पॉलीथिन पर कागजी साबित हो रहे निगम के दावे, हर दुकान-रेहड़ी पर किया जा रहा इस्तेमाल Jalandhar News

निगम पिछले तीन साल से पॉलीथिन पर रोक लगाने की कोशिश कर रहा है लेकिन एक बार भी इस मुहिम को लंबा नहीं चला सका। हालात यह हैं कि निगम की रेड को भी लोग सीरियसली नहीं लेते।

By Edited By: Publish:Sun, 10 Nov 2019 09:33 PM (IST) Updated:Tue, 12 Nov 2019 10:56 AM (IST)
पॉलीथिन पर कागजी साबित हो रहे निगम के दावे, हर दुकान-रेहड़ी पर किया जा रहा इस्तेमाल Jalandhar News
पॉलीथिन पर कागजी साबित हो रहे निगम के दावे, हर दुकान-रेहड़ी पर किया जा रहा इस्तेमाल Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। पॉलीथिन बैग पर रोक के नगर निगम के दावे कागजी साबित हो रहे हैं। बाजारों में दुकानदार पॉलीथिन कैरी बैग में ही सामान दे रहे हैं, ढाबों से दाल लेनी हो या मिठाई की दुकान से दही, सब पॉलीथिन में मिल रहा है। कपड़ों की दुकानों पर नॉन वूवन बैग इस्तेमाल हो रहे हैं जो प्रतिबंधित कैटेगरी में ही आते हैं। निगम पिछले तीन साल से पॉलीथिन पर रोक लगाने की कोशिश कर रहा है लेकिन एक बार भी इस मुहिम को लंबा नहीं चला सका। मुहिम में बार-बार रुकावट से हालात यह हैं कि निगम की रेड को भी लोग सीरियसली नहीं लेते। एक दिन रेड करने के बाद निगम अफसर चुप हो जाते हैं और दुकानदार पॉलीथिन इस्तेमाल को जारी रख रहे हैं। केंद्र सरकार ने दो अक्टूबर से पॉलीथिन बैन पर सख्ती की और ऐलान किया था कि दिवाली तक देश को प्लास्टिक मुक्त करना है। इसके लिए घर-घर से प्लास्टिक वेस्ट इकट्ठा करने का मिशन था।

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर निगम ने चार वार्डों में प्लास्टिक वेस्ट इकट्ठा करने का अभियान चलाया था। वार्ड नंबर 12, 21, 42 और 64 में निगम अफसरों ने प्लास्टिक वेस्ट के लिए करीब 1000 वालंटियर के साथ लोगों को जागरूक भी किया और सड़कों, घरों और दुकानों से करीब सात टन प्लास्टिक वेस्ट, पॉलीथिन इकट्ठा किया था। यह प्लास्टिक वेस्ट सीमेंट फैक्टरी में फ्यूल, सड़क निर्माण और पावर प्लांट में इस्तेमाल के लिए देना था। इसे दिवाली तक डिस्पोज ऑफ करना था लेकिन अभी तक निगमों, कांउसिलों, पंचायतों को निर्देश नहीं मिला है कि इन्हें कहां दें। इसलिए इकट्ठा किया प्लास्टिक वेस्ट निगम के पास ही पड़ा है। निगम ने सिंगल यूज प्लास्टिक मैटीरियल और डिस्पोजएबल क्रॉकरी पर भी रोक लगाई हे लेकिन इस पर अभी सख्ती नहीं है।

मक्की के स्टार्च बैग हो सकेंगे इस्तेमाल

पॉलीथिन कैरी बैग के विकल्प के रूप मे मक्की के दानों के स्टॉर्च के कैरीबैग भी इस्तेमाल हो सकते हैं, लेकिन यह काफी महंगा पड़ता है। देश में सिर्फ 44 यूनिट ही ऐसे स्टॉर्च के कैरीबैग बना रहे हैं। यह मैटीरियल इंपोर्ट किया जाता है। पॉलीथिन कैरी बैग का विकल्प कपड़े के थैले हो सकते हैं। लोगों को इसकी आदत डालनी होगी। ढाबों पर फूड ग्रेन बॉक्स इस्तेमाल हो सकते हैं लेकिन फूड ग्रेन प्लास्टिक के बाक्स 25 से 30 रुपये कीमत के हैं। इन्हें दोबारा भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है।

पॉलीथिन इस्तेमाल पर पैनल्टी

आम पब्लिक : पहली 1000, दूसरी बार 2000 और तीसरी बार मामला कोर्ट जाएगा

स्टॉकिस्ट : पहली बार 25 हजार, दूसरी बार 50 हजार और तीसरी बार कोर्ट केस

निर्माता : पहली बार 50 हजार, दूसरी बार 1 लाख और तीसरी बार कोर्ट केस।

मल्टीलेयर प्लास्टिक वेस्ट को कंपनियां ही करेंगी मैनेज 

मल्टीलेयर प्लास्टिक वेस्ट को मैनेज करने का जिम्मा इन कंपनियों पर ही है। चिप्स, नमकीन की पैकिंग के रूप में इस्तेमाल होने वाले मल्टीलेयर प्लास्टिक को इन कंपनियों को वापस एकत्रित करना होगा। रैग पिकर्स से वापस लेकर मल्टीलेयर पैकिंग को कंपनियां डिस्पोज ऑफ करेंगी। पॉलीथिन रोक से वेस्ट मैनेजमेंट में भी आसानी होगी निगम पॉलीथिन और कूड़े की सेग्रीगेशन पर काम कर रहा है। अगर पॉलीथिन पर रोक का काम हो जाता है तो सेग्रीगेशन का काम खुद ही हो जाएगा। गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग करने से वेस्ट मैनेजमेंट आसान होगी। गीले कूड़े को खाद में बदला जाएगा और सूखा कूड़ा बिक जाएगा। अगर पॉलीथिन पर रोक लग जाती है तो गीले कूड़े का निपटारा करना आसान होगा। गीले कूड़े में पॉलीथिन मिक्स होना ही समस्या पैदा करता है। निगम ने कूड़े से खाद बनाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। गीले कूड़े में पॉलीथिन मिक्स न हो तो यह कूड़ा सीधे खाद बनाने में इस्तेमाल हो सकता है। गीले में से अगर सूखा कूड़ा अलग होने के बाद कूड़ा सिर्फ 60 प्रतिशत रह जाता है।

सुल्तानपुर लोधी में ड्यूटी पूरी होते ही एक्शन तेज करेंगे : हेल्थ अफसर

नगर निगम के हेल्थ अफसर डॉ. श्री कृष्ण ने कहा कि निगम के ज्यादातर अफसरों की ड्यूटी गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के आयोजन के लिए सुल्तानपुर लोधी में लगी है। आयोजन पूरा होने पर पॉलथीन रोक के लिए एक्शन शुरू करेंगे। इस बार यह मुहिम लगातार जारी रहेगी ताकि इसका असर नजर आना शुरू हो।

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