Pargat Singh के मंत्री बनने से बदलेंगे जालंधर कैंट सीट के समीकरण, AAP और भाजपा को अभी घोषित करने हैं प्रत्याशी

जालंधर छावनी के मौजूदा कांग्रेसी विधायक परगट सिंह रविवार को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण कर लेंगे और उसके साथ ही उनके हलके में समूचे विपक्ष को भी विधानसभा चुनाव को लेकर नई रणनीति अपनानी होगी।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 01:58 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 02:05 PM (IST)
Pargat Singh के मंत्री बनने से बदलेंगे जालंधर कैंट सीट के समीकरण, AAP और भाजपा को अभी घोषित करने हैं प्रत्याशी
परगट सिंह, जगबीर बराड़ और ओलंपियन सुरेंद्र सिंह सोढ़ी।

मनुपाल शर्मा, जालंधर। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जालंधर कैंट के विधायक परगट सिंह का कैबिनेट मंत्री के तौर पर प्रमोट होना विरोधियों को चुनावी रणनीति को बदलने को मजबूर कर देगा। विधायक परगट सिंह कैबिनेट पद पाने को अन्य उपलब्धियों के साथ एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर प्रोजेक्ट कर सकते हैं। मंत्री पद पाने पर परगट अपने क्षेत्र के लिए कई बड़े प्रोजेक्टों की घोषणा कर सकते हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव में इसका तोड़ ढूंढ़ पाना विरोधियों के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।

परगट सिंह रविवार को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण कर लेंगे। इसके साथ ही उनके विरोधियों को विधानसभा चुनाव को लेकर नई रणनीति अपनानी होगी। छावनी विधानसभा क्षेत्र से शिरोमणि अकाली दल ने जगबीर सिंह बराड़ को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है लेकिन अभी तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं आम आदमी पार्टी (आप) ने अधिकारिक तौर पर उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं। 

हालांकि आप ने हाकी ओलंपियन सुरेंद्र सिंह सोढ़ी को जालंधर छावनी का इंचार्ज नियुक्त किया है। इसे उनकी संभावित उम्मीदवारी के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। अगर सुरेंद्र सिंह सोढी उम्मीदवार बनाए जाते हैं तो यह उनकी राजनीतिक जिंदगी का पहला चुनाव होगा। भाजपा भी विधानसभा क्षेत्र जालंधर छावनी में अपना पहला चुनाव लड़ेगी। उपयुक्त उम्मीदवारी को लेकर पार्टी को खासी जद्दोजहद भी करनी होगी। कांग्रेस ने पिछला विधानसभा चुनाव जगबीर सिंह बराड़ को नकोदर से लड़वाया था। इस कारण जगबीर सिंह बराड़ को हलके में फिर से मशक्कत करनी पड़ रही है।

मंत्री बनने के बाद परगट को घेरना विरोधियों के लिए बड़ी चुनौती

जाहिर है कि जहां परगट सिंह कैबिनेट मंत्री बनने पर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अपने हलके में सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए जान लगाएंगे। ऐसे में विपक्ष को मात्र वादे करके ही वोटरों को लुभाना होगा। यह किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा।

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