कोरोना महामारी में अंतिम संस्कार की लकड़ी के दामों में भारी बढ़ोतरी, पूरा स्टॉक होने के बावजूद विक्रेता कीमत बढ़ाने के मजबूर
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ने से शमशान भूमि में दाह संस्कार करने के लिए इस्तेमाल होने वाली लकड़ी के दाम एक दम से बढ़ गए है। पहले संस्कार में इस्तेमाल होने वाली लकड़ी का दाम तीन हजार रुपये थे।
गुरदासपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ने से शमशान भूमि में दाह संस्कार करने के लिए इस्तेमाल होने वाली लकड़ी के दाम एक दम से बढ़ गए है। पहले संस्कार में इस्तेमाल होने वाली लकड़ी का दाम तीन हजार रुपये थे। अब यह चार हजार तक पहुंच गया है। इस प्रकार लकड़ियों के दामों तेंतीस फीसद से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।
शमशानघाट के बाहर लकड़ी का कारोबार करने वाले कुछ कारोबारियों के मुताबिक कोरोना वायरस वैश्विक महामारी की वजह से ही लकड़ी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, क्योंकि पहले जहां सप्ताह में एक दो ही संस्कार होता था, वहीं अब रोजाना एक-दो संस्कार हो रहे हैं। जिसके चलते लकड़ी की डिमांड काफी बढ़ गई है। जिसके चलते श्मशानघाट के अंदर दाह संस्कार के लिए इस्तेमाल होने वाली लकड़ी के दाम में सीधा असर पड़ रहा है। एक तरफ जहां महामारी के चलते लोगों के कारोबार ठप हो रहे हैं और आए दिन लोगों को अपने की जान से हाथ धोना पड़ रहा है। वहीं लकड़ी महंगी होने के कारण लोगों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है।
गुरदासपुर के लकड़ी विक्रेता बलविंदर सिंह, जोबन सिंह आदि ने बताया कि लकड़ी की डिमांड एकदम से बढ़ने के चलते लकड़ी का प्रबंध करने में परेशानी हो रही है। जिसकी वजह से दामों में उछाल आ रहा है।
एक हजार तक हुई बढ़ोतरी
मृतक के दाह संस्कार के लिए श्मशान घाट में इस्तेमाल होने वाली लकड़ी पहले जहां तीन हजार रुपए तक आसानी से मिल जाती थी, वहीं अब इसका दाम बढ़कर चार हजार तक पहुंच गया है। लकड़ी कारोबारियों के मुताबिक 2020 में यह लकड़ी 2500 रुपए तक मिलती थी। जो कि 2021 तक आते आते तीन हजार हो गई है और अब अप्रैल महीने से इसके दाम बढ़कर चार हजार तक पहुंच गए है।
गुरदासपुर में सीएनजी व इलेक्टिक फ्यूनरल मशीनें नहीं
गुरदासपुर सिटी में इस समय चार श्मशानघाट है। इनमें से कहीं भी सीएनजी व इलेक्टिक फ्यूनरल मशीनों के माध्यम से संस्कार नहीं किया जाता है। जिसके चलते लगातार लकड़ी की डिमांड बढ़ रही है। लकड़ी विक्रेताओं का कहना है कि उनके पास संस्कार के लिए पर्याप्त लकड़ी है, लेकिन पीछे से आने वाली सप्लाई का दाम बढ़ने के चलते उन्हें भी मजबूरन दाम बढ़ाना पड़ रहा है।