गमगीन माहाैल में लोक गायिका गुरमीत बावा काे दी अंतिम विदाई, सांसद गुरजीत औजला ने अर्थी को दिया कंधा

पद्मश्री पूरन चंद वडाली ने कहा कि उनके साथ पेश किए सभी प्रोग्राम उनकी यादों का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि कलाकार फनकार कभी भी मरा नहीं करते हैं क्योंकि इस संसार को छोड़कर एक न एक दिन सब ने जाना है।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 01:14 PM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 01:14 PM (IST)
गमगीन माहाैल में लोक गायिका गुरमीत बावा काे दी अंतिम विदाई, सांसद गुरजीत औजला ने अर्थी को दिया कंधा
सांसद गुरजीत औजला ने कहा कि गायिका की याद में किसी घोषणा के लिए वह मुख्यमंत्री से बात करेंगे। जागरण

जागरण संवाददाता, अमृतसर। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभ्याचारक गायकी से अपनी अलग पहचान रखने वाली लंबी हेक की मलिका गुरमीत बावा को विभिन्न शख्सियतों ने श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने कहा कि गुरमीत बावा अपनी मिट्टी के साथ जुड़ी हुई कलाकार थीं। एक गांव से उठकर विदेशी धरती पर अपनी लंबी हेक से पंजाबी व हिंदी ही नहीं बल्कि अंग्रेजी भाषा के श्रोताओं को भी मंत्रमुग्ध कर दिया था।

गायिका को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला पहुंचे। उन्होंने गायिका की अर्थी को कंधा भी दिया। सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि गुरमीत बावा की याद में कोई न कोई घोषणा करने के लिए वह राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से जरूर बातचीत करेंगे। हालांकि श्मशान घाट में पहुंचे लोगों में यह भी चर्चा रही थी शहर से कई राजनीतिक लोग रहते हैं। लेकिन सांसद गुरजीत सिंह औजला को छोड़कर और किसी ने भी गुरमीत बावा की अंतिम यात्रा में शामिल होना मुनासिब नहीं समझा है। यही नहीं जिला प्रशासन पर भी प्रश्नचिन्ह लगाते हुए लोगों ने कहा कि राष्ट्रपति से अवार्ड हासिल करने वाली गायिका गुरमीत बावा को गार्ड ऑफ ऑनर जरूर देना चाहिए था, जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा कोई प्रयास ना करना चिंतनीय है।

गुरमीत बावा के बड़े भाई कैप्टन हजारा सिंह ने बताया कि गुरमीत बावा ने अपना ही नहीं बल्कि अपने पूरे परिवार का नाम रोशन किया है। उनकी यादें रहती दुनिया तक उन्हें याद रहेगी।

पद्मश्री पूरन चंद वडाली ने मरहूम गायिका गुरमीत बावा के विषय में अपनी यादें ताजा करते हुए कहा कि उनके साथ पेश किए सभी प्रोग्राम उनकी यादों का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि कलाकार फनकार कभी भी मरा नहीं करते हैं, क्योंकि इस फानी संसार को छोड़कर सब ने जाना है। वडाली ने कहा कि अक्सर ही जब वे स्टेज पर इकट्ठा हुआ करते थे, तो गुरमीत बाबा कहा करती थी कि वडाली साहब कृपया आप जुगनी मत गाना, क्योंकि वह मैंने पेश करनी है।

अदाकारा सतिंदर सती ने कहा कि गुरमीत बाबा एक ऐसी कलाकार थी, जिन्होंने शुरू से लेकर आज तक सभ्याचार को संभालने में अहम रोल अदा किया है। अक्सर ही वह जब स्टेज पर आया करती थी, तू वह अपने सिर को मुकम्मल तौर पर ढक कर और फुलकारी स्टेज पर गाया करती थी।

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