जालंधर में सुखबीर बादल की रैली में विधायक टीनू का मोबाइल व चंदन ग्रेवाल का पर्स हुआ चोरी, जानें पूरा मामला

जालंधर में सुखबीर बादल की रैली में विधायक पवन टीनू व चंदन ग्रेवाल की जेब कटी। जब पवन टीनू को मोबाइल के गायब होने का पता चला तो चारों तरफ मोबाइल की खोज की गई। ऐसे में सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली जाने लगी और पुलिस भी चौकस हो गई।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 05:18 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 05:18 PM (IST)
जालंधर में सुखबीर बादल की रैली में विधायक टीनू का मोबाइल व चंदन ग्रेवाल का पर्स हुआ चोरी, जानें पूरा मामला
जालंधर में सुखबीर बादल की रैली में विधायक पवन टीनू व चंदन ग्रेवाल की जेब कटी।

जागरण संवाददाता, जालंधर। जालंधर में जेसी रिसोर्ट में प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की रैली के दौरान आदमपुर के विधायक पवन कुमार टीनू का मोबाइल किसी व्यक्ति ने निकाल लिया। जब पवन टीनू को मोबाइल के गायब होने का पता चला तो चारों तरफ मोबाइल की खोज की गई। ऐसे में सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली जाने लगी और पुलिस भी चौकस हो गई। सतर्कता देखकर मोबाइल निकालने वाला व्यक्ति घबरा गया और फोन को गेट के पास छोड़ कर निकल गया। हालांकि विधायक पवन कुमार टीनू ने कहा कि जहां से मोबाइल बरामद हुआ है। वह उस हिस्से में गए ही नहीं थे। हालांकि इस मौके पर जालंधर सेंट्रल से अकाली दल के घोषित उम्मीदवार चंदन ग्रेवाल की जेब से उनका पर्स निकल गया जिसमें 15 हजार भी थे। विधायक पवन कुमार टीनू का मोबाइल तो बरामद हो गया लेकिन चंदन ग्रेवाल के पैसे बरामद नहीं हो सके।

पार्षद मनजिंदर चट्ठा फिर नहीं हुए अकाली दल में शामिल

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल शनिवार को चुगिट्टी चौक स्थित जेसी रिजॉर्ट में पहुंचे थे। बताया यह जा रहा था कि जेसी रिजॉर्ट के मालिक एवं भाजपा के पार्षद मनजिंदर चट्ठा अकाली दल में शामिल हो सकते हैं और सुखबीर बादल उन्हीं का पार्टी में स्वागत करने के लिए पहुंचे हैं। सुखबीर बादल तो दोपहर के समय पैलेस में पहुंच गए थे, लेकिन मनजिंदर चट्ठा अकाली दल में शामिल नहीं हुए। लंबा इंतजार किया गया, लेकिन संबोधन के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल वापस लौट गए। एक तरफ मनजिंदर चट्ठा की सेहत ठीक न होने का तर्क दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ बात यह भी चल रही है कि फिलहाल चट्ठा ने अकाली दल में शामिल होने के लिए थोड़ा वक्त और मांग लिया है। हालांकि इस बारे में आधिकारिक तौर पर चट्ठा अथवा सुखबीर बादल की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है।

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