10 से अधिक अध्यापकों वाले स्कूलों में 50 फीसद स्टाफ रोटेशन में आएगा

कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच स्कूल फिर से बंद कर दिए गए हैं। वहीं शिक्षकों की इस बीच ड्यूटियों को लेकर एक सप्ताह में ही तीसरी बार आर्डर आने से असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 01:00 AM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 01:00 AM (IST)
10 से अधिक अध्यापकों वाले स्कूलों में  50 फीसद स्टाफ रोटेशन में आएगा
10 से अधिक अध्यापकों वाले स्कूलों में 50 फीसद स्टाफ रोटेशन में आएगा

अंकित शर्मा, जालंधर : कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच स्कूल फिर से बंद कर दिए गए हैं। वहीं शिक्षकों की इस बीच ड्यूटियों को लेकर एक सप्ताह में ही तीसरी बार आर्डर आने से असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है। पहले आदेश में कहा गया कि स्कूल बच्चों के लिए बंद हैं, मगर शिक्षक और नान टीचिग स्टाफ पहले की तरह स्कूलों में आता रहेगा। दूसरे आदेश में यह कह दिया गया कि सभी स्कूलों में 50 फीसद स्टाफ ही आएगा। अब शुक्रवार को एक और आदेश जारी हुआ है, जिसमें कहा गया है कि जिन स्कूलों में अध्यापकों की संख्या 10 है, वे निरंतर ड्यूटी पर आते रहेंगे। मगर किसी स्कूल में 10 से ज्यादा संख्या है तो वहां 50 फीसद स्टाफ रोटेशन के हिसाब से आएगा। इसमें केवल सरकारी स्कूल ही नहीं मान्यता प्राप्त स्कूल और गैर सहायता प्राप्त स्कूलों को भी शामिल किया गया है। शहर के पाश एरिया में ही ऐसे कई स्कूल हैं, जहां शिक्षकों व नान टीचिग स्टाफ की संख्या मिलाकर 200 तक स्टाफ पहुंचता है। अगर वहां 50 फीसद स्टाफ बुलाया जाए तब भी संख्या 100 फीसद होती है, मगर एक जगह पर 20 से अधिक लोगों के इकट्ठे होने पर तो पहले ही पाबंदी लागू हैं। बीते वर्ष कोविड संक्रमण की वजह से 70 से अधिक शिक्षक संक्रमित हो गए थे और आठ शिक्षक संक्रमण की वजह से दम दौड़ चुके हैं।

घर से भी आनलाइन पढ़ाया जा सकता है : शिक्षक नेता

बीएड अध्यापक फ्रंट के नेता रविदर सिंह कहते हैं कि कोविड-19 के दौरान आनलाइन क्लासें चल रही हैं, जिससे अध्यापक पीछे नहीं हटते। बच्चों की पढ़ाई जारी रखना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। मगर बात यहां संक्रमण से बचने की भी है इसलिए आनलाइन क्लासें अध्यापक घर से भी जारी रख सकते हैं। शिक्षक विभिन्न एरिया से स्कूल में आते हैं, न जाने गलती से कहां क्या हो जाए। प्रशासन और शिक्षा विभाग को उस तरफ भी सोचना चाहिए।

शिक्षकों की सुरक्षा यकीनी बने : गणेश

गवर्नमेंट टीचर यूनियन के गणेश भगत कहते हैं कि शिक्षक ऐसी स्थिति में भी फ्रंटलाइन वारियर्स के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करना प्रशासन और शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी है। आनलाइन क्लासों को सभी घर से जारी रख सकते हैं।

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