पीटीयू के पूर्व वाइस चांसलर से जुड़ा घोटाले का मामला फिर खुला, अदालत ने स्वीकारी याचिका

(पीटीयू) के पूर्व वाइस चांसलर रजनीश कुमार पर लगे घोटाले के आरोपों की जांच सीबीआई से करवाने की मांग को लेकर नरेंद्र पाल सिंह की तरफ से याचिका अदालत में लगाई गई है। नरेंद्र पाल की याचिका को अदालत ने स्वीकार कर लिया गया है

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 02:59 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 02:59 PM (IST)
पीटीयू के पूर्व वाइस चांसलर से जुड़ा घोटाले का मामला फिर खुला, अदालत ने स्वीकारी याचिका
पीटीयू के पूर्व वाइस चांसलर रजनीश कुमार पर लगे हैं।

जालंधर, जेएनएन। पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (पीटीयू) के पूर्व वाइस चांसलर रजनीश कुमार की मुश्किलें फिर बढ़ने वाली हैं। कार्यकाल के दौरान नियुक्तियों को लेकर उन पर लगे घोटाले के आरोपों की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की याचिका अदालत ने स्वीकार कर ली है। यह याचिका पीटीयू के लेक्चरर नरेंद्र पाल सिंह ने लगाई थी। याचिका को स्वीकार करते हुए अदालत ने मामले में शामिल सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है। इनमें विजिलेंस ब्यूरो के डायरेक्टर, गृह मंत्रालय सहित डा. रजनीश अरोड़ा को नोटिस जारी किया है। इस मामले को लेकर अगली सुनवाई 5 मार्च तय की गई है।

तीन महीने रहना पड़ा था जेल में

डा. रजनीश अरोड़ा पर आरोप लगाए गए थे कि उनके कार्यकाल के दौरान नियुक्तियों को लेकर भ्रष्टाचार करते हुए 40 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला किया गया था। इस मामले को लेकर विजिलेंस ब्यूरो ने उन्हें हिरासत में भी लिया था। मामले में डा. अरोड़ा को लगभग 3 महीने तक जेल भी रहना पड़ा था।

इसके बाद 3 अगस्त, 2020 को विजिलेंस की तरफ से 72 पन्नों की रिपोर्ट अदालत में पेश करके केस बंद करने की सिफारिश की थी। इस पर अदालत ने डा. रजनीश अरोड़ा को क्लीन चिट दे दी थी। हालांकि नरेंद्र पाल लगातार केस की दोबारा जांच की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि इस केस को दोबारा से ओपन कर इसकी सीबीआई जांच करवाई जाए। उनका आरोप था कि विजिलेंस ने इसकी जांच गंभीरता से नहीं की है। केवल सीबीआई ही इस मामले की परतें खोल सकती है।

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