नगर कौंसिल नकोदर की नई टीम से शहरवासियों को विकास की उम्मीदें
बहुमत से जीते व कांग्रेसी पार्षदों में प्रधान कौन बनेगा इसे लेकर शहरवासियों में उत्सुकता है। वहीं नए पार्षदों से लोगों को बहुत सी उम्मीदें हैं।
संवाद सहयोगी, नकोदर : नगर कौंसिल नकोदर के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के नोटीफिकेशन का लोगों को इंतजार हैं। बहुमत से जीते व कांग्रेसी पार्षदों में प्रधान कौन बनेगा, इसे लेकर शहरवासियों में उत्सुकता है। वहीं नए पार्षदों से लोगों को बहुत सी उम्मीदें हैं। पिछले समय में एक अरब से ज्यादा की राशि को विकास कार्यों के लिए लगाया गया, लेकिन शहरवासी अधूरे प्रोजेक्टों व अन्य समस्याओं से कई दशकों से परेशान हैं।
जब दैनिक जागरण ने शहरवासियों से जानना चाहा तो समाज सेवक मुनीष धीर ने कहा कि वर्ष 2006 में शहर में शत प्रतिशत जल सप्लाई व शत प्रतिशत सीवरेज व्यवस्था के प्रोजेक्ट का नींव पत्थर तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रखा था। 16 वर्ष बीत जाने के बाद भी प्रोजेक्ट अधूरा है। शहर के कुछ बाहरी हिस्से में और शहर के ज्यादा अंदरूनी हिस्से में सीवरेज का कार्य पूरा नहीं हुआ। इसके अलावा शहर के 17 वार्डो में सीवरेज समस्या को हल करने के लिए आधुनिक मशीनरी व सीवरमैन कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए, ताकि हर वार्ड में सीवरेज सुचारू रूप से चल सके।
यूथ वेलफेयर क्लब नकोदर के अध्यक्ष जसप्रीत सिंह ढिल्लों ने शहर के जर्जर हो चुके बस स्टैंड में सुधार के बारे में कहा कि नकोदर बस स्टैंड का निर्माण 1971 में हुआ था। अब इसकी जर्जर हालत है। पिछले 2 वर्षों से इसके अंदर जाने के लिए मनाही का चेतावनी बोर्ड भी लगाया हुआ है। इसकी छत के हिस्से सीमेंट का कचरा कई बार गिरकर कई लोगों को घायल कर चुका है। नई टीम को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। नगर कौंसिल नकोदर बस स्टैंड से आमदन तो प्राप्त कर रही है, लेकिन यात्रियों की मूलभूत सुविधाओं को अनदेखा किया गया है।
विवेक धीर ने कहा कि नगर कौंसिल नकोदर ने सड़क किनारे खड़ी होने वाली रेहड़ियों के लिए नई रेहड़ी मार्केट बनाई थी, लेकिन वहां रेहड़ियां लगाने वाले नहीं गए। रेहड़ी मार्केट जिस उद्देश्य के लिए बनाई थी, उस उद्देश्य को पूरा करने के लिए नगर कौंसिल की नई टीम कार्य करे। रेहड़ी मार्केट को शुरू करवाया जाए। उन्होंने कहा कि शहर में प्रसिद्ध धार्मिक स्थान होने के कारण श्रद्धालु भारी संख्या में नतमस्तक होने के लिए शहर में आते हैं, जिससे शहर में ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाने के लिए कोई कारगर योजना नहीं है। शहर की अंदर की सड़कों पर वाहनों का अक्सर जाम रहता है। नई टीम से यही आशा है कि शहर में ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए कारगर नीति बनाई जाए।
समाज सेवक अमृतपाल सिंह ने कहा कि इस बार नगर कौंसिल की नई टीम से उन्हें बहुत सी उम्मीदें हैं। शहर में बेसहारा पशुओं की संख्या बढ़ रही है। बड़ी संख्या में सांड सड़कों के बीच खड़े दिखाई देते हैं व आसपास में भिड़ते रहते हैं, जिससे राहगीर जख्मी भी हो जाते हैं। सड़कों के आसपास के दुकानदार भी हमेशा इनकी भिड़ंत से भयभीत रहते हैं। शहर के मोहल्लों में घूमते पशु शहरवासियों के लिए परेशानियों का कारण बने हुए हैं। सरकार ने इन पशुओं की भलाई के लिए जनता पर (गऊ टैक्स) काओ टैक्स भी लगा रखा है, परंतु इन्हें गोशाला में रखने के लिए अभी तक कारगर नीति नहीं बनाई गई है। नई टीम को इस ओर ध्यान देकर उचित कदम उठाने चाहिए।