एनआइटी इंडस्ट्री की डिमांड के इंजीनियर दे, इंडस्ट्री ट्रेनिग भी देगी और नौकरी भी
इंडस्ट्री की मांग के अनुसार विद्यार्थियों में स्किल डेवलप करने के उद्देश्य से एनटीआइटी के शिक्षकों और उद्योगपतियों की संयुक्त मीटिग हुई। मीटिंग का थीम रहा-इंडस्ट्री इंस्टीट्यूट इंट्रेक्शन रोड अहेड।
जासं, जालंधर : इंडस्ट्री की मांग के अनुसार विद्यार्थियों में स्किल डेवलप करने के उद्देश्य से एनटीआइटी के शिक्षकों और उद्योगपतियों की संयुक्त मीटिग हुई। मीटिंग का थीम रहा-इंडस्ट्री इंस्टीट्यूट इंट्रेक्शन रोड अहेड।
एनआइटी के बोर्ड आफ गवर्नर्स (बीओजी) के चेयरपर्सन व श्री टूल्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी सुभाष चंद्र रल्हन ने बताया कि इंडस्ट्री को स्किल्ड कर्मचारियों की हमेशा कमी रहती है। इसी कमी को मिलकर दूर करने के उद्देश्य से यह कांफ्रेंस रखी गई है। इसके तहत छह महीने के लिए इंडस्ट्रियों में विद्यार्थियों की ट्रेनिग करवाई जाएगी ताकि वे पाठ्यक्रम पूरा करते ही अपनी ट्रेनिग करके स्किल्स को निखार सकें। इस दौरान इंडस्ट्री से विद्यार्थियों को आठ से 10 हजार रुपये फंड भी मिलता रहेगा। नौकरी के अवसर भी मिलेंगे।
इस दौरान उद्योगपतियों से सुझाव भी मांगे गए ताकि एजुकेशनल इंस्टीट्यूट और इंडस्ट्री मिलकर विद्यार्थियों के बेहतर विकास की तरफ योजनाबद्ध तरीके से काम कर सकें।
विक्टर टूल्स के अश्विनी विक्टर ने बताया कि बेरोजगारी का कारण ही स्किल्स न होना है। स्किल्ड विद्यार्थी आएंगे तो उन्हें कोई एतराज नहीं, वे उन्हें ट्रेनिंग के दौरान पैसे भी देंगे और उसके बाद नौकरी भी देंगे। उन्होंने कहाकि 1975 में उनके पास विद्यार्थी ट्रेनिग के लिए आए थे जिन्होंने बेहतरीन सोच के साथ-साथ अपनी स्किल्स को दिखाया। वे विद्यार्थी अब यहां से ही रिटायर हुए है। उन्होंने कहा कि एनआइटी से यही मांग है कि वे उनकी जरूरतों को पूरा करें, क्योंकि जो उन्हें चाहिए वो मिल नहीं रहा। इसके लिए मैकेनिकल इंजीनियर्स, केमिकल इलेक्ट्रानिक एंड कम्यूनिकेशन, केमिकल साइट, इंडस्ट्रीयल इंजीनियर, केमिकल इनवायरमेंट स्ट्रीम दें।
इस मौके पर विक्टर फोर्जिंग के आशीष कुमार, जसमीत सिंह राणा और जुनेजा फोर्जिंग के सरबजीत सिंह सहित एनआइटी के फैकल्टी मेंबर्स मौजूद रहे। एनआईटी के डायरेक्टर प्रो. एलके अवस्थी ने कहा कि विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य को ध्यान में रखते हुए इंडस्ट्रियल मीट करवाई गई, जिसमें उनकी डिमांड्स के बारे में भी पता लगा। विद्यार्थियों को ट्रेनिग सेशन भी दिलाए जाएंगे और अपनी लैब्स को भी अपग्रेड करेंगे। एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के एंट्री गेट तो बढि़या पर एग्जिट गेट नहीं : हक
जालंधर मैनेजमेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट एहसानुल हक कहते हैं कि पूरे देश में एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के एंट्री गेट तो बेहतरीन है, मगर एग्जिट गेट ठीक नहीं हैं। इंस्टीट्यूट में पढ़ाई तो करवाई जाती है, मगर इंडस्ट्री को क्या चाहिए इसके प्रति पैट्रन में बेहद गैप है। इस गैप को इंडस्ट्री, एजुकेशन और स्टूडेंट्स मिलकर ही पूरा कर सकते हैं। इससे पहले कई बार वर्कशाप हुई, मगर कोई कदम नहीं बढ़ाया गया। अब उम्मीद है कि आगे बेहतरी की तरफ सभी मिलकर ही कदम बढ़ाएं। अजय इंडस्ट्री के अजय गोस्वामी कहते हैं कि जब तक बच्चों की अच्छी क्वालिटी नहीं देंगे, तब तक इंडस्ट्री की डिमांड पूरी नहीं हो सकती।
बच्चों में काबिलियत की नहीं, विश्वास की कमी : आरके गर्ग
एनआटी के प्रो. आरके गर्ग कहते हैं कि विद्यार्थियों में काबिलियत है और बस विश्वास रखने की जरूरत है। आने वाले समय में विद्यार्थियों के बेहतर स्किल्स पर फोकस किया जाएगा। समस्या वहां आती है कि जो विद्यार्थी आकर कहते हैं कि वे तो इंजीनियर बनना नहीं चाहते थे, बस मम्मी-पापा ने एडमिशन दिलवा दिया। बच्चे की जिसमें खुशी हो वहीं उससे करवाएं, क्योंकि उसे बच्चा दिल से व खुश होकर करेगा न की मजबूरी में।