लायलपुर खालसा कालेज में नई शिक्षा नीति पर चर्चा

लायलपुर खालसा कालेज फार वूमेन में नई शिक्षा नीति पर चर्चा के लिए एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य वक्ताओं के रूप में एआइएसईसी आल इंडिया कमेटी के सचिव देवाशीष राय पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के विद्यार्थी कार्यकर्ता शिवाशीष प्रहराज प्रो. अमिदरपाल सिंह ने विशेषतौर पर भाग लिया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 05:58 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 05:58 PM (IST)
लायलपुर खालसा कालेज में नई शिक्षा नीति पर चर्चा
लायलपुर खालसा कालेज में नई शिक्षा नीति पर चर्चा

जासं, जालंधर : लायलपुर खालसा कालेज फार वूमेन में नई शिक्षा नीति पर चर्चा के लिए एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य वक्ताओं के रूप में एआइएसईसी आल इंडिया कमेटी के सचिव देवाशीष राय, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के विद्यार्थी कार्यकर्ता शिवाशीष प्रहराज, प्रो. अमिदरपाल सिंह ने विशेषतौर पर भाग लिया।

प्रिसिपल डा. नवजोत ने नई शिक्षा प्रणाली के फायदे और नुकसान पर चर्चा करते हुए सेमिनार का आगाज किया। उन्होंने कहा कि परिवर्तन रचनात्मकता का सूचक होता है। बशर्ते कि यह परिवर्तन सकारात्मक हो। स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सामाजिक सुरक्षा राज्य की जिम्मेदारी होनी चाहिए। प्रो. अमरिदरपाल सिंह ने सेमिनार में प्रस्तुत किए जाने वाले विषयों की रूपरेखा का वर्णन किया। शिवाशीष प्रहराज ने इस नई शिक्षा नीति की संरचना, प्रक्रिया तथा उद्देश्य पर क्रमवार गहनता पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने स्कूलों में लागू सेमेस्टर सिस्टम, विषयों की भरमार, विषयों का चुनाव, पाठ्यक्रम की अनियमितता, अध्यापक वर्ग में मौजूद विभिन्न स्तरों की बात करते हुए नई शिक्षा नीति का तर्कपूर्ण ढंग से जोरदार विरोध किया। देवाशीष राय ने पुरानी तथा नई शिक्षा नीति की तुलनात्मक व्याख्या करते हुए कहा कि आनलाइन परीक्षा तथा शिक्षा छात्रों के भविष्य के लिए घातक है। यह भविष्य को अंधकार में धकेलने जैसा है। इसका देश के सर्वपक्षीय विकास पर गहरा नकारात्मक प्रभाव होगा।

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