अवैध कालोनियों व कामर्शियल कांप्लेक्सों में जीरो वेस्ट मैनेजमेंट से एनजीटी नाराज, मांगी रिपोर्ट

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अवैध कालोनियों और अवैध कामर्शियल कांप्लेक्सों को कूड़ा प्रबंधन का सिस्टम खराब करने के लिए जिम्मेदार ठहराया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 08:17 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 08:17 AM (IST)
अवैध कालोनियों व कामर्शियल कांप्लेक्सों में जीरो वेस्ट मैनेजमेंट से एनजीटी नाराज, मांगी रिपोर्ट
अवैध कालोनियों व कामर्शियल कांप्लेक्सों में जीरो वेस्ट मैनेजमेंट से एनजीटी नाराज, मांगी रिपोर्ट

जगजीत सिंह सुशांत, जालंधर

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अवैध कालोनियों और अवैध कामर्शियल कांप्लेक्सों को कूड़ा प्रबंधन का सिस्टम खराब करने के लिए जिम्मेदार ठहराया। एनजीटी की मानिटरिग कमेटी के साथ मीटिग में कहा गया कि नगर निगम और कौंसिलों ने अवैध ढंग से विकसित हुए इलाकों में वेस्ट मैनेजमेंट के लिए कोई योजना नहीं बनाई। रिटायर्ड जस्टिस जसबीर सिंह की अध्यक्षता वाली मानिटरिग कमेटी में वातावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने पंजाब से जुड़े कई मुद्दे उठाए।

राज्य में बिना मंजूरी विकसित हुई कालोनियों, रेजिडेंशियल कांप्लेक्स, कामर्शियल कांप्लेक्स के मामले में कहा कि यहां न तो अथारिटी और ना ही प्राइवेट डेवलपर कूड़ा प्रबंधन की जिम्मेवारी ले रहा है। सालिड वेस्ट और लिक्विड वेस्ट के प्रबंधन पर डिस्ट्रिक्ट एनवायरमेंट प्लान में भी किसी भी शहर ने अवैध ढंग से विकसित हुए इलाकों में वेस्ट मैनेजमेंट के बारे जानकारी नहीं दी। मानिटरिग कमेटी ने कहा है कि इन इलाकों की जिम्मेवारी या तो डेवलपर्स लें या फिर अथारिटी काम करे।

वैध कालोनियों में गारबेज प्वाइंट के लिए कालोनी डेवलपर को जमीन रखनी पड़ती है लेकिन अवैध कालोनियों में ऐसी कोई जगह नहीं छोड़ी जाती। निगम और कौंसिल के लिए भी इन अवैध कॉलोनियों के आसपास डंप साइट उपलब्ध करवाना मुश्किल हो जाता है। इसी कारण से बिना मंजूरी विकसित हुए इलाकों में खाली प्लाटों, सड़कों किनारे डंप बन जाते हैं। एनजीटी का निर्देश है कि 31 मई 2021 तक जिला स्तर पर तैयार किए गए एनवायरमेंट प्लान में इन इलाकों में वेस्ट मैनेजमेंट की योजना बनाकर भेजी जाए। --------

गांवों में कूड़ा प्रबंधन पर मांगी योजना

एनजीटी की मानिटरिग कमेटी ने ग्रामीण इलाकों में कूड़ा प्रबंधन की स्थिति पर चिता जताई। कमेटी ने कहा है कि गावों में बड़ी मात्रा में कूड़ा निकल रहा है लेकिन इसके निपटारे के लिए कोई तरीका नहीं अपनाया जा रहा। गांवों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कूड़ा प्रबंधन हो रहा है लेकिन इसकी प्रोग्रेस काफी स्लो है। पंजाब सरकार के डिपार्टमेंट आफ रूरल डेवलपमेंट एंड पंचायत को निर्देश दिया कि गांवों में वेस्ट मैनेजमेंट पर गांव स्तरीय यह क्लस्टर लेवल पर प्लान बनाया जाए। लोगों को जागरूक करने के लिए सूचना, शिक्षा और संपर्क के तहत अभियान चलाया जाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों को आपरेट करने का काम भी तेज हो। करीब एक साल से एसटीपी को लेकर प्लान फाइनल नहीं हो पा रहा है। इस पर 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है।

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हाईवे के साथ लगाने होंगे पेड़

- एनजीटी के आदेश हैं कि हाईवे के साथ पेड़ लगाए जाएं। इसके लिए सभी संबंधित विभाग हाईवे अथारिटी के साथ संपर्क करके प्लान बनाएं।

- वायु प्रदूषण रोकने के लिए सड़कों पर मशीनी झाड़ू से सफाई से पहले पानी का छिड़काव किया जाए। इसके लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में साफ किया पानी इस्तेमाल किया जाए।

- नगर निगम कमिश्नर काला संघिया ड्रेन के साथ बायो-डायवर्सिटी पार्क डेवलप करने के लिए काम करें। इसके लिए एनवायरमेंट प्लान में पूरा विवरण भेजा जाए।

- सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में निकलने वाली गार को खेतों में खाद के रुप में इस्तेमाल करने का प्रबंध हो। किसानों को इसके लिए जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाए।

- सायल एंड वाटर कंजर्वेशन डिपार्टमेंट सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में साफ किए पानी को दोबारा इस्तेमाल में लाने के लिए योजना बनाए और वन विभाग से भी सहयोग ले।

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