जालंधर में नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट के काम रुके, NHAI राज्य के हवाले कर चुका है अधिग्रहित जमीन का मुआवजा

नेशनल हाईवे बनाने के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा वितरित न हो पाना निर्माण शुरू हो पाने में सबसे बड़ी बाधा बन बैठा है। जालंधर बाईपास के निर्माण के लिए जालंधर में अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा लगभग 422 करोड़ रुपए बनता है।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 01:49 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 01:49 PM (IST)
जालंधर में नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट के काम रुके, NHAI राज्य के हवाले कर चुका है अधिग्रहित जमीन का मुआवजा
जालंधर में नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट के काम रुक गए हैं।

जालंधर [मनु पाल शर्मा]। नेशनल हाईवे बनाने के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा वितरित न हो पाना निर्माण शुरू हो पाने में सबसे बड़ी बाधा बन बैठा है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा पंजाब सरकार की जिला राजस्व अधिकारियों के हवाले कर चुका है। बावजूद मुआवजा वितरित ही नहीं किया जा रहा है। जमीन का मुआवजा न मिलने से जहां अपनी जमीन देने वाले किसान परेशान हैं, वही एनएचएआइ के लिए भी अब प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा पाना चुनौती बन बैठा है। जब तक जमीन मालिकों को अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा नहीं मिल जाता, तब तक हाईवे का निर्माण संभव नहीं है जबकि एनएचएआई निर्माण शुरू करने के लिए आगे निजी कंपनियों को काम भी अवार्ड कर चुका है।

जालंधर बाईपास के निर्माण के लिए जालंधर में अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा लगभग 422 करोड़ रुपए बनता है। इसमें से 80 करोड़ वितरित करने के लिए जालंधर के जिला राजस्व अधिकारी को दिया जा चुका है, लेकिन हैरानी इस बात की है कि इस पैसे में से मात्र 37 करोड़ ही वितरित किए जा सके हैं। एनएचएआई जालंधर प्रोजेक्ट डायरेक्टर कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक राजस्व विभाग की लेटलतीफी का ही उदाहरण है कि अभी तक मुआवजा बांटने के लिए रजिस्टर तक तैयार नहीं हुए हैं।

एनएचएआइ के नियमों के मुताबिक जब तक पहले दिए जा चुके पैसे को वितरित नहीं किया जाता है, तब तक आगे वाले पैसे राजस्व विभाग के हवाले नहीं किए जा सकते हैं। जालंधर बाईपास का निर्माण करतारपुर के नजदीक कारण गांव से लेकर नकोदर रोड पर स्थित कंग साबू गांव तक किया जाना है। इस बाईपास के निर्माण से अमृतसर, जम्मू एवं हिमाचल से आने वाले ट्रैफिक का भार उस बाईपास पर शिफ्ट हो जाएगा और जालंधर शहर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा। राजस्व अधिकारियों की हड़ताल के चलते अभी तक मुआवजा वितरित न हो पाने संबंधी प्रतिक्रिया लिया जाना संभव नहीं हो सका है।

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