आखिर कब होगी कार्रवाई...जालंधर में अवैध कालोनियों का अफसरों ने नहीं दिया रिकार्ड, मारते रहे बहाने
जालंधर में एक ही कालोनाइजर के 35 अवैध कालोनियां विकसित करने की जांच विजिलेंस को सौंपने के फैसले से नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच में हड़कंप है। बुधवार को बिल्डिंग ब्रांच ने कालोनियों का रिकार्ड एडहाक कमेटी को सौंपना था लेकिन सुबह से शाम तक इसके लिए टालमटोल चलती रही।
जालंधर, जेएनएन। एक ही कालोनाइजर के 35 अवैध कालोनियां विकसित करने की जांच विजिलेंस को सौंपने के फैसले से नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच में हड़कंप है। बुधवार को बिल्डिंग ब्रांच ने कालोनियों का रिकार्ड एडहाक कमेटी को सौंपना था लेकिन सुबह से शाम तक इसके लिए टालमटोल चलती रही। बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारी यह बहाना बनाते रहे कि क्लर्क छुट्टी पर हैं और आज रिकार्ड नहीं मिल पाएगा। क्लर्क को बुलाने के लिए कहा तो जवाब मिला कि फाइल अलमारी में बंद है और चाबी किसके पास है, उसकी जानकारी उन्हें नहीं है।
इस पर एडहाक कमेटी के चेयरमैन निर्मल सिंह निम्मा ने मीटिंग में कहा कि बिल्डिंग ब्रांच का बहाना लंबे समय तक नहीं चलेगा। शुक्रवार को वह फाइल हासिल करने के बाद विजिलेंस को सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि ब्रांच के कुछ अधिकारी अवैध कालोनियां विकसित करने में शामिल है और किसी भी तरह से कालोनाइजर को बचाना चाहते हैं। अगर अफसरों ने कार्रवाई करनी होती तो अब से एक साल पहले ही हो गई होती, जब उन्होंने यह मामला उठाया था। उनका आरोप है कि सिर्फ एक कालोनाजर ने ही नगर निगम को 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगाया है। 35 कालोनियां विकसित करने वाले कैंट के राकेश कुमार के खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू करवाने के बाद अन्य इलाकों में विकसित हुई कालोनियों की जांच का काम भी शुरू होगा।