जालंधर में अव्यवस्था का शिकार हुआ सिविल अस्पताल का कोविड वार्ड, गेट पर नहीं कोई गार्ड; मरीजों के परिजन ही कर रहे खाने की सप्लाई

जालंधर के सिविल अस्पताल में अति संवेदनशील इमरजेंसी कोविड वार्ड अव्यवस्था का शिकार होकर रह गया है। सिविल अस्पताल के अंदर बनाए गए कोरोना इमरजेंसी वार्ड के दोनों तरफ से दरवाजे खुले रखे गए हैं जहां से लोग आसानी से आ जा रहे हैं।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 03:53 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 03:53 PM (IST)
जालंधर में अव्यवस्था का शिकार हुआ सिविल अस्पताल का कोविड वार्ड, गेट पर नहीं कोई गार्ड; मरीजों के परिजन ही कर रहे खाने की सप्लाई
जालंधर में सिविल अस्पताल के गेट पर मौजूद नहीं कोई गार्ड।

जालंधर, जेएनएन। जिले के सिविल अस्पताल में अति संवेदनशील इमरजेंसी कोविड वार्ड अव्यवस्था का शिकार होकर रह गया है। आलम यह है कि कोविड वार्ड में प्रवेश करते समय ना तो लोगों को रोकने के लिए वहां पर गार्ड तैनात किया गया है तथा ना ही वार्ड के अंदर कोई अतिरिक्त व्यवस्था ही की गई है। जिसके चलते संक्रमण के फैलने का भय बना हुआ है। दरअसल, जिले में कोरोना के पॉजिटिव केसों में लगातार हो रहे इजाफे के चलते सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड को कोविड इमरजेंसी में परिवर्तित कर दिया गया था। जहां पर कोरोना के मरीजों को प्राथमिक उपचार देने के साथ ही कोरोना वार्ड में शिफ्ट कर दिए जाने का प्रावधान तय किया गया था। जुदा बात है कि कोरोना का इमरजेंसी वार्ड इन दिनों अव्यवस्था का शिकार होकर रह गया है।

दोनों तरफ से खोला गया है रास्ता

सिविल अस्पताल के अंदर बनाया गया कोरोना इमरजेंसी वार्ड के दोनों तरफ से दरवाजे खुले रखे गए हैं जहां से लोग आसानी से आ जा रहे हैं। यहां तक कि अगर किसी ने बाहर से अस्पताल के अंदर वाली बिल्डिंग में प्रवेश करना है तो लोग कोरोना इमरजेंसी वार्ड के अंदर से होकर गुजरते हैं। जिन्हें रोकने के लिए दोनों ही प्रवेश द्वारों पर गार्ड की तैनाती नहीं की गई है।

परिजन ही कर रहे खाने की सप्लाई

कोरोना वार्ड की विडंबना यह है कि यहां पर दाखिल मरीजों के परिजन ही उन्हें खाने की सप्लाई भी दे रहे हैं। वार्ड के बाहर खड़े राकेश कुमार बताते हैं कि उनके पिता कोरोना से पीड़ित हैं। जिन्हें वह खुद ही खाना देने अंदर जाते हैं। हालांकि डॉक्टरों ने खाना देकर तुरंत वापस लौटने की हिदायत दी हुई है, लेकिन इस बीच अगर परिजनों संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं तो हालत फिर से गंभीर होनी तय है।

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