Jalandhar CoronaVirus: जालंधर में रोज 500 सिलेंडरों की कमी, केस बढ़ते गए तो होंगे दिल्ली जैसे हालात

कोरोना के मरीज लगातार बढ़ने से जालंधर में आक्सीजन की किल्लत सामने आने लगी है। हालांकि अभी प्राइवेट कंपनियों के सहयोग या दूसरे शहरों से सिलेंडर मंगवाकर डिमांड को पूरा किया जा रहा है लेकिन मरीजों की रफ्तार नहीं थमी तो दिल्ली जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।

By Edited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 08:01 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 08:01 AM (IST)
Jalandhar CoronaVirus: जालंधर में रोज 500 सिलेंडरों की कमी, केस बढ़ते गए तो होंगे दिल्ली जैसे हालात
कोरोना के मरीज लगातार बढ़ने से जालंधर में आक्सीजन की किल्लत सामने आने लगी है।

जालंधर, जेएनएन।  कोरोना के मरीज लगातार बढ़ने से जालंधर में आक्सीजन की किल्लत सामने आने लगी है। हालांकि अभी प्राइवेट कंपनियों के सहयोग या दूसरे शहरों से सिलेंडर मंगवाकर डिमांड को पूरा किया जा रहा है लेकिन मरीजों की रफ्तार नहीं थमी तो दिल्ली जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। जालंधर में अभी फिलहाल रोजाना 46 लीटर गैस वाले 3500 आक्सीजन सिलेंडरों की खपत हो रही है जबकि प्रशासन के अनुसार डिमांड 4000 हजार सिलेंडर रोज की है। जिले के दो प्लांट से रोज 2400 सिलेंडर ही सप्लाई हो रहे हैं। 400 से 500 सिलेंडर होशियारपुर व नवांशहर दिए जा रहे हैं।

130 सिलेंडर सिविल अस्पताल में तैयार हो रहे हैं और बाकी दूसरे राज्यों व शहरों से मंगवाकर सप्लाई पूरी की जा रही है। इस कमी को जिला प्रशासन ने भी स्वीकार किया है और सरकार को इस बारे में पत्र भी लिखा जा चुका है। अभी राहत इसलिए है क्योंकि प्रशासन व अस्पताल अपने स्तर पर सिलेंडरों की आपूर्ति को पूरा कर रहे हैं लेकिन अगर हालात और बिगड़े तो डिमांड के मुताबिक सप्लाई पूरी नहीं हो पाएगी। निजी अस्पतालों तथा गैस निर्माता कंपनियों की माने तो निजी अस्पतालों की केवल 50 फीसदी डिमांड पूरी हो रही। उनकी डिमांड को किस्तों में सुबह दोपहर व शाम को भेजकर पूरा किया जा रहा है।

तीन में से एक प्लांट पड़ा है बंद

अभी जिले में आक्सीजन तैयार करने के लिए तीन प्लांट है और उनमें से लिक्विड गैस न होने की वजह से एक बंद पड़ा है। दोनों प्लांट से रोजाना तीन हजार के करीब सिलेंडर सप्लाई हो रहे है। कुछ निकटवर्ती जिलों से भी आक्सीजन की मांग पूरी कर रहे है।

मरीज के परिजन ने कहा-अभी दिक्कत नहीं आ रही..लोग लापरवाही छोड़ दें

सिविल अस्पताल में लेवल-3 आईसीयू में दाखिल मरीज के परिजन सुख¨वदर ने बताया कि फिलहाल उनके मरीज को आक्सीजन गैस की कोई परेशानी नहीं आई। अस्पताल में मुलाजिम दिन में दो-तीन बार आक्सीजन के सिलेंडर बदल रहे है। मरीज को हाई फ्लो आक्सीजन पर रखा गया है। आक्सीजन मानिट¨रग मीटर का लेवल गिरने से पहले ही सिलेंडर बदल दिए जाते है। उन्होंने अपील की कि लोग लापरवाही छोड़ दें। इसी तरह एनएचएस अस्पताल में भी दाखिल कोरोना के मरीज की परिजन सोनिया कहती है कि आक्सीजन की किल्लत की खबरें काफी सुनने को मिल रही है, परंतु फिलहाल अस्पताल में उनके मरीज को आक्सीजन की कमी आने दी गई।

बैकअप बिल्कुल नहीं, चार बार गाड़ियां प्लांट जा रही : जौहल अस्पताल

जौहल अस्पताल के एमडी डा. बीएस जौहल का कहना है कि मरीजों की संख्या बढ़ने से आक्सीजन कम पड़ने लगी है। दिन में तीन से चार बार गाड़ी प्लांट पर जाती है और सिलेंडर भरवा कर लाते है और बदली किए जा रहे है। आक्सीजन की मांग जनवरी में करीब 70 सिलेंडर रोजाना थी जो अब 250 पार कर चुकी है। आक्सीजन को लेकर बैकअप नाममात्र है। गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ी तो आने वाले दिनों में मरीजों के लिए समस्याओं के द्वार खुल सकते है।

सौ की डिमांड करते हैं तो 40-50 ही मिलते है : एनएचएस अस्पताल

एनएचएस अस्पताल के डायरेक्टर डा. शुभांग अग्रवाल भी कहते है कि अगर गैर-जरूरी आपरेशन बंद नहीं किए जाते तो आक्सीजन को लेकर समस्या विकराल रूप धारण कर सकती थी। अस्पताल में 230 सिलेंडरों की रोजाना डिमांड है। कंपनी के प्लांट से गैस की मांग दो तीन बार चक्कर लगाने पर पूरी हो रही है। कंपनी से अगर 100 सिलेंडर की मांग करते है तो मुश्किल से 40-50 ही मिल पा रहे है। आने वाले दिनों में 15-20 फीसदी गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ी को हालात नाजुक हो सकते है। इस संबंध में डिप्टी कमिश्नर से भी बात हुई है। सिविल अस्पताल खुद से तैयार कर रहा आक्सीजन सिविल अस्पताल की मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. सीमा का कहना है कि अस्पताल में रोजाना करीब 550 सिलेंडरों की मांग है। 130 अस्पताल के खुद के प्लांट से मिल रहे है और शेष निजी कंपनी से लिए जा रहे है।

कमी को पूरा करने के लिए पुरजोर प्रयास जारी, सरकार को बता दिया है : डीसी

डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी का कहना है कि आक्सीजन की गैस की किल्लत को पूरा करने के लिए पुरजोर प्रयास किए जा रहे है। सेहत विभाग को रोजाना एक टैंकर लिक्विड आक्सीजन गैस का भेजने के लिए पत्र लिखा है। इसके बावजूद सभी यूनिटों को अस्पतालों को प्राथमिकता के आधार पर आक्सीजन की सप्लाई देने के लिए आदेश जारी किए है। इस संबंध में दो अधिकारियों की निुयक्ति भी की गई है।

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