बच्चों को स्कूल भेजने को राजी नहीं अभिभावक

कोरोना संक्रमण अभी थमने का नाम नहीं ले रहा। यह कब तक चलेगा कोई नहीं जानता।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 07:26 AM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 07:26 AM (IST)
बच्चों को स्कूल भेजने को राजी नहीं अभिभावक
बच्चों को स्कूल भेजने को राजी नहीं अभिभावक

जागरण संवाददाता, जालंधर : कोरोना संक्रमण अभी थमने का नाम नहीं ले रहा। यह कब तक चलेगा, कोई नहीं जानता। संक्रमितों का बढ़ता आंकड़ा लोगों को डरा रहा है। अभिभावकों को रोज के रोज डरा रहा है। तभी तो स्कूल खुल भी जाते हैं तो भी अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं। उनका यही तर्क है कि बच्चों की जान पहले है। अभी न तो संक्रमण थमा है और न ही वैक्सीन बनी है, फिर बच्चों को स्कूल भेज दें। ये जवाब इन दिन स्कूलों को अभिभावकों की ओर से मिल रहे हैं। दरअसल, स्कूलों द्वारा नौवीं से 12वीं तक के बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों की राय लेने के लिए फार्म भरवाए जा रहे हैं। कहीं-कहीं पेरेंट्स टीचर मीट (पीटीएम) के लिए अभिभावकों को बुलाया जा रहा है, ताकि अभिभावकों द्वारा बच्चों को स्कूल भेजने प्रति प्रतिक्रिया जानी जा सके।

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स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के विश्वास दिलाना चुनौती

स्कूलों मुखियों द्वारा अभिभावकों को निरंतर विश्वास दिलाया जा रहा है कि बच्चों की सुरक्षा को मुख्य रखते हुए सुरक्षा के सभी प्रबंध सुनिश्चित करेंगे। स्कूल कैंपस की सैनिटाइजेशन, बच्चों के लिए इन आउट के रास्ते भी अलग-अलग रखने, स्कूल परिसर में विभिन्न स्थानों में सैनिटाइजर, थर्मिल स्क्रीनिग, बच्चों के लिए मास्क पहनकर आना अनिवार्य करने संबंधी सुरक्षा के प्रबंध करने का विश्वास दिलाया जा रहा है। इन सबके बावजूद बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावकों को विश्वास दिला पाना मुश्किल हो गया है। ये स्कूल के लिए बड़ी चुनौती बन बैठा है।

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यूं तो अभी स्कूल खोलने के बारे में नहीं सोच रहे, क्योंकि अभी परीक्षाएं चल रही हैं। अक्टूबर के पहले सप्ताह तक परीक्षाएं खत्म होंगी और उसके बाद रिजल्ट तैयार होगा। 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के अभिभावकों से इस पर राय लेने के लिए गूगल फॉर्म तैयार करवाकर उन्हें भेजेंगे। अगर अभिभावक राजी होते हैं तो प्रत्येक कक्षा के सभी बच्चों को न बुलाकर तीन-तीन घंटों के स्लॉट बनाकर बच्चों को बुलाया जाएगा। उसमें भी यह तय किया जाएगा कि प्रत्येक कक्षा में 10 से ज्यादा बच्चे न हों।

- प्रि. रचना मोंगा, संस्कृति केएमवी स्कूल

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नौवीं से 12वीं तक के बच्चों के अभिभावकों की राय ली जा रही है। उन्हें गूगल फॉर्म भेजा अभी भेजा गया है और आने वाले दो-तीन दिनों में यह पता चल जाएगा कि कितने फीसद अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने के लिए राजी हैं। उसके बाद ही बच्चों का सीटिग प्लान बनाया जाएगा। वैसे तो मौखिक तौर पर अभिभावकों की तरफ से बच्चों को स्कूल नहीं भेजने की ही बात की गई है।

- प्रि. विनोद कुमार, दयानंद माडल स्कूल, मॉडल टाउन

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