टकसाली कांग्रेसियों को सांसद चौधरी की दो टूक- चंडीगढ़ जा कर लगाओ धरना

सरकारी विभागों में होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों में अनदेखी के आरोप लगा रहे टकसाली कांग्रेसी नेताओं को सांसद चौधरी संतोख सिंह के घर से बैरंग लौटना पड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Aug 2021 09:31 PM (IST) Updated:Sun, 29 Aug 2021 09:31 PM (IST)
टकसाली कांग्रेसियों को सांसद चौधरी की दो टूक- चंडीगढ़ जा कर लगाओ धरना
टकसाली कांग्रेसियों को सांसद चौधरी की दो टूक- चंडीगढ़ जा कर लगाओ धरना

जागरण संवाददाता, जालंधर : सरकारी विभागों में होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों में अनदेखी के आरोप लगा रहे टकसाली कांग्रेसी नेताओं को सांसद चौधरी संतोख सिंह के घर से बैरंग लौटना पड़ा। सांसद के घर के बाहर धरना दे चुके खुद को टकसाली कांग्रेसी बताने वाले नेताओं ने सांसद चौधरी संतोख सिंह से मुलाकात करके एक बार फिर अनदेखी का मामला उठाया। सांसद ने इन नेताओं को तवज्जो नहीं दी। टकसाली नेताओं ने पिछले सप्ताह पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ भी चंडीगढ़ में मुलाकात करके यही मुद्दे उठाए थे। रविवार को जब यह सभी नेता एक बार फिर सांसद चौधरी संतोख सिंह से मिलने पहुंचे तो सांसद ने स्पष्ट कहा कि वह पार्टी नेताओं के लिए जो कर सकते हैं वो कर रहे हैं। सब कुछ उनके हाथ में नहीं है और अगर फिर भी किसी की तसल्ली नहीं है और उसे धरना लगाना है तो वह चंडीगढ़ जाकर प्रधान के खिलाफ लगाए। इसके बाद टकसाली नेता मायूस होकर लौट आए हैं। टकसाली नेता सांसद के व्यवहार से नाराज हैं और अब नए सिरे से प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। यह नेता अगले दिनों में भूख हड़ताल पर बैठने की योजना बना रहे हैं लेकिन यह प्रदर्शन कहां होगा यह अभी तय नहीं है। इन नेताओं में शामिल त्रिलोक सिंह सरां, परमजीत बल, राजीव कक्कड़, अंकित कत्याल, विजय मिटू, सोमनाथ प्रधान व अन्य की मांग है कि वे कई सालों से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें पार्टी में जगह नहीं दी जा रही। इन नेताओं का यह भी आरोप है कि सरकार में कई ऐसे लोग एडजस्ट कर दिए गए हैं जिनका पार्टी में कोई योगदान नहीं है। वही अब या नेता नए सिरे से अपना बात रखने की प्लानिग कर रहे हैं ताकि आने वाले समय में पार्टी पर दबाव बनाकर सरकारी विभागों में होने वाली नियुक्तियों में जगह पा सकें। इनमें से एक नेता का कहना है कि अगर उनकी सुनवाई ना हुई तो वह भूख हड़ताल शुरू करेंग। वहीं इन नेताओं के मोर्चे से आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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