पंजाब में सरकारी प्री प्राइमरी स्कूलों में बने माडल क्लासरूम, खेल-खेल में पढ़ाई कर रहे बच्चे

राज्य भर के सरकारी प्री-प्राइमरी स्कूलों में अब माडल क्लासरूम तैयार किए जा रहे हैं। यहां बच्चों की पढ़ाई को खास बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इन क्लासरूम में बच्चे खेल खेल में पढ़ाई कर रहे है।

By Rohit KumarEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 08:29 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 08:29 AM (IST)
पंजाब में सरकारी प्री प्राइमरी स्कूलों में बने माडल क्लासरूम, खेल-खेल में पढ़ाई कर रहे बच्चे
राज्य भर के सरकारी प्री-प्राइमरी स्कूलों में अब माडल क्लासरूम तैयार किए जा रहे हैं।

जालंधर, अंकित शर्मा। राज्य भर के सरकारी प्री-प्राइमरी स्कूलों में अब माडल क्लासरूम तैयार किए जा रहे हैं। जहां तीन से छह साल के बच्चों के लिए रंग बिरंगे बैंच व कुर्सियां बैठने के लिए और रंग बिरंगे खिलौने बच्चों को खेलने के लिए मिल रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई को खास बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। यह प्रयास बच्चों की खिलौनों के प्रति रूचियों को देखते हुए पाठ्यक्रम को उन्हीं के अनुरूप ढालते हुए किए जा रहे हैं।

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इसमें खिलौनों को पाठ्यक्रम का ही हिस्सा बनाया जा रहा है, जिससे बच्चे खेल-खेल के जरिए ही पाठ्यक्रम का भी ज्ञान हासिल कर रहे हैं। इसमें पज्लस, ब्लाक्स के जरिए अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं का ज्ञान दिया जा रहा है।

गौर हो कि शिक्षा विभाग की तरफ से प्राईवेट स्कूलों की तर्ज पर 2017 में ही करीब 13 हजार प्री प्राइमरी स्कूलों को शुरू किया गया है। जहां अब करीब साढ़े तीन लाख विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इससे पहले केवल सरकारी स्कूलों में क्लासें पहली कक्षा से ही शुरू होती थी।

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प्री प्राइमरी क्लासों के कमरों को स्मार्ट बना दिया गया है और उन्हीं में माडल क्लासरूम तैयार किए जा रहे हैं। जहां रंग बिरंगे फर्नीचर के साथ-साथ दीवारों पर क्लर कोडिंग व कार्टून आर्ट के जरिए बच्चों को आकर्षित किया जा रहा है। इसके साथ ही बच्चों की खेल-खेल के जरिए पढ़ाई में रूचि बनाए रखने के लिए खिलौनों से एक्टिवीटीज करवाई जा रही हैं। ताकि बच्चे खेल-खेल के जरिए लर्निंग मैथ्ड भी सीखते रहें।

बच्चों की शिक्षण प्रक्रिया को खेल विधि के जरिए आसान और प्रभावी बनाने के लिए शिक्षक जुटे हुए हैं। इसलिए गुण‌वत्ता वाले मटीरियल के साथ बने खिलौने बेहद खास हैं। यही नहीं स्कूलों में एलईडी व प्रोजेक्टर के जरिए भी विद्यार्थियों को कार्टून मूवी व कविताएं सिखाई जा रही हैं। जो उनकी बेहतरी के लिए लाभदायक सिद्ध हो रही हैं।

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