न पीपीई किट मिली.. न संस्कार कराने स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची, कोरोना संक्रमित मृतक के परिजन लगाते रहे गुहार

मोगा प्रशासन की लापरवाही लगातार जारी है। कोरोना से मृत एक बुजुर्ग के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग की सूचना स्वास्थ्य विभाग के हेल्प लाइन नंबर 104 पर सूचना दी तो वहां से जबाव मिला कि स्वास्थ्य विभाग की टीम संस्कार कराने आएगी लेकिन कोई नहीं पहुंची।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Thu, 03 Jun 2021 01:33 PM (IST) Updated:Thu, 03 Jun 2021 01:33 PM (IST)
न पीपीई किट मिली.. न संस्कार कराने स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची, कोरोना संक्रमित मृतक के परिजन लगाते रहे गुहार
कोरोना मरीजों की मौत के मामले में मोगा प्रशासन की लापरवाही सामने आई है।

मोगा, जेएनएन। कोरोना मरीजों की मौत के मामले में जिला प्रशासन की लापरवाही लगातार जारी है। कोरोना से मृत एक बुजुर्ग के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग की सूचना स्वास्थ्य विभाग के हेल्प लाइन नंबर 104 पर सूचना दी, तो वहां से जबाव मिला कि स्वास्थ्य विभाग की टीम संस्कार कराने आएगी, कुछ देर बाद एक और फोन आया कि संस्कार करने वाले लोग पीपीई किट सिविल अस्पताल ले लें। कुछ देर बाद फिर एक फोन आया कि उन्हें पीपीई किट देने कोई नहीं आएगा वे शमशाट घाट पहुंचे, वहां से रसीद कटाकर एम्बुलेंस को सूचित करें। एम्बुलेंस शव लेकर पहुंचेगी, उसी में पीपीई किट होगी।

परिजनों ने शमशान घाट से पर्ची भी कटा ली, लेकिन सिवाय एम्बुलेंस और उसके ड्राईवर के कोई नहीं पहुंचा न ही एम्बुलेंस में पीपीई किट भेजी। परेशान होकर परिवार के लोगों ने शव पर कपड़ा लपेटकर बिना पीपीई किट के ही गांधी रोड स्थित शमशान घाट में संस्कार कर दिया।

क्या है मामला

पुराना मोगा निवासी महिंदर सिंह 94 वर्ष को एक सप्ताह पहले बुखार आने पर टेस्ट कराया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। महिंदर सिंह के बेटे बेटे जोगा सिंह ने बुधवार को सिविल अस्पताल के हेल्प लाइन नंबर 104 तक पिता की मौत की सूचना दे दी। साथ ही संस्कार में सहयोग की मांग की तो एक के बाद एक तीन बार फोन से आश्वासन मिले लेकिन देर शाम तक गांधी रो़ड स्थित शमशान घाट पर सहायता करने कोई नहीं पहुंचा न ही स्वास्थ्य विभाग ने पीपीई किट उपलब्ध कराईं।

मृतक के बेटे जोगासिंह का कहना है कि कई घंटे इंतजार के बाद आखिरकार उन्हें बिना पीपीई किट के ही संस्कार करना पड़ा। जिला प्रशासन की ओर से कोरोना संक्रमित के संस्कार में लापरवाही का पहला मामला नहीं है, जागरण पड़ताल में दो और मामले में प्रमुखता से वीरवार के अंत में प्रकाशित किए हैं, ये सिलसिला लगातार जारी है। आशंका है कि इसी प्रकार की लापरवाही के कारण इस बार जिले में कोरोना संक्रमण के आंकड़े काफी ज्यादा बढ़े।

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