नवजोत सिद्धू के खास परगट सिंह बोले, पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत को किसने दिया फैसले लेने का अधिकार

पंजाब कांग्रेस में मचा घमासान शांत होने के बजाय और बढ़ रहा है। अब नवजोत सिद्धू के खास परगट सिंह ने पार्टी प्रभारी हरीश रावत पर निशाना साधा है। परगट ने कहा कि हरीश रावत को फैसले लेने का अधिकार किसने दिया।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 29 Aug 2021 04:50 PM (IST) Updated:Mon, 30 Aug 2021 07:31 AM (IST)
नवजोत सिद्धू के खास परगट सिंह बोले, पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत को किसने दिया फैसले लेने का अधिकार
परगट सिंह ने हरीश रावत पर साधा निशाना।

मनुपाल शर्मा, जालंधर। पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में चरम पर पहुंची कलह ने अब आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव तथा पंजाब के प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) को भी अपनी चपेट में ले लिया है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot singh Sidhu) के अत्यंत करीबी एवं पंजाब कांग्रेस के महासचिव परगट सिंह ने हरीश रावत पर ही निशाना साधा है। परगट सिंह (Pargat Singh) ने सवाल उठाया है कि हरीश रावत को पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कराए जाने संबंधी बोलने का अधिकार आखिर किसने दिया है। परगट सिंह रविवार को जालंधर में दैनिक जागरण से बातचीत कर रहे थे। 

परगट सिंह ने कहा कि उन्हें तो यह पता है कि खड़गे कमेटी, जिसके समक्ष वह खुद भी पेश हुए थे, ने यह फैसला लिया था कि चुनाव संबंधी कोई भी घोषणा करने का अधिकार मात्र सोनिया गांधी के ही पास है। यह तो अब हरीश रावत को ही बताना चाहिए कि उन्हें पंजाब में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर घोषणा करने का अधिकार आखिरकार किसने दे दिया है।

परगट सिंह ने कहा कि हरीश रावत की उक्त घोषणा का असर पंजाब के वोटरों के ऊपर सीधे तौर पर हुआ है। परगट सिंह ने एक बार फिर से नवजोत सिंह सिद्धू का पक्ष लेते हुए कहा कि बीते दिनों सिद्धू की तरफ से जो बातें कही गई हैं, वह संभवत: हरीश रावत को लेकर ही हैं। नवजोत सिद्धू की बात सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) अथवा पार्टी नेतृत्व को लेकर नहीं थी।

परगट ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू ने बीते दिनों अमृतसर में कहा था कि अगर पार्टी हाईकमान ने उन्हें निर्णय लेने का अधिकार नहीं दिया तो वह ईट से ईट बजा देंगे। परगट ने कहा कि पावर एग्रीमेंट रद करने संबंधी फैसला भी सोच समझ कर लिया जाना चाहिए। ऐसा न हो कि बाद में कानूनी लड़ाई लड़ने पर भी करोड़ों का खर्च आ जाए। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से लिए जाने वाले फैसले सीलबंद लिफाफे में नहीं होने चाहिए, बल्कि सबके सामने होने चाहिए।

बता दें, नवजोत सिंह सिद्धू के साथ परगट सिंह शुरू से ही सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमलावर रहे हैं। यही कारण है कि सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस की कमान संभालते ही परगट सिंह को पार्टी का पंजाब महासचिव नियुक्त कर दिया। पूर्व हाकी कैप्टन परगट इससे पहले अकाली दल में थे, लेकिन बाद में वह अकाली नेतृत्व पर अंगुली उठाने लगे थे। तब नवजोत सिंह सिद्धू भाजपा में हुआ करते थे और दोनों दलों अकाली दल व भाजपा का गठबंधन था। 

बाद में परगट सिंह ने अकाली दल से इस्तीफा दे दिया था। पिछले विधानसभा चुनाव से पूर्व उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू के साथ मिलकर चौथा फ्रंट आवाज-ए-पंजाब बनाया था। हालांकि यह फ्रंट ज्यादा दिन तक नहीं चला। नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस का दामन थाम लिया और परगट सिंह भी कांग्रेस में पहुंच गए। अब ठीक उसी तर्ज पर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सिद्धू व परगट सिंह की जोड़ी कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित पार्टी के अन्य नेताओं पर हमलावर है। 

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