नीना तांगड़ी को कनाडा के ओंटारियो में मंत्री बनाने पर बिलगा में खुशी की लहर

नीना टांगरी को छोटे उद्योग और लालफीताशाही में कमी विभाग का सहायक मंत्री नियुक्त किया गया है। नीना का परिवार मूलरूप से जालंधर के निकट बिलगा का रहने वाला है। नीना तांगड़ी को मंत्री बनाने पर बिलगा में खुशी का माहौल है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 10:57 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 10:57 AM (IST)
नीना तांगड़ी को कनाडा के ओंटारियो में मंत्री बनाने पर बिलगा में खुशी की लहर
नीना तांगड़ी का परिवार मूलरूप से जालंधर के निकट बिलगा का रहने वाला है।

जालंधर, जेएनएन। कनाडा के ओंटारियो की सरकार में दो और भारतीय मूल के लोगों को मंत्रिमंडल में जगह मिल गई है। परम गिल और नीना टांगरी को मंत्री बनाया गया है। इससे पहले सरकार में केवल एक सिख मंत्री प्रभमीत सकारिया थे। अब ओंटारियो में तीन पंजाबी मंत्री हो गए हैं। नीना टांगरी को छोटे उद्योग और लालफीताशाही में कमी विभाग का सहायक मंत्री नियुक्त किया गया है। नीना का परिवार मूलरूप से जालंधर के निकट बिलगा का रहने वाला है। नीना तांगड़ी को मंत्री बनाने पर बिलगा में खुशी का माहौल है। कोरोना काल के चलते गांव के लोग इंटरनेट मीडिया पर ही शुभकामनाएं भेज कर खुशी जाहिर कर रहे हैं।

शीला रानी तांगड़ी डीएवी पब्लिक स्कूल बिलगा के प्रिंसिपल रवि शर्मा ने कहा कि उनके लिए यह गौरव का विषय है कि उनके चेयरमैन अश्विनी तांगड़ी की पत्नी नीना तांगड़ी को कनाडा में मंत्री बनाया गया है। उम्मीद है कि अब मंत्री बनने के बाद वह जल्द बिलगा आएंगी। सोमवार को स्कूल में आनलाइन टीचरों व विद्यार्थियों के साथ खुशी जाहिर करेंगे। बिलगा के करीब 78 देशभक्तों ने आजादी की लड़ाई में अहम रोल अदा कर इस छोटे से गांव का नाम सुनहरे अक्षरों दर्ज किया था। आजादी के बाद यहां की बहू नीना तांगड़ी ने कनाडा में मंत्री बन कर फिर से इस नगर का नाम दुनिया के नक्शे में ला दिया है।

वार्ड नंबर छह के पार्षद दलबीर सिंह ने भी तांगड़ी के मंत्री बनने पर खुशी जाहिर की है। कहा कि नीना तांगड़ी बिलगा के तांगड़ी परिवार की बहू हैं। हालांकि इस परिवार का कोई सदस्य अब बिलगा में नहीं रहता है। पूरा परिवार कनाडा में सेटल हो चुका है। उनका मकान जहां है, उसकी देखभाल के लिए एक परिवार को रखा है। फोन पर ही उनके साथ संपर्क रहता है। मंत्री बनने की सूचना मिलते ही इंटरनेट मीडिया पर शुभकामनाएं दी हैं।गांव में कोरोना के चलते लोग आपस में फोन पर ही खुशियां साझी कर रहे हैं। उन्होंने नीना के मंत्री बनने के बाद परिवार अपने पैतृक घर बिलगा जरूर आने की संभावना व्यक्त की है।

नीना तांगड़ी का मायका अमृतसर से संबंधित है। वे 1984 में इंग्लैंड में अश्वनी तांगड़ी से शादी करके तांगड़ी परिवार की बहू बनी थीं। विवाह के बाद नीना तांगड़ी परिवार समेत कनाडा में रहने लगी और वहां अपनी इंश्योरेंस कंपनी चलाने के साथ-साथ समाजसेवा के कार्यो में अग्रसर रहीं। वर्ष 1994 में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए प्रोग्रेसिव कंजरवेटिव पार्टी ने उन्हें चुनाव में मिसीगासा स्ट्रीटविले (टोरांटो) से उतारा। वे यहां से तीन बार चुनाव लड़ीं, लेकिन सफलता नहीं मिली। बावजूद इसके पार्टी ने इस बार भी उन पर पर भरोसा जताया और चौथी बार नीना ने मैदान फतेह किया था। 54 वर्षीय नीना तांगड़ी 24 साल से मिसीगासी की निवासी हैं। बिलगा में भी इस तांगड़ी परिवार ने विद्या के प्रसार के लिए अपनी 2 एकड़ जमीन दान करके डीएवी स्कूल खुलवाया, जिसका नाम उन्होंने अपनी माता शीला रानी तांगड़ी के नाम पर रखा। नीना तांगड़ी के पति अश्वनी तांगड़ी स्कूल के लोकल कमेटी के चेयरमैन हैं।

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