कालोनाइजर्स को डीसी की दो टूक, नही मिलेगी रजिस्ट्री पर रोक मे छूट
जेडीए औ निगम की ओर से अवैध कालोनियो मे रजिस्ट्री पर रोक के मामले मे राहत पाने के वीरवार को शहर के कुछ बड़े कॉलोनाइजर्स ने डीसी व¨रदर शर्मा से भी कोई राहत नही मिली।
जागरण संवाददाता, जालंधर : राजनीतिक हस्तियों की शह पर जिले में खड़ी की गई 608 अवैध कॉलोनियां बनाने वालों कालोनाइजर्स के अब पसीने छूटने लगे हैं। जेडीए औ निगम की ओर से अवैध कालोनियो मे रजिस्ट्री पर रोक के मामले मे राहत पाने के वीरवार को शहर के कुछ बड़े कॉलोनाइजर्स ने डीसी व¨रदर शर्मा से भी कोई राहत नही मिली। मुलाकात के दौरान डीसी ने दो टूक कहा कि अवैध कालोनियों के मामले में सरकार की गाइडलाइंस बहुत स्पष्ट है। प्रशासन उन्ही पर अमल करेगा। अगर किसी को आपलिा है तो वह सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करे। प्रशासन सरकार के निर्देशो का पालन करेगा। जेडीए ने दिसंबर के दूसरे सप्ताह में निकाय क्षेत्र को छोड़कर जिले की शेष सभी 250 कॉलोनियों में प्लॉट की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी। उस समय कांग्रेस के जिला प्रधान दलजीत ¨सह आहलूवालिया के साथ कई कॉलोनाइजर्स ने डीसी से मिलकर रजिस्टि्री पर लगाई रोक हटाने की मांग की थी। डीसी ने नियमों को हवाला देते हुए उस समय भी इनकार कर दिया था। कुछ दिन बाद ही नगर निगम ने भी 358 अवैध कॉलोनियों में प्लॉटों की रजिस्ट्री रोक लगाकर सूची जिला प्रशासन को भेज दी थी। साथ ही रजिस्ट्री के लिए निगम से एनओसी अनिवार्य कर दी थी। इसी के बाद से कॉलोनाइजर राहत पाने के लिए छटपटाने लगे हैं। ----------------------- शिक्षण संस्थानो, अस्पतालो के मालिको, बैक मैनेजरो की सांसे अटकी सूत्रों का कहना है कि जिन कॉलोनाइजरों की सांसे अटकी हैं, उनमें कई बड़े शिक्षण संस्थानो व हॉस्पिटल के मालिक भी है। जहां उनकी कॉलोनियों में प्लॉटों की बिक्री बंद हो गई है, वही दूसरी ओर जो लोग जमीनों की खरीद-फरोख्त मे लाखों रुपये फंसा चुके हैं वे अब कॉलोनाइजर्स पर धोखाधड़ी का आरोप लगा रहे है। क्योकि उनसे कॉलोनियां विकसित करते समय तमाम लुभावने सपने दिखाकर निवेश कराया गया था। कई बैंक मैनेजरों की भी नीद उड़ी हुई हैं क्योकि उन्होने अधिकतर कालोनियों में लोन भी दे रखा है। ज्यादातर लोन दलालों के माध्यम से हुए हैं। :::::::::::::::::::::::::::::: अवैध कॉलोनी के मामले में कुछ लोग आए थे। उन्हें कह दिया गया है कि सरकार की गाइडलाइंस को लेकर किसी को कुछ कहना है तो वह सरकार के समक्ष रिप्रजेंटेशन दे सकते हैं। उनकी बात सरकार के ध्यान में ला दी जाएगी। वर्तमान में नियम बहुत स्पष्ट है। प्रशासन उन्ही के अनुसार काम करेगा। किसी को छूट देना जिला प्रशासन के स्तर पर संभव नही है। -व¨रदर शर्मा, डीसी।