एचएमवी में काउंसलिग स्किल्स पर तीन दिवसीय वर्कशाप

एचएमवी में साइकोलाजी विभाग ने काउंसलिग स्किल्स विषय पर तीन दिवसीय वर्कशाप करवाई। बतौर रिसोर्स पर्सन मुंबई से साइकोलाजिस्ट डा. शीबा सिंह पीएचडी थीं। इस वर्कशाप में डिप्लोमा इन काउंसलिग बीवाक मेंटल हेल्थ एंड काउंसलिग तथा साइकोलाजी (आनर्स) की छात्राओं सहित विभाग के फैकल्टी सदस्यों ने भाग लिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 07:03 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 07:03 PM (IST)
एचएमवी में काउंसलिग स्किल्स पर तीन दिवसीय वर्कशाप
एचएमवी में काउंसलिग स्किल्स पर तीन दिवसीय वर्कशाप

जासं, जालंधर : एचएमवी में साइकोलाजी विभाग ने काउंसलिग स्किल्स विषय पर तीन दिवसीय वर्कशाप करवाई। बतौर रिसोर्स पर्सन मुंबई से साइकोलाजिस्ट डा. शीबा सिंह पीएचडी थीं। इस वर्कशाप में डिप्लोमा इन काउंसलिग, बीवाक मेंटल हेल्थ एंड काउंसलिग तथा साइकोलाजी (आनर्स) की छात्राओं सहित विभाग के फैकल्टी सदस्यों ने भाग लिया। विभागाध्यक्ष डा. आशमीन कौर ने कहा कि इस प्रकार की वर्कशाप छात्राओं को प्रेक्टिकल एक्सपोजर देती है। उन्हें उनके क्षेत्र में आगे बढ़कर काम करने के लिए प्रेरित करती है। डा. शीबा सिंह ने कहा कि लोग थैरेपी के लिए तभी आते हैं, जब उन्हें अकादमिक या व्यावहारिक समस्याओं, मानसिक तनाव, बुलिग, तलाक, दुख, ट्रामा की घटनाओं आदि का सामना करना पड़ता है। यह भी कहा कि इस महामारी के समय में मनोवैज्ञानिकों ने मानसिक अस्थिरता के केसों में वृद्धि देखी है। इसके कारण लोग काउंसलिग का रुख कर रहे हैं। प्रिसिपल डा. अजय सरीन ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए इस तरह के सेशन समय की मांग है, जिनके जरिये विद्यार्थियों से इंट्रेक्शन करके उनकी समस्याओं पर काउंसलिग के जरिये चर्चा की जा सके। ताकि वे किसी प्रकार का भी मानसिक तनाव न लें और निरंतर अपनी पढ़ाई पर ध्यान रख सकें। इसके साथ-साथ वे अपने स्वास्थ का भी ध्यान रख सकें।

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