Jammu-Kashmir Encounter : गुरदासपुर के शहीद मंदीप सिंह का पार्थिव शरीर पहुंचा घर, अंतिम विदाई देने के लिए उमड़े लोग
Jammu-Kashmir Encounter जम्मू कश्मीर के पुंछ क्षेत्र में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए मनदीप सिंह का पार्थिव शरीर गांव पहुंच गया है। सुबह से लोग शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचने का इतंजार करते रहे। मनदीप सिंह पुंछ में आतंकवादी हमले में शहीद हुए पांच सैनिकों में शामिल था।
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर। Jammu-Kashmir Encounter जम्मू कश्मीर के पुंछ क्षेत्र में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए मनदीप सिंह का पार्थिव शरीर गांव पहुंच गया है। सुबह से लोग शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचने का इतंजार करते रहे। 13 अक्टूबर को सरकारी सम्मान के साथ शहीद मनदीप सिंह का संस्कार किया जाएगा। मनदीप सिंह पुंछ में आतंकवादी हमले में शहीद हुए पांच सैनिकों में शामिल था और उनकी शहादत के कारण समूह क्षेत्र में मातम छा गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पूंछ सेक्टर के सुरनकोट में आतंकियों से लड़ते हुए अपने चार साथियों के साथ शहादत का जाम पीने वाले सेना की 16 राष्ट्रीय राइफल्स (11 सिख) गांव चट्ठा कलां के नायक मनदीप सिंह का आज सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनको अंतिम विदाई देने के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी यहां पहुंचेंगे। मंगलवार को शहीद के घर नेताओं व अधिकारियों का तांता लगा रहा।
शहीद मनदीप सिंह के घर पहुंचे कैबिनेट मंत्री बाजवा ने परिजनों के साथ किया दुख व्यक्त।
जन्मदिन से तीन पहले तिरंगे में लिपटकर लौटेंगे मनदीप
शहीद मनदीप सिंह की मां मंजीत कौर ने नम आंखों से बताया कि मंदीप का जन्म दिन 16 अक्टूबर को था, मगर जन्म दिन तीन दिन पहले बुधवार को वह तिरंगे में लिपटा हुआ आ रहा है। इस जन्मदिन पर मेरे बेटे ने मुझे जो शहादत रूपी तोहफा दिया है, उस दुख को मैं जीवन भर भुला नहीं पाऊंगी। उसके जाने से तो मेरी दुनिया उजड़ गई है।
40 दिन में ही बेटे के सिर से उठा पिता का साया
शहीद मनदीप सिंह अपने बेटे के जन्म पर एक महीने की छुट्टी काटकर 24 सितंबर को वापस यूनिट लौटा था। दस अक्टूबर को वीडियो काल कर पत्नी मंदीप कौर से बेटे का हाल जानते हुए कहा था कि अपनी सेहत का ध्यान रखना। मैं शीघ्र दोबारा छुट्टी आऊंगा। लेकिन पत्नी मंदीप कौर ने बताया कि मुङो क्या पता था कि उनका ये आखिरी फोन था। जिस बेटे के लिए वह दोबारा जल्दी छुट्टी आने की बात कर रहे थे, मात्र 40 दिन में ही उसके सिर से पिता का साया उठ जाएगा, जो उसने सपने में भी नहीं सोचा था।