1528 स्कूलों में दिव्यांगों के लिए सुविधाएं नहीं, स्टेट डिसएबिलिटी कमिश्नर तक पहुंचा मामला

राज्य के 1528 स्कूलों में दिव्यांगों के लिए सुविधाएं न होने का मामला स्टेट डिसएबिलिटी कमिश्नर पंजाब के दफ्तर पहुंच गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Aug 2021 07:10 AM (IST) Updated:Sun, 29 Aug 2021 07:10 AM (IST)
1528 स्कूलों में दिव्यांगों के लिए सुविधाएं नहीं, स्टेट डिसएबिलिटी कमिश्नर तक पहुंचा मामला
1528 स्कूलों में दिव्यांगों के लिए सुविधाएं नहीं, स्टेट डिसएबिलिटी कमिश्नर तक पहुंचा मामला

अंकित शर्मा, जालंधर

राज्य के 1528 स्कूलों में दिव्यांगों के लिए सुविधाएं न होने का मामला स्टेट डिसएबिलिटी कमिश्नर पंजाब के दफ्तर पहुंच गया है। इस मामले को एक्सपर्ट मैंबर स्टेट एडवाइजरी बोर्ड व स्टेट कोआर्डिनेटर पीडब्ल्यूडी इलेक्शन अमरजीत सिंह आनंद की तरफ से उठाया गया है।

आनंद की तरफ से स्टेट डिसएबिलिटी कमिश्नर पंजाब को दैनिक जागरण के जालंधर अंक में 25 अगस्त को प्रकाशित खबर का हवाला देते हुए इस मसले को उठाया है। उन्होंने इस मामले में डिप्टी कमिश्नरों के जरिये सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से रिपोर्ट मांग कर संज्ञान लेने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी अपील की है कि वे स्कूलों में दिव्यांगों के लिए सुविधाओं को सुनिश्चित करवाएं। जिनमें प्रत्येक स्कूल के प्रवेश द्वार, स्कूल भवन, कक्षा सहित शौचालयों तक आसानी से पहुंचने के लिए रैंप होने चाहिए।

सभी कक्षाएं, प्रयोगशालाएं, लाईब्रेरी और शौचालयों के दरवाजे व्हील चेयर की चौड़ाई के हिसाब से होने चाहिए, ताकि दिव्यांगों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। पीने के पानी और शौचालयों के नल व्हीलचेयर उपयोगकर्ता की पहुंच में होने चाहिए। उन्होंने शिक्षा सचिव पंजाब से कहा है कि तीन महीनों के भीतर राज्य के सभी स्कूलों में उचित प्रबंध करवाएं।

बता दें कि दैनिक जागरण की तरफ से 25 अगस्त को राज्य के 1528 स्कूलों में दिव्यांगों के लिए शौचालय ही नहीं खबर प्रकाशित की थी। जिसके जरिये बताया था कि इनमें एडिड, गैर सहायता प्राप्त, रिकोग्नाइड्ज स्कूलों सहित नामी प्राईवेट स्कूल भी शामिल हैं जो सीबीएसई व आइसीएसई से जुड़े हुए हैं। जबकि सुप्रीमकोर्ट की भी गाइडलांस जारी हुई हैं कि दिव्यांग के राइट फार डिसएबिलिटी पीपल एक्ट 2016 का सरकारों और सभी विभागों के मुखियों को पालन करना है। इसके बावजूद न तो स्कूलों की तरफ से दिव्यांगों की परेशानियों से सबक लिया और न ही सरकार व विभागों नें। यही कारण है कि जालंधर के 100 स्कूलों सहित लुधियाना के 225, अमृतसर के 125, पटियाला के 120, संगरूर के 113, होशियारपुर के 68, मोगा के 68, बठिडा के 65, कपूरथला के 53, नवांशहर के 36 आदि में दिव्यांगों के लिए योग्य व्यवस्थानुसार शौचालय ही नहीं पाए गए।

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