुल सीएम निवास के गेट के सामने पहुंच गए और करीब आधा घंटा तक वहां नारेबाजी की। इस दौरान उनकी पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई।

रेगुलर करने की मांग को लेकर पिछले 100 दिनों से प्रदर्शन कर रहे वोकेशनल अध्यापक यूनियन की मीटिंग सीएम के प्रमुख सचिव सुरेश कुमार के साथ स्थगित होने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया। सीएम आवास के बाहर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की। इस दौरान उनकी उनके साथ हल्की भिड़ंत भी हो गई।

यूनियन के प्रधान राय साहब सिंह सिद्धू ने कहा कि पिछले 100 दिनों से वोकेशनल अध्यापक के दुख निवारण साहब चौक में पक्के धरना लगाकर बैठे हैं। प्रशासन और सरकार के साथ कई मीटिंगों के बावजूद उनकी मांग का कोई हल नहीं निकला है। इसके विरोध में 11 सितंबर को पूरे पंजाब के एनएसक्यूएफ अध्यापक पटियाला में भारी संख्या में पहुंचे और जाम लगाया। उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्री के साथ कई मीटिंगें हो चुकी हैं, लेकिन आज तक कोई हल नहीं किया गया, जिस कारण अध्यापकों में काफी रोष बढ़ रहा है।

वीरवार को यूनियन सदस्यों की प्रशासन की तरफ से मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार के साथ मीटिंग तय करवाई गई थी, लेकिन ऐन मौके पर इसे रद कर दिया गया। इससे अध्यापकों में भारी रोष है। इसके चलते यूनियन ने शुक्रवार को बिना सूचना विरोध करने की योजना बनाई थी। इसके बाद वोकेशनल अध्यापकों ने सीएम आवास को घेरकर प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी ना की गई तो वह बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे जिसकी जिम्मेवारी जिला प्रशासन और पंजाब सरकार की होगी।

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