पटेल अस्पताल ने मानी गलती, टेस्ट के नाम पर 106 मरीजों से वसूले 3.28 लाख लौटाएगा
पटेल अस्पताल ने आरटीपीसीआर टेस्ट करवाने वाले 106 ओपीडी मरीजो से गलती से 3.28 लाख अधिक वसूल लिए थे।
जागरण संवाददाता, जालंधर
पटेल अस्पताल ने आरटीपीसीआर टेस्ट करवाने वाले 106 ओपीडी मरीजों से गलती से 3.28 लाख रुपये अधिक वसूल लिए थे। अपनी गलती मानने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने जिला प्रशासन को भरोसा दिया है कि ज्यादा वसूली रकम मरीजों को वापस कर दी जाएगी। इस बात की पुष्टि डीसी ने की।
डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी के पास जीटीबी नगर निवासी राजीव मकोल ने 21 जुलाई को शिकायत दी थी। इसमें उसने कहा था कि अस्पताल प्रबंधन कोविड टेस्ट के नाम पर अधिक पैसे वसूल रहा है। राज्य सरकार ने 2400 रुपये टेस्ट के रेट फिक्स किए थे, जबकि अस्पताल प्रबंधन 5500 रुपये ले रहा है। डीसी ने मामले की जांच सहायक कमिश्नर रनदीप गिल सौंपी थी। जांच में अस्पताल प्रबंधन की गलती पाई गई है। डीसी ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने ओपीडी के 106 मरीजों को 3.28 लाख की रकम वापस करने की बात मान ली है।
उधर, पटेल अस्पताल ने स्पष्ट किया है कि ओपीडी बेस्ड आरटीपीसीआर टेस्ट जीन एक्सपर्ट सेफेड मशीन पर अस्पताल परिसर में ही किए जा रहे थे। उनमें मरीज और हेल्थ केयर पर्सोनल के व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई किट) भी शामिल है। कोविड-19 टेस्ट के लिए सरकार खुद दिल्ली हवाई अड्डे पर 5000 का शुल्क ले रही है। पंजाब सरकार द्वारा आठ जुलाई को जारी आदेश स्पष्ट नहीं था। आदेश में उल्लेख था कि 2400 रुपये में नमूनों का केवल पिकअप, पैकिग व ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट शामिल है। प्रशासन की जांच ने स्पष्ट किया है कि इसमें स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पीपीई किट भी शामिल है। पटेल अस्पताल में जीन विशेषज्ञ सेफेड मशीन पर 21 जुलाई से ओपीडी आधारित आरटीपीसीआर कोविड-19 टेस्ट बंद कर दिया है। यह टेस्ट बिना पीपीई किट्स पहने संभव नहीं है।