जालंधर में कब्रिस्तान की जमीनों को कब्जा मुक्त करने के लिए प्रस्ताव पारित, जल्द होगी कार्रवाई

वक्फ बोर्ड द्वारा कब्रिस्तानों के लिए अलाट की गई जमीनों पर भूमाफिया तथा आसपास की जमीन मालिकों द्वारा भी कब्जा करने की शिकायतें अल्पसंख्यक कमीशन को दी गई थी। इस सिलसिले में बुधवार को हुई बैठक में इन जमीनों को कब्जा मुक्त करने का प्रस्ताव पारित हो गया।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 12:53 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 12:53 PM (IST)
जालंधर में कब्रिस्तान की जमीनों को कब्जा मुक्त करने के लिए प्रस्ताव पारित, जल्द होगी कार्रवाई
अल्पसंख्यक कमीशन पंजाब की बैठक में चेयरमैन प्रोफेसर इमानुएल नाहर व अन्य। (जागरण)

जालंधर, जेएनएन। कब्रिस्तान की जमीन को कब्जा मुक्त करने के लिए अल्पसंख्यक कमीशन पंजाब की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया है। जिसके तहत इन जमीनों को जल्द से जल्द कब्जा मुक्त करने तथा मुस्लिम व ईसाई भाईचारे को समर्पित करने का फैसला लिया गया। कमीशन के चेयरमैन प्रोफेसर इमानुएल नाहर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान अल्पसंख्यकों को पेश आ रही परेशानियों पर गंभीरता से विचार किया गया।

इस दौरान प्रोफेसर इमानुएल नाहर ने कहा कि वक्फ बोर्ड द्वारा कब्रिस्तानों के लिए अलाट की गई जमीनों पर भूमाफिया तथा आसपास की जमीन मालिकों द्वारा भी कब्जा करने की शिकायतें प्राप्त हुई है। इसके लिए गृह मंत्रालय, पेंडू विकास, पंचायत विभाग तथा सभी डिप्टी कमिश्नर को लिखा जाएगा। जिसमें कब्रिस्तान पर हुए कब्जों को हटाने के लिए सख्त कार्रवाई का प्रावधान तय करने को लेकर भी कहा जाएगा। इसी तरह ईसाई तथा मुस्लिम भाईचारे के धार्मिक स्थानों पर लगातार हो रहे हमले तथा उन्हें दरकिनार करने को लेकर भी सूचनाएं प्राप्त हुई है। इसके लिए मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव तथा डीजीपी से आग्रह कर अल्पसंख्यकों को व्यापक सुरक्षा मुहैया करवाना यकीनी बनाया जाएगा।

कमीशन के प्रदेश सदस्य नासिर सलमानी ने कहा कि अल्पसंख्यकों को रोजगार देने के लिए आंध्र प्रदेश, केरला, तमिलनाडु तथा कर्नाटक के तर्ज पर 5 प्रतिशत सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी अल्पसंख्यकों को सरकारी नौकरी से वंचित रखा गया है। इसके लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है। इसी तरह ईसाई तथा मुस्लिम भाईचारे से संबंधित 100 वर्ष से अधिक पुरानी ऐतिहासिक तथा धार्मिक इमारतों को हेरिटेज श्रृंखला में शामिल किया जाना चाहिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले की सराहना करते हुए आभार जताया गया। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से महिलाओं को अपने हिस्से का आसमान मिल सकेगा।

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