पीएपी आरओबी : अंडरग्राउंड होगी 132 केवी लाइन, 15 करोड़ आएगा खर्च
महानगर के लिए अति जरूरी थ्रीलेन पीएपी रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के निर्माण में बाधा बन रही बिजली की 132 केवी लाइन को अंडरग्राउंड करना ही एकमात्र विकल्प है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : महानगर के लिए अति जरूरी थ्रीलेन पीएपी रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के निर्माण में बाधा बन रही बिजली की 132 केवी लाइन को अंडरग्राउंड करना ही एकमात्र विकल्प है। बीबीएमबी परिसर से अर्बन एस्टेट व चिल्ड्रन पार्क की सप्लाई के लिए चल रही डबल सर्किट 132 केवी लाइन को अंडरग्राउंड करने के लिए डेढ़ मीटर चौड़ी जगह ली जाएगी। इस प्रक्रिया के दौरान बिजली की तारों को मिट्टी के नीचे दबाया नहीं जाएगा बल्कि एक ट्रेंच बनाई जाएगी, जिसे ऊपर से बकायदा कवर किया जाएगा ताकि जरूरत पड़ने पर रिपेयर करना आसान रहे।
पावरकाम के चीफ इंजीनियर संजीव गुप्ता ने लाइन शिफ्टिंग के अति महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए वीरवार को साइट का निरीक्षण किया। उनके साथ एक्सईएन बलविदर पाल भी मौजूद थे। संजीव गुप्ता ने डीसी घनश्याम थोरी को भी उन्होंने इस बारे में सूचित कर दिया है। लाइन शिफ्टिंग के लिए उसे अंडरग्राउंड करना ही एकमात्र विकल्प बताया। डीसी ने इस संबंध में शुक्रवार को एसडीएम कार्यालय में एनएचएआइ और पावरकाम के अधिकारियों को एक ज्वाइंट मीटिग करने के लिए निर्देश दिए। लाइन को अंडरग्राउंड करने पर लगभग 15 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
बिजली की 132 केवी लाइन प्रस्तावित तीन लाइन पीएपी आरओबी निर्माण साइट के बीचों-बीच से निकल रही है, जिस वजह से एनएचएआई से काम लेने वाली कंपनी काम शुरू नहीं कर पा रही है। प्रस्तावित तीन लेन आरओबी इस वजह से महानगर के लिए अति जरूरी है, क्योंकि मौजूदा समय में हाईवे तक पहुंचने के लिए शहर के भीतर आने वाले ट्रैफिक को वाया रामा मंडी घूम कर आना पड़ रहा है। आरओबी निर्माण के बाद पीएपी चौक से बाई तरफ मुड़ते ही सीधा हाईवे पर प्रवेश मिलना संभव हो सकेगा।