120 के बजाय सिर्फ 12 नर्से दे रहीं ड्यूटी, निक्कू वार्ड के सभी मरीज दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट

नर्सो की हड़ताल के कारण सरकारी सेहत सुविधाएं ठप हो गई हैं। पंजाब के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में लगातार दूसरे दिन मरीज परेशान हुए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 10 Nov 2021 01:30 AM (IST) Updated:Wed, 10 Nov 2021 01:30 AM (IST)
120 के बजाय सिर्फ 12 नर्से दे रहीं ड्यूटी, निक्कू वार्ड के सभी मरीज दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट
120 के बजाय सिर्फ 12 नर्से दे रहीं ड्यूटी, निक्कू वार्ड के सभी मरीज दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट

जागरण संवाददाता, जालंधर : नर्सो की हड़ताल के कारण सरकारी सेहत सुविधाएं ठप हो गई हैं। पंजाब के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में लगातार दूसरे दिन मरीज परेशान हुए। उन्हें न तो समय पर इलाज मिला और न देखभाल हुई। शहीद बाबू लाभ सिंह सिविल अस्पताल में 120 के बजाय महज 12 नर्से ही ड्यूटी कर रही हैं। इमरजेंसी में महज एक नर्स ड्यूटी पर है जबकि आम दिनों में इनकी संख्या पांच होती है। रोजाना इमरजेंसी में सौ से अधिक मरीज पहुंचते हैं, मंगलवार को भी 70 के करीब मरीज पहुंचे और उनकी देखभाल के लिए महज एक नर्स थी। इस नर्स को भी आदमपुर की डिस्पेंसरी से बुलाया गया था ताकि इमरजेंसी सेवा प्रभावित न हो। पूरा दिन महज एक नर्स व एक बीएमएस डाक्टर के सहारे इमरजेंसी सेवा चली। उधर बच्चों के लिए बनाया गया निक्कू वार्ड भी एक दिन में ही खाली हो गया। सोमवार को वार्ड में दस बच्चे दाखिल थे लेकिन रातभर सेवाएं नहीं मिलने व हड़ताल के कारण मंगलवार दोपहर तक सभी लोग अपने बच्चों को दूसरे अस्पतालों में ले गए। बता दें कि सिविल अस्पताल में 90 स्थायी व 30 अस्थाई नर्स अपनी सेवाएं दे रही है। सभी मांगों को लेकर दो दिन की हड़ताल पर है। नेशनल हेल्थ मिशन के तहत काम कर रही 12 नर्सो को ड्यूटी पर बुलाया गया है। इमरजेंसी का हाल..रोशनी तक का प्रबंध नहीं

इमरजेंसी वार्ड का हाल बेहाल नजर आया। वार्ड में रोशनी इतनी कम थी कि मोबाइल की लाइट से मरीज के टेस्ट करने के लिए खून लिया गया। ----------------------------------------

कोई देखने तक नहीं आता..बेटे को कुछ हो गया तो

निक्कू वार्ड में गीता अपने बेटे सोनू के साथ दाखिल थी। मंगलवार दोपहर उन्होंने भी छुट्टी ले ली। कहा नर्सो की हड़ताल के चलते कोई भी नहीं देखने आ रहा। एक्स-रे या टेस्ट तक नहीं हो रहे। कोई ड्रिप बदलने भी नहीं आता। मेरे बेटे को कुछ हो गया तो कौन जिम्मेवार होगा इसलिए छुट्टी ले ली। तेज बुखार है, कोई देखने नहीं आया

काला संघिया निवासी सुषमा रानी ने कहा कि तेज बुखार से पीड़ित हूं। किसी डाक्टर या फिर नर्स इलाज तक नहीं किया गया। दोपहर तक कोई पूछने तक नहीं आया।

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ऐसा ही चलता रहा तो प्राइवेट अस्पताल जाना पड़ेगा

आदमपुर से मलकीत सिंह को डेंगू है। उसने कहा कि नर्सो की हड़ताल के कारण इलाज नहीं मिल पा रहा। एक दिन और देखेंगे, नहीं तो कल मजबूरन प्राइवेट अस्पताल जाना पड़ेगा।

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इन मांगों को लेकर धरने पर हैं नर्से

-छठे वेतन आयोग में पे ग्रेड 4600 से 3200 सौ रुपये कर दिया गया, इसे वापस 4600 किया जाए।

-नर्सिंग भत्ता नहीं मिल रहा है, दूसरे राज्य की तर्ज पर भत्ता मिले।

-स्टाफ नर्स का पद नर्सिंग आफिसर किया जाए

-कच्चे मुलाजिमों को स्थायी किया जाए।

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हड़ताल से पहले डीसी व सिविल सर्जन को कर दिया था सूचित : यूनियन

पंजाब गवर्नमेंट नर्सेज एसोसिएशन की प्रधान कांता कुमारी व उपप्रधान पलविदर कौर ने बताया कि सरकार मांगों को नजरअंदाज करती है तो हड़ताल जारी रहेगी। हड़ताल करने से दस दिन पहले डीसी, सिविल सर्जन व मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को सूचित कर दिया था। सरकार व अस्पताल प्रबंधन ने गंभीरता से नहीं लिया। एसएमओ ने भी माना, इलाज में हो रही देरी

सीनियर मेडिकल आफिसर डा. गुरमीत लाल ने कहा कि मरीजों की देखभाल के लिए बारह एनएचएम स्टाफ की ड्यूटी लगा रखी है। हड़ताल के कारण मरीजों के इलाज में देरी नहीं हो रही है।

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