मानवता शर्मसारः जालंधर में बेटी का शव कंधे पर उठाकर चला उड़ीसा का दिलीप, कोरोना के खौफ से किसी ने नहीं की मदद

जालंधर के रामनगर में गरीब और लाचार बुजुर्ग अपने कंधों पर दोपहर को एक शव लेकर जाता दिखा। बुजुर्ग के साथ एक बच्चा भी था जो बार-बार नीचे गिर रहे लाश के ऊपर रखे कपड़े को उठाकर रख रहा था।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 02:07 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 03:19 PM (IST)
मानवता शर्मसारः जालंधर में बेटी का शव कंधे पर उठाकर चला उड़ीसा का दिलीप, कोरोना के खौफ से किसी ने नहीं की मदद
लाश उठाकर ले जा रहे शख्स का नाम दीलिप है जोकि मूल रूप से उड़ीसा का रहने वाला है।

जालंधर, जेएनएन। शहर के रामनगर में एक गरीब और लाचार बुजुर्ग अपने कंधों पर दोपहर को एक शव लेकर जाता दिखा। बुजुर्ग के साथ एक बच्चा भी था जो बार-बार नीचे गिर रहे लाश के ऊपर रखे कपड़े को उठाकर रख रहा था। 34 सेकेंड की इस हृदयविदारक वीडियो ने प्रशासनिक व्यवस्थाओं की पोल खोल दी और लोगों को झकझोर कर रख दिया। वीडियो में लाश कंधे पर उठाकर ले जा रहे शख्स का नाम दिलीप है जोकि मूल रूप से उड़ीसा के जिला सुंदरगढ़ के बड़गांव का रहने वाला है। 10 मई का यह वीडियो उस समय का है जब वह बेटी का शव घर से श्मशान ले जा रहा था। कोरोना के खौफ में मोहल्ले के किसी व्यक्ति ने उसकी मदद नहीं की। 

दिलीप ने बताया कि वह साल 2001 में बेहतर भविष्य की तलाश में जालंधर आया था। रामनगर इलाके में रहते हुए शादी के बाद उसके तीन बच्चे (दो लड़कियां व एक लड़का) हुए। 11 साल की बेटी सोनू रामनगर के प्राइमरी स्कूल में 5वीं कक्षा पास कर चुकी थी। कुछ दिन पहले उसके बुखार आया था और उसके बाद दस्त और उल्टियां शुरू हो गईं। वह बेटी को लेकर जालंधर सिविल अस्पताल ले गया, जहां डाक्टरों की कमी बताकर उसे अमृतसर के गुरु नानक मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। 9 मई को उसकी बेटी सोनू की मौत हो गई।

 

अस्पताल ने एंबुलेंस देने से किया इंकार

दिलीप ने बताया कि गुरु नानक मेडिकल कालेज में उसकी बेटी की मौत के बाद अस्पताल ने एंबुलेंस देने से इंकार कर दिया। मजबूरन उसे निजी एंबुलेंस से संपर्क करना पड़ा। उन्होंने 5000 रुपये किराया मांगा। इतने पैसे उनके पास नहीं थे। कई बार मिन्नतें करने पर एंबुलेंस वाला 2500 रुपये में शव को जालंधर पहुंचाने के लिए राजी हो गया। वह रविवार सुबह (10 मई) शव के साथ रामनगर पहुंचा था। 

अस्पताल ने कही, कोरोना पॉजिटिव होने की बात पर नहीं दी रिपोर्ट

दिलीप ने कहा कि अमृतसर के गुरु नानक मेडिकल कालेज में डॉक्टरों ने उसकी बेटी के कोरोना संक्रमित होने की बात कही लेकिन कोई रिपोर्ट उन्हें नहीं सौंपी। इसके बाद जब वे शव लेकर जालंधर के रामनगर पहुंचे तो कोरोना के डर से उनकी बेटी के शव को किसी ने कंधा तक नहीं दिया। मजबूरी में उन्हें खुद ही अपने कंधे पर अपनी बेटी का शव उठाकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाना पड़ा। इस दौरान रास्ते में लोगों ने उसकी वीडियो बना इंटरनेट मीडिया पर शेयर कर दी, जो कि बाद में वायरल हो गई।   

chat bot
आपका साथी