जालंधर में नर्सों ने एमएस आफिस के बाहर किया प्रदर्शन, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

जालंधर में एमएस ऑफिस के बाहर नर्सिंग स्टाफ ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। नर्सों की हड़ताल के तीसरे दिन सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं ठप हो गईं। नए मरीजों को दाखिल करने से अस्पताल प्रशासन ने हाथ खींचना शुरू कर दिया है।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 12:28 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 12:28 PM (IST)
जालंधर में नर्सों ने एमएस आफिस के बाहर किया प्रदर्शन, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
जालंधर में सिविल सर्जन दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करती हुई नर्स।

जागरण संवाददाता, जालंधर। नर्सिंग स्टाफ ने मांगों को लेकर तीसरे दिन हड़ताल जारी रखी। नर्सिंग स्टाफ ने मांगे ना पूरी होने पर संघर्ष तेज कर दिया है। वीरवार को नर्सों ने सिविल अस्पताल तथा सिविल सर्जन ऑफिस में रोष रैली निकाली। इस दौरान नर्सों ने मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. सीमा को मांग पत्र के साथ लॉलीपॉप भी दिए। उन्होंने जमकर रोष प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि मांगे न पूरी हुई वह सड़कों पर उतरेंगी। सिविल अस्पताल में वार्डों में तथा इमरजेंसी में तमाम सेवाएं ठप रही। वार्डों में नर्सिंग छात्राओं के अलावा फार्मेसी और फिजियोथैरेपी के विद्यार्थियों को तैनात किया गया है।

सेहत विभाग में ठेके पर तैनात मुलाजिम पिछले एक माह से हड़ताल पर चल रहे हैं। वार्ड में दाखिल मरीजों को छुट्टी कर दी गई है। नए मरीजों के दाखिल होने की संख्या बहुत कम है। जच्चा-बच्चा वार्ड में भी दाखिल मरीज परेशान होने लगे हैं। वहीं सिविल अस्पताल में डीएनबी कर रहे एक दर्जन डाक्टर भी काउंसलिंग न होने की वजह से हड़ताल पर हैं। उन्होंने इमरजेंसी सेवाएं भी ठप कर दी है। इसके अलावा एनएचएम, पंजाब एड्स कंट्रोल सोसायटी तथा नशा छुड़ाओ केंद्रों व ठेके पर तैनात स्टाफ पहले से ही हड़ताल पर चल रहा है।

एसोसिएशन की प्रधान कांता रानी का कहना है कि पहले सेहत मंत्री बलबीर सिंह और उसके बाद डिप्टी सीएम ओपी सोनी ने समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया था परंतु नतीजा नहीं निकला। उनका वेतनमान 4600 से कम कर 3200 कर दिए गया। नर्सों को अलाउंस भी नहीं मिल रहे हैं और पदनाम बदलने की मांग भी पूरी नहीं हुई है।  एनएचएम के तहत तैनात मुलाजिमों की हड़ताल के चलते अस्पताल में दाखिल मरीजों को खासी परेशानियों से जूझना पड़ेगा। इसके अलावा आरडीडीएल कोविड-19 लैब में तैनात ठेका कर्मचारियों ने भी हड़ताल जारी रखी और सैंपल की जांच नहीं हुई।

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