बैंड-बाजा-बारात नहीं, सिर्फ एक रुपये में एक-दूजे के हुए हनी और राजविंदर

यह अनोखी शादी शनिवार को पुलिस लाइन के गुरुद्वारे में संपन्न हुई। वर-वधू ने एक-दूसरे को माला पहनाई और दुल्हन ही दहेज है का संदेश देते वर पक्ष वधू को विदा कर ले गया।

By Edited By: Publish:Sun, 31 May 2020 01:44 AM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 10:03 AM (IST)
बैंड-बाजा-बारात नहीं, सिर्फ एक रुपये में एक-दूजे के हुए हनी और राजविंदर
बैंड-बाजा-बारात नहीं, सिर्फ एक रुपये में एक-दूजे के हुए हनी और राजविंदर

जालंधर [मनीष शर्मा/अशोक लाडी]। न बैंड-बाजा, न बारात और न शाही भोज, सिर्फ चाय का कप व एक रुपये में हनी व राजविंदर एक-दूजे के हो गए। यह अनोखी शादी शनिवार को पुलिस लाइन के गुरुद्वारे में संपन्न हुई। शादी में भी वर-वधू पक्ष से सिर्फ पंद्रह सगे-संबंधी शामिल हुए। वर-वधू ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई और धार्मिक रीति-रिवाज से शादी संपन्न हो गई। 'दुल्हन ही दहेज है' का संदेश देते वर पक्ष वधू को विदा कर ले गया।

बस्ती गुजां के रहने वाले हनी थापर निगम में सेवादार हैं। उनके माता-पिता नहीं रहे तो चाचा लेखक राजिंदर थापर ने शादी की जिम्मेदारी निभाई। हनी का रिश्ता राजविंदर कौर से तय हुआ। राजविंदर के पिता पंजाब पुलिस में एएसआइ हैं। प्रॉपर्टी एडवाइजर राजिंदर थापर कहते हैं कि हमारे घर में तो पहले ही सब सामान है। फिर नया सामान लगाने की क्या जरूरत है। मैंने अपनी दो भतीजियों की शादी की तो 9-10 लाख का खर्चा आ गया। तब बाखूबी समझ आया कि शादी में लड़की वालों पर कितना बोझ पड़ता है। तब हनी से बात की और तय हुआ कि कोई दहेज नहीं लेंगे। अब संतुष्टि है कि कई लोगों ने इस कदम की सराहना की। सभी को इसी तरह दहेज से परहेज करना चाहिए, ताकि इस कुरीति को खत्म कर सकें।

वधू के पिता एएसआइ गुरदेव सिंह कहते हैं कि आजकल तो रिश्ता होते ही अलग-अलग मांग शुरू हो जाती है लेकिन हम खुशकिस्मत हैं कि ऐसे रिश्तेदार मिले। वधू की मां परवीन रानी ने भी खुशी जताई कि वो अपनी बेटी को ऐसे घर में विदा कर रहे हैं, जिनकी कोई लालसा नहीं है। हनी थापर ने कहा कि एक रुपये में शादी से उन्हें अच्छा लग रहा है। मेरी यही अपील है कि हमें बेटियों के परिवार को तंग नहीं करना चाहिए। वधू रज¨वदर कौर भी इस फैसले से खुश होकर बोलीं कि हर लड़की को ऐसा ही ससुराल मिलना चाहिए।

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