दोआबा में एंट्री के बाद ’शैरी आन टाप’, जालंधर के 6 में से 4 कांग्रेस विधायकों ने सिद्धू से बनाए रखी दूरी

नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश प्रधान बनने से पहले दोआबा में एंट्री की और पूर्व कैबिनेट मंत्री अवतार हैनरी व उनके विधायक बेटे जूनियर हैनरी से मुलाकात की। वे वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहिंदर सिंह केपी से भी मिले।

By Edited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 06:30 AM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 08:35 AM (IST)
दोआबा में एंट्री के बाद ’शैरी आन टाप’, जालंधर के 6 में से 4 कांग्रेस विधायकों ने सिद्धू से बनाए रखी दूरी
सिद्धू रविवार शाम अवतार हैनरी के घर पहुंचे। यहां पंजाब के राजनीतिक इतिहास पर लंबी चर्चा की।

मनोज त्रिपाठी, जालंधर। रविवार को नवजोत सिद्धू ने प्रदेश प्रधान बनने से पहले दोआबा में एंट्री की और पूर्व कैबिनेट मंत्री अवतार हैनरी व उनके विधायक बेटे जूनियर हैनरी से मुलाकात की। वे वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहिंदर सिंह केपी से भी मिले। इसके बाद सिद्धू जालंधर से निकल गए और उसके कुछ ही देर बाद ही उन्हें पंजाब कांग्रेस का प्रधान बनाने की घोषणा 10 जनपथ से कर दी गई। कांग्रेस का गढ़ रहे जालंधर में सिद्धू की एंट्री के दौरान छह में से चार कांग्रेस विधायकों ने उनसे दूरी बनाए रखी। सिद्धू रविवार शाम अवतार हैनरी के घर पहुंचे। यहां पंजाब के राजनीतिक इतिहास पर लंबी चर्चा की। मौजूदा राजनीतिक हालात पर सीधे बात नहीं की लेकिन दौरे का मकसद ही मौजूद राजनीतिक हालात में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को यह इशारा देना था कि विधायक अब पाला बदल रहे हैं। इस चर्चा में कांग्रेस अध्यक्ष पद या मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई बड़ी बात नहीं की गई है।

नवजोत सिंह सिद्धू के पहुंचने से पहले ही हैनरी के घर विधायक परगट सिंह पहुंच गए थे। करीब एक घंटे तक पूर्व मंत्री अवतार हैनरी और विधायक बावा हैनरी से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते रहे। विधायक परगट सिंह तो पहले से सिद्धू के साथ थे लेकिन अब बावा हैनरी और संगत सिंह गिलजियां भी सिद्धू कैंप में आ गए हैं। अवतार हैनरी के कैप्टन अमरिंदर सिंह से संबंध अच्छे नहीं रहे हैं। अवतार हैनरी और बावा हैनरी से चर्चा के बाद सिद्धू पूर्व पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष मोहिंदर सिंह केपी से मिलने उनके घर गए। केपी भी इस समय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से नाराज चल रहे हैं। जालंधर में करीब दो घंटे तक रहने के बावजूद नवजोत सिद्धू ने मीडिया से बात नहीं की। वह मीडिया के सवालों के जवाब दिए ही चुपचाप निकल गए।

बेरी को दो बार फोन भी आया लेकिन वे नहीं आए

नवजोत सिंह सिद्धू को जालंधर में से दो विधायकों को साथ मिल गया है। परगट सिंह तो पहले ही साथ थे लेकिन अब विधायक बावा हैनरी और विधायक संगत सिंह गिलजियां भी खुलकर साथ आ गए है। जालंधर वेस्ट से विधायक सुशील रिंकू कैप्टन के करीबी हैं। चौधरी सुरिंदर सिंह और हरदेव सिंह लाडी शेरोवालिया ने भी सिद्धू से दूरी बनाए रखी। विधायक राजिंदर बेरी को हैनरी के घर पर होने वाली मीटिंग में शामिल होने के लिए नवजोत सिद्धू खेमे से दो बार फोन आया लेकिन बेरी ने मीटिंग में शामिल होने पर सहमति नहीं दी। बेरी रविवार को जालंधर में ही थे लेकिन मीटिंग से दूरी बनाए रखी।

शिष्टाचार के नाते मुलाकात, मौजूदा राजनीति हलचल से संबंध नहीं : हैनरी

पूर्व मंत्री अवतार हैनरी इसे शिष्टाचार मुलाकात बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कोई लड़ाई नहीं है। आपसी मतभेद होते रहते हैं और ऐसा कांग्रेस के गठन के समय ही होता रहा है। कांग्रेस एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी। हाईकमान का फैसला हमेशा से मान्य रहा है। नवजोत सिद्धू शिष्टाचार के नाते आए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगला चुनाव नार्थ हलके से उनके बेटे बावा हैनरी ही लड़ेंगे और पार्टी कहीं और से जिम्मेवारी देगी वह उसे निभाएंगे।

सांसद संतोख चौधरी का कार्यकारी प्रधान से पत्ता कटा

सिद्धू को प्रदेश प्रधान बनाए जाने के साथ ही चार कार्यकारी प्रधानों की भी घोषणा कर दी गई है, लेकिन इनमें चौधरी संतोख सिंह का नाम नहीं है। उनके स्थान पर दोआबा से संगत सिंह गिलजियां को कार्यकारी प्रधान बनाया गया। गिलजियां के साथ 2007 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की खटक गई थी। कैप्टन खेमे के प्रभाव के चलते गिलजियां का टिकट काट दिया गया था। इसके बाद गिलजियां आजाद चुनाव लड़कर जीते थे।

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